Friday, September 20"खबर जो असर करे"

प्रदेश का विकास और जनता का कल्याण ही मेरी जिंदगी का मकसद : CM शिवराज

– मुख्यमंत्री चौहान ने भन्नी वृहद सूक्ष्म सिंचाई परियोजना का शिलान्यास किया
– तेंदूपत्ता संग्राहक को बांटा 51 करोड़ रुपये का बोनस

भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि प्रदेश का विकास (Development of the region) और जनता का कल्याण (Welfare of the public) ही मेरी जिंदगी का मकसद है। इसे पूरा करने के लिए मुझे आप सभी का सहयोग चाहिए। प्रदेश में बहन-बेटियों की जिंदगी सँवारने के लिए सामाजिक क्रांति चल रही है। यदि बहने सुखी हैं तो मेरी जिंदगी सफल है।

मुख्यमंत्री चौहान बुधवार को शहडोल जिले के ब्यौहारी में लाड़ली बहना सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने तेंदूपत्ता संग्राहकों को 51 करोड़ रुपये के बोनस का वितरण भी किया। बहनों ने अपने लाड़ले भैया शिवराज को राखी बांधी, उनके लिए गीत गाया, अभिनंदन-पत्र का वाचन किया और धन्यवाद ज्ञापित किया। मुख्यमंत्री ने 327 करोड़ 51 लाख रुपये की लागत वाली भन्नी वृहद सिंचाई परियोजना का शिलान्यास किया। उन्होंने जिला प्रशासन की पुस्तक “सफल-सबल शहडोल” का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री ने ब्यौहारी को मिनी स्मार्ट सिटी बनाने, रिंग रोड औरपुल निर्माण सिहत बाण सागर में इसी सत्र से कॉलेज खोलने की घोषणा की।

लाड़ली बहना योजना सामाजिक क्रांति, हर पात्र बहन को मिलेगा योजना का लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाड़ली बहना योजना (Ladli Behna Scheme) एक सामाजिक क्रांति है। यह बहनों की जिंदगी में सम्मान लाएगी और उनका आत्म-विश्वास बढ़ेगा। काफी सोच-विचार के बाद यह योजना बनाई गई है। इसमें बहनों के खाते में हर माह 1000 रूपये दिए जाएंगे। ऐसे परिवार जिनकी वार्षिक आय ढाई लाख से कम हो, भूमि 5 एकड़ से कम हो और चार पहिया वाहन न हो, की 23 से 60 वर्ष तक की बहनों को इस योजना का लाभ मिलेगा। योजना के लिए हर वार्ड और गाँव में शिविर लगाए जाकर फार्म भरे जाएंगे। फार्म भरने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल है। यदि इसके बाद भी नाम छूट गए तो उन्हें भी जोड़ा जाएगा। हर पात्र बहन को योजना का लाभ मिलेगा।

उन्होंने योजना की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मैंने बचपन से देखा कि बेटियों के प्रति पूरा न्याय नहीं होता था। उन्हें घर, परिवार और समाज में बेटों के बराबर सम्मान नहीं मिलता था। तब मैंने मन में ठान लिया था कि मैं बेटियों के सम्मान के लिए निरंतर संघर्ष करूँगा। मैंने मुख्यमंत्री बनते ही लाड़ली लक्ष्मी योजना बनाई। इसके बाद मुख्यमंत्री कन्या विवाह /निकाह, गाँव की बेटी और प्रतिभा किरण जैसी अनेक योजनाओं से बहन-बेटियों के कल्याण के कार्य होते चले गए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पंचायतों और नगरीय निकाय में बहनों को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। इससे वे राजनीतिक क्षेत्र में भी सशक्त हो रही है। पुलिस की भर्ती में बहनों को 30 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है। प्रदेश में नशे पर नैतिक अंकुश लगाया गया है। शराब के अहाते बंद कर दिए गए हैं।

पेसा नियम ने जनजाति भाई-बहनों को दिलाए हैं उनके अधिकार
चौहान ने कहा कि पेसा नियम के लागू हो जाने के बाद जनजातीय क्षेत्रों में जनजातीय भाई-बहनों को जल, जंगल और जमीन के अधिकार मिले हैं। अब तेंदूपत्ता संग्राहक स्वयं तेंदूपत्ता तोड़ कर बेच सकते हैं। अपने क्षेत्र की पत्थर और गिट्टी की खदानों को संचालित कर सकते हैं। छोटे-मोटे झगड़े गाँव की शांति और विवाद निराकरण समिति ही निपटा देती है। अब आपकी जमीन कोई नहीं हड़प सकता।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने कर्जा माफी की घोषणा पूरी नहीं की, जिससे लाखों किसान डिफॉल्टर हो गए। हमारी सरकार उन सब किसानों के ब्याज की राशि भरवा कर उन्हें जीरो प्रतिशत ब्याज पर फसल ऋण दे रही है। किसानों के ऊँचे-नीचे खेतों में भी पाइप लाईन बिछा कर पानी पहुँचाया जा रहा है। निजी स्कूलों से बेहतर शिक्षा देने के लिए सीएम राइज स्कूल खोले जा रहे हैं, जो सभी सुविधाओं लाइब्रेरी, प्रयोगशाला, खेल मैदान आदि से युक्त हैं। प्रत्येक सीएम राइज स्कूल लगभग 35 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है और 25 किलोमीटर दूर तक के विद्यार्थियों को लाने के लिए बसों की व्यवस्था की जा रही है।

सम्मेलन में वन मंत्री कुंवर डॉ. विजय शाह और केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, सांसद रीति पाठक और विधायक शरद कोल ने भी संबोधित किया। इस मौके पर जनजाति कल्याण मंत्री मीना सिंह, जिले के प्रभारी मंत्री राम खेलावन पटेल सहित जन-प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में महिलाएँ एवं नागरिक मौजूद रहे। (एजेंसी, हि.स.)