प्रधानमंत्री सना मारिन को देश के आम चुनावों में बहुत कम अंतर से हार का सामना करना पड़ा है। सना मारिन की पार्टी ने फिनलैंड की संसद में अपनी सीटों की संख्या तो बढ़ाई किन्तु राष्ट्रीय स्तर पर मतों के मामले में तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। चुनाव में पहले स्थान पर रही दक्षिणपंथी नेता पेटेरी ओरपो की नेशनल कोलिशन पार्टी को इस चुनाव में 20.8 प्रतिशत वोट मिले। दूसरे स्थान पर एक अन्य दक्षिणपंथी पार्टी पॉपुलिस्ट फिन्स पार्टी रही। पॉपुलिस्ट फिन्स पार्टी को 20.1 प्रतिशत वोट मिले। प्रधानमंत्री सना मारिन की सोशल डेमोक्रेट पार्टी को 19.9 प्रतिशत वोट के साथ तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा।
यूक्रेन के साथ खुलकर खड़े होने और हाल ही में यूरोपीय यूनियन की सदस्यता के लिए फिनलैंड का पथ प्रशस्त होने से खासी चर्चित रहीं सना मारिन की लोकप्रियता पार्टी को चुनाव में जीत दिलाने के लिए पर्याप्त साबित नहीं हुई। नेशनल कोलिशन पार्टी की ओर से जीत का दावा किए जाने के ठीक बाद मारिन ने अपनी पार्टी की हार स्वीकार कर ली। चुनाव परिणामों के बाद नेशनल कोलिशन पार्टी के नेता पेटेरी ओरपो ने कहा कि फिनलैंड के लोग कुछ बदलाव देखना चाहते हैं और वे इन बदलावों के लिए ही सभी पार्टियों के साथ समझौता करेंगे। दूसरे स्थान पर रही दक्षिणपंथी पॉपुलिस्ट फिन्स पार्टी की नेता रीक्का पुर्रा ने नेशनल कोलिशन पार्टी को बधाई दी और कहा कि वे अपनी पार्टी के प्रदर्शन पर काफी खुश हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव में टॉप करने वाले दल की मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई है। चुनाव में सात सीट ज्यादा हासिल करना अपने आप में जबरदस्त सफलता है। (हि.स.)