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वित्त मंत्री ने राहुल गांधी की खटाखट योजनाओं पर उठाए सवाल, कांग्रेस से पूछा कहां से आएगा फंड

नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री (Union Finance and Corporate Affairs Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha elections 2024.) के दौरान कांग्रेस पार्टी (Congress Party.) को उसकी विभिन्न योजनाओं की घोषणाओं को लेकर आड़े हाथ लिया है। सीतारमण ने कांग्रेस से सवाल उठाते हुए पूछा कि गरीबी रेखा से नीचे परिवारों की महिलाओं को सालाना एक लाख रुपये देने समेत कई सामाजिक कल्याण योजनाओं को लागू करने की लागत को पूरा करने की योजना पार्टी कैसे बना रही है।

वित्त मंत्री ने ‘एक्स’ पोस्ट पर जारी एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व में हमारी सरकार के राजकोषीय प्रबंधन (विशेषकर कर्ज को लेकर) हाल के दिनों में बहुत कुछ कहा गया है। उन्होंने कहा कि कई बार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि पर विचार किए बिना पूर्ण आंकड़ों की तुलना की गई है, जबकि हम जीडीपी के आधार पर कर्ज की गणना करते हैं।

सीतारमण ने आगे लिखा है कि मैं कांग्रेस के उलट एक स्पष्ट तस्वीर सामने रखना चाहूंगी। कांग्रेस ऊंचे-ऊंचे वादों के पीछे चीजों को छिपाती है, जो कतई पारदर्शी नहीं हैं और वास्तविकता से कोसों दूर है। उन्होंने कहा, ‘‘क्या कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में किए गए ऊंचे-ऊंचे वादों की लागत पर विचार किया है? क्या उन्होंने गणना की है कि ‘खटाखट’ योजनाओं की वित्तीय लागत कितनी होगी? क्या वे उनके लिए बड़े पैमाने पर उधार लेंगे या वे इसके लिए कोष देने के लिए कर बढ़ाएंगे?

वित्त मंत्री ने पूछा, ‘‘क्या राहुल गांधी इन सवालों का जवाब देना चाहेंगे और बताएंगे कि उनकी राजकोष के मोर्चे अधिक खर्चे वाली योजनाएं बिना कर बढ़ाए या भारी उधार लिए और अर्थव्यवस्था को गिराए बिना कैसे काम करेंगी? अच्छा यह होगा कि वह देश के लोगों के लिए इन सवालों का जवाब दें। यह उनके लिए एक चुनौती है।

सीतारमण ने वित्त वर्ष 2003-04 से 2013-14 तक के यूपीए शासन के दौरान कर्ज के बारे में याद दिलाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का कर्ज 2004 के 18.74 लाख करोड़ रुपये से 3.2 गुना बढ़कर 2014 में 58.59 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि एनडीए का कर्ज 2.5 गुना बढ़ा है, जो यूपीए से कम है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2013-14 और वित्त वर्ष 2023-24 के बीच यह कम वृद्धि कोरोना महामारी के प्रभाव के बावजूद हुई।

सीतारमण ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 172.37 लाख करोड़ रुपये (संशोधित अनुमान) हो गया। इसमें 2.9 गुना वृद्धि हुई है, जो यूपीए सरकार के शासन के दौरान बढ़ोतरी से कम है। उस दौरान राजस्व में कमी के बावजूद केंद्र ने जरूरतमंद लोगों को राहत देने के लिए उधार लिया। वित्त मंत्री ने कहा कांग्रेस ने चुनाव में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए लोकलुभावन वादा किया है।