– 14 अप्रैल को महू और महेश्वर में होंगे कार्यक्रम, ग्वालियर में 16 अप्रैल को होगा डॉ. अंबेडकर महाकुंभ
भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि भारतीय संविधान और आधुनिक भारत के निर्माता भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती (Birth anniversary of Dr. Bhimrao Ambedkar) पर महू, महेश्वर और ग्वालियर में होने वाले कार्यक्रम पूर्ण भव्यता और गरिमा (program full grandeur and dignity) के साथ किए जाएँ। डॉ. अंबेडकर की जयंती पर 14 अप्रैल को महू और महेश्वर में कार्यक्रमों के आयोजनों के साथ ही 16 अप्रैल को ग्वालियर में डॉ. अंबेडकर महाकुंभ (Dr. Ambedkar Mahakumbh in Gwalior) किया जा रहा है। भारत रत्न डॉ. अंबेडकर का गरीब, दलित और वंचितों के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान है। सभी महाकुंभ में शामिल हों और डॉ. अंबेडकर के प्रति अपना आदर भाव प्रकट करें।
मुख्यमंत्री चौहान बुधवार देर शाम डॉ. अंबेडकर की जयंती पर होने वाले कार्यक्रमों के लिए जारी तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री निवास स्थित कार्यालय भवन समत्व में हुई बैठक में केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद वीडी शर्मा, हितानंद शर्मा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे। इंदौर, खरगोन और ग्वालियर के कलेक्टर वर्चुअली जुड़े। मुख्यमंत्री चौहान ने ग्वालियर महाकुंभ संबंधी ग्वालियर के गणमान्य नागरिकों से भी वर्चुअली चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. अंबेडकर महाकुंभ प्रदेश में विकास और कल्याण की नई दिशा का आरंभ होगा। इसके आयोजन और व्यवस्था में सभी पंचायत प्रतिनिधि, जन-प्रतिनिधि अपना दायित्व निभाएँ। ग्वालियर महाकुंभ क्षेत्र के लिए सौभाग्य का विषय है, प्रत्येक गाँव का महाकुंभ में प्रतिनिधित्व हो। आवागमन, बैठक और पेयजल व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए।
संत रविदास मंदिर व कला संग्रहालय में रविदास की शिक्षा का हो प्रभावी प्रस्तुतिकरण
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि संत रविदास का दर्शन और समाज-सुधार के लिए उनके संदेशों का समाज पर बहुत प्रभाव पड़ा। यह संदेश आज भी प्रासंगिक हैं। सागर में बनने वाले संत रविदास मंदिर एवं कला संग्रहालय में संत रविदास की शिक्षा और संदेशों का प्रस्तुतिकरण प्रभावशाली तरीके से किया जाए। ओरछा में रामराजा सरकार मंदिर के विकास में श्रीराम के बाल स्वरूप और बाल लीलाओं को प्रदर्शित किया जाए।
मुख्यमंत्री चौहान बुधवार शाम को प्रदेश में धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों के विकास संबंधी मुख्यमंत्री निवास स्थित भवन समत्व में हुई बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में छिंदवाड़ा में विकसित हो रहे जामसावली हनुमान लोक, त्यौंथर रीवा स्थित कोलगढ़ी तथा सलकनपुर देवी मंदिर विकास के लिए जारी गतिविधियों पर भी चर्चा हुई।
बैठक में संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर, मुख्य सचिव इकबालसिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन शिव शेखर शुक्ला उपस्थित थे। सागर, रीवा, छिंदवाड़ा और निवाड़ी के कलेक्टर तथा विभिन्न परियोजनाओं के वास्तुविद वर्चुअली शामिल हुए।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि संत रविदास मंदिर और कला संग्रहालय के लिए न्यास का गठन कर सृजनात्मक और गुणवत्ता के साथ समय-सीमा निर्धारित कर कार्य पूर्ण किया जाए। ओरछा में रामराजा सरकार मंदिर की विकास परियोजना में स्थानीय समुदाय की सहभागिता सुनिश्चित की जाए। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि आस-पास की दुकानों तथा व्यापारिक प्रतिष्ठानों का कार्य प्रभावित न हो।
जामसावली हनुमान लोक का निर्माण स्थानीय मान्यताओं को ध्यान में रखते हुए किया जाए। कोलगढ़ी में कोल गौरव का प्रभावी प्रदर्शन हो तथा यहाँ कोल राजाओं की मूर्ति के साथ भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा भी स्थापित की जाए।
बैठक में जानकारी दी गई कि संत रविदास मंदिर का आकल्पन अगम शास्त्र के अनुसार किया जा रहा है। इसमें कला संग्रहालय, संत निवास और पुस्तकालय का निर्माण भी किया जाएगा। जामसावली के हनुमान लोक में मंदिर कॉम्प्लेक्स के साथ संजीवनी वन, हनुमान जी के विभिन्न स्वरूपों का प्रदर्शित करते अमर पथ के निर्माण की योजना है। रामराज सरकार मंदिर में भव्य प्रवेश परिसर, मंदिर परिसर तथा धर्मशाला विकसित की जा रही है। चतुर्भुज मंदिर को भी परिसर से जोड़ा जाएगा। रीवा स्थित कोलगढ़ी के आस-पास उद्यान आदि भी विकसित किए जाएंगे। सलकनपुर देवी मंदिर में अद्यतन तकनीक के साथ नया रोप-वे विकसित करने की योजना है। (एजेंसी, हि.स.)