नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था के र्मोचे पर सरकार को राहत देने वाली खबर है। देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 13.5 फीसदी रही है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 20.1 फीसदी रही थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने बुधवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी है।
एनएसओ के जारी आंकड़ों के मुताबिक देश की विकास दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 15.2 फीसदी रही, जो एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में बहुत कम है। दरअसल, पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 20.1 रही थी। वहीं, पूरे वित्त वर्ष के दौरान भारत की कुल विकास दर यानी जीडीपी 8.7 फीसदी रही थी।
आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान जीडीपी ग्रोथ के शानदार आंकड़े अर्थव्यवस्था की मजबूत तस्वीर पेश कर रहे हैं। हालांकि, एनएसओ आंकड़ों के मुताबिक कोर सेक्टर आउटपुट की रफ्तार घटकर जुलाई में 4.5 फीसदी रही है। इसी तरह जुलाई तक चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में राजकोषीय घाटा 3.41 लाख करोड़ रुपये रहा है।
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने इस महीने की शुरुआत में अपनी मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक में कहा था कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर करीब 16.2 फीसदी रहने की संभावना है। आरबीआई का वित्त वर्ष 2022-23 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धिदर का अनुमान 7.2 फीसदी है जबकि वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही के लिए यह 16.2 फीसदी है। (एजेंसी, हि.स.)