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सर्वाइकल कैंसर को रोकने आरंभिक निदान और निवारण बेहतर उपाय 

अहमदाबाद ! अग्रणी हेल्थकेयर(स्वास्थ्य सेवा) प्रदाता अपोलो हॉस्पिटल्स-अहमदाबाद के अनुसार, सर्वाइकल (गर्भाशय ग्रीवा) कैंसर गुजरात और अन्य पड़ोसी राज्यों में एक मुख्य सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती के रूप में उभरा है। विशेष रूप से, 35 से 55 वर्ष की आयु की महिलाओं में इसके मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

प्रति वर्ष अंदाजित 1.27 लाख नए मामलों के साथ, गर्भाशय ग्रीवा कैंसर भारत में महिलाओं में दूसरा सबसे सामान्य कैंसर है। इस संदर्भ में प्रादेशिक रुझान, गुजरात और पड़ोसी राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में रोग व्यापकता की चिंताजनक स्थिति दर्शाते हैं।

अपोलो हॉस्पिटल्स-अहमदाबाद के अवलोकन के अनुसार, लोगों की जीवनशैली में बदलाव और जोखिम कारकों की प्रारंभिक शुरुआत के कारण, इन राज्यों से मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई है, जिनमें बडी संख्या में युवा महिलाएं भी शामिल हैं। स्थानांतरण पैटर्न और स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच में असमानताएं, सीमा पार रेफरल में विशेष योगदान करती हैं, जिससे अब व्यापक स्तरीय निवारक रणनीतियां अनिवार्य हो जाती हैं।

सर्वाइकल कैंसर की घटनाओं को कम करने में ह्युमन पेपिलोमावायरस (HPV) के खिलाफ टीकाकरण की सिद्ध प्रभावकारिता के बावजूद, सीमित जागरूकता और पहुंच के कारण देश में इसे अपनाने की दर बहुत कम है। सर्वारिक्स और गार्डासिल के साथ टीकाकरण से टीकाकृत आबादी में, ऐसे मामलों में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है। लेकिन, जागरूकता बढ़ाने और व्यापक टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए और भी अधिक प्रयासों की आवश्यकता है।

इसके अलावा, CERVAVAC वैक्सीन की शुरूआत से भारत में टीकाकरण अधिक सुलभ और सस्ता हो गया है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित, यह टीका देश के सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम में शामिल है, जो रोग से लड़ने में एक महत्वपूर्ण कदम है। पैप स्मीयर टेस्ट और एचपीवी डीएनए टेस्ट, जैसी स्क्रीनिंग पहलों ने प्रारंभिक पहचान में सफलता दिखाई है, जिससे जीवित रहने की दर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

अपोलो हॉस्पिटल्स, वेस्टर्न इंडिया के कंसल्टेंट रोबोटिक (यूरो और गायनेक) ऑन्कोसर्जन डॉ. स्वाति शाह ने कहा कि, “गर्भाशय ग्रीवा कैंसर को टीकाकरण और प्रारंभिक जांच के माध्यम से काफी हद तक रोका जा सकता है। इसके बावजूद भी, जागरूकता की कमी और निवारक देखभाल तक अपर्याप्त पहुंच के कारण बडी संख्या में महिलाएं जोखिम में हैं। अपोलो हॉस्पिटल्स अहमदाबाद में, हम जागरूकता बढ़ाने, स्क्रीनिंग प्रोग्राम का विस्तार करने और मरीजों के परिणामों को बेहतर बनाने के लिए अत्याधुनिक उपचार विकल्प प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए तत्काल और ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है।”

स्कॉटलैंड में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि, HPV के विरुद्ध पूर्ण टीकाकरण करा चुकी महिलाओं में गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर का कोई मामला नहीं पाया गया। इसी तरह, ऑस्ट्रेलिया गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर का टीकाकरण करने वाला पहला देश बनने की ओर अग्रसर है। इन प्रयासों की सफलता, गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर के खिलाफ टीकाकरण से बांझपन होने के मिथक को भी असरकारक तरीके से दूर करती है।

रोबोटिक और मिनिमली इनवेसिव सर्जरी (MIS) के साथ-साथ बेहतर रेडियोथेरेपी तकनीकों सहित उपचार में प्रगति ने मरीजों के स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार किया है। हालांकि, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां स्वास्थ्य सेवा की पहुंच सीमित है, वहां प्रारंभिक पहचान और रोकथाम को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक सहभागिता बढ़ाना और सरकार के नेतृत्व में जागरूकता अभियान चलाना बहुत ही महत्वपूर्ण है।

अपोलो हॉस्पिटल्स-अहमदाबाद अत्याधुनिक उपचार और सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों के माध्यम से गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी बना हुआ है। भविष्य में कोई भी महिला रोकथाम योग्य बीमारी का शिकार न हो, इसके लिए अपोलो हॉस्पिटल्स सभी सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं।