Friday, November 22"खबर जो असर करे"

श्रावण के आखिरी सोमवार धूमधाम से निकाली भगवान महाकाल की आठवीं सवारी

– आठ रूपों में श्रद्धालुओं को दिए दर्शन, गोपाल मंदिर पर हरि का हर से मिलन देख निहाल हुए भक्त

उज्जैन। सावन-भादौ मास में निकलने वाली सवारियों के क्रम में श्रावण मास के अंतिम सोमवार को विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल की आठवां सवारी धूमधाम से निकाली गई। इस दौरान बाबा महाकाल ने भक्तों को आठ रूपों में दर्शन दिए। सावन के अंतिम सोमवार को सोम प्रदोष का विशेष संयोग भी रहा, इसलिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए पहुंचे। सवारी जैसे ही गोपाल मंदिर पहुंचे वैसे ही हरि का हर से मिलन हुआ। पूरा इलाका जयकारों से गूंज उठा। इस दौरान गोपाल मंदिर के पुजारी द्वारा बाबा महाकाल का विशेष पूजन अर्चन किया गया।

महाकालेश्वर मंदिर से श्रावण महीने के अंतिम सोमवार को बाबा महाकाल की आठवीं सवारी मंदिर परिसर से शाम 4.00 बजे धूमधाम से निकली। सवारी के दौरान भगवान श्री महाकालेश्वर रजत पालकी में चन्द्रमौलेश्वर के रूप में विराजित हुए। वहीं हाथी पर मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव और नन्दी रथ पर उमा-महेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद, नवीन रथ पर घटाटोप स्वरुप और दूसरे नवीन रथ पर जटाशंकर और रथ पर नए स्वरूप रूद्रेश्वर मुखारविंद शामिल होकर अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकले।

सवारी के निकलने के पूर्व महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में सर्वप्रथम भगवान चन्द्रमौलेश्वर का षोडशोपचार से पूजन-अर्चन कर भगवान की आरती की गई। कलेक्टर व महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष कुमार पुरुषोत्तम, पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा, पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी महाराज, महापौर मुकेश टटवाल, नगर पालिक निगम आयुक्त रोशन सिंह, अपर कलेक्टर एवं प्रशासक संदीप सोनी, मंदिर प्रबंध समिति सदस्य पुजारी प्रदीप गुरु, राजेंद्र शर्मा ‘गुरु’, राम पुजारी आदि ने भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन-अर्चन किया और आरती में सम्मिलित हुए। पूजन-अर्चन मुख्य पुजारी पं. घनश्याम शर्मा द्वारा संपन्न कराया गया।

इसके बाद रजत पालकी में विराजित अवन्तिका के महाराज भगवान चन्द्रमौलेश्वर नगर भ्रमण की ओर रवाना हुए। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दिया गया। इसके बाद सवारी गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुंची। सवारी मार्ग में जगह-जगह पर खड़े श्रद्धालुओं ने जय श्री महाकाल के घोष के साथ उज्जैन नगरी के राजा भगवान महाकालेश्वर पर पुष्प वर्षा की। रामघाट पर भगवान चन्द्रमौलेश्वर व मनमहेश का मोक्षदायिनी मां शिप्रा के जल से अभिषेक पूजन किया गया। यहां पूजन के बाद सवारी परम्परागत मार्ग रामानुज कोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिकचौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची।

श्रावण के आखिरी सोमवार पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी अपनी धर्मपत्नी साधना सिंह के साथ उज्जैन पहुंचे। उन्होंने बाबा महाकाल के दर्शन कर पूजन-अर्चन किया और प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। इसके बाद उन्होंने महाकाल लोक का भी भ्रमण किया।