Sunday, November 10"खबर जो असर करे"

भक्ति की शक्ति सकारात्मक ऊर्जा प्रदान कर ऊर्जावान कार्य के लिए करती है प्रेरितः शिवराज

– गायत्री दीप महायज्ञ एवं 24 कुंडीय गायत्री यज्ञ में शामिल हुए मुख्यमंत्री चौहान

भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि भक्ति में विशेष शक्ति (special power in devotion) होती है और वह शक्ति हमें सकारात्मक ऊर्जा (positive energy) प्रदान कर ऊर्जावान कार्य करने के लिए प्रेरित करती है। मनुष्य अपने व्यस्ततम जीवन (man’s busiest life) में से कुछ समय निकाल कर अपने अंतर्मन की आवाज को भी सुने। अंतर्मन की आवाज सुनने के लिए योग साधना एवं ध्यान का सहारा लिया जा सकता है। ध्यान करने से जहाँ हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा आती है, वहीं हम दूसरों के लिए कुछ विशेष कार्य करने के लिए भी प्रेरित होते हैं। अगर हम मनुष्य जीवन में आए हैं तो दूसरों के लिए ऐसा कुछ कर जाए, जो हमारे जाने के बाद भी याद रहे।

मुख्यमंत्री चौहान गुरुवार को बड़वानी जिले के ग्राम साली टांडा में गायत्री दीप महायज्ञ एवं 24 कुंडीय गायत्री यज्ञ के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल होकर उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने ग्राम साली टांडा में गायत्री परिवार के संस्थापक स्व. डेमनिया भाई की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और डेमनिया भाई की पत्नी कुमायड़ी दीदी एवं रूपसिंग बाबा का सम्मान भी किया।

मुख्यमंत्री ने गायत्री परिवार द्वारा ग्राम साली टांडा सहित आसपास के ग्रामों में व्यसन मुक्ति के लिए किए गए प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में 1 अप्रैल से शराब के सभी अहाते बंद कर दिए गए हैं। उन्होंने बेटी बचाओ अभियान में उन जनजातीय भाइयों को प्रणाम किया जो बेटा एवं बेटी में भेदभाव नहीं करते हैं। मुख्यमंत्री ने क्षेत्रवासियों की मांग पर डेमनिया भाई की समाधि-स्थल पर स्मारक बनाने या सामुदायिक भवन बनाने की बात कही।

मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम प्रखर प्रज्ञा एवं सजल श्रद्धा पर शीश नवाकर माता गायत्री के मंदिर में दर्शन एवं पूजा-अर्चना की। उन्होंने दीप जला कर दीप महायज्ञ की शुरुआत की।

इस दौरान देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने मुख्यमंत्री को माँ नर्मदा का जल, रुद्राक्ष की माला, गुरूदेव द्वारा बनाया गया माता गायत्री का चित्र, डेमनिया बाबा एवं गुरुदेव का संयुक्त चित्र तथा जनजातीय संस्कृति की पहचान तीर-कमान भेंट किये। डॉ. चिन्मय पंड्या ने गायत्री महामंत्र का उच्चारण कर मंत्र का महत्व बताया। (एजेंसी, हि.स.)