नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने बुधवार को विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष (World Bank Group President) अजय बंगा (Ajay Banga) से नई दिल्ली में मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान सीतारमण और अजय बंगा ने आपसी हित के मुद्दों के अलावा भारत की जी-20 अध्यक्षता (India’s G-20 presidency) के परिणामों, विश्व बैंक के विकास और विभिन्न क्षेत्रों में भारत के साथ इसके जुड़ाव पर चर्चा की।
वित्त मंत्रालय की ओर से एक्स पोस्ट पर जारी एक बयान के मुताबिक विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष अजय बंगा ने वित्त मंत्री सीतारमण को बताया कि बहुपक्षीय वित्तीय संस्थान ने भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत स्वतंत्र विशेषज्ञ समूह द्वारा की गई सिफारिशों का अध्ययन करने के लिए एक टास्क फोर्स टीम का गठन किया है। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक ने अगले कुछ वर्षों में ध्यान केंद्रित करने के लिए आठ अद्वितीय वैश्विक चुनौतियों की पहचान की है, क्योंकि वे कई देशों को प्रभावित करती हैं और उन पर ध्यान देने की जरूरत है।
मंत्रालय के मुताबिक सीतारमण ने इस बैठक में इस बात पर जोर दिया कि विश्व बैंक को जलवायु और विकास रिपोर्ट में देश की प्राथमिकताओं और परिस्थितियों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। उन्होंने विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं में वित्त प्लस यानी बजट प्लस तत्वों पर विशेष जोर देने के साथ परियोजनाओं के कार्यान्वयन में एक समन्वित दृष्टिकोण की संभावना तलाशने की जरूरत पर भी जोर दिया।
वित्त मंत्री ने बैठक में कहा कि विश्व बैंक को वॉल्यूम-I ट्रिपल एजेंडा में शामिल सिफारिशों को आगे बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। इसके साथ बहुपक्षीय विकास बैंक (एमडीबी) वॉल्यूम-II में निहित सिफारिशें बड़े, बेहतर और साहसी होने चाहिए। भारत की अध्यक्षता में तैयार जी-20 स्वतंत्र विशेषज्ञ समूह की रिपोर्ट में कहा गया है कि एमडीबी ऐसी सुधार पहल के लिए विश्व बैंक की ओर देखते हैं।