Friday, November 22"खबर जो असर करे"

विकास और विरासत का बेहतरीन संतुलन ‘मोदी की गारंटी’ में

– डॉ. राघवेंद्र शर्मा

देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘भाजपा का संकल्प पत्र-मोदी की गारंटी’ नाम से जारी चुनाव घोषणा पत्र प्रस्तुत कर जहां एक ओर मतदाताओं के हृदय को स्पर्श करने में सफलता प्राप्त की है, वही विरोधियों के मुंह पर ताले जड़ दिए हैं। सभी प्रकार की आशंकाओं को परे रखते हुए उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि 04 जून के बाद इस गारंटी पर एक्शन प्लान शुरू कर दिया जाएगा। उनका यह कथन कि “जिन्हें कोई नहीं पूछता उन्हें हम पूजते हैं” यह प्रमाणित करता है कि यह संकल्प पत्र सुविधा की दृष्टि से अंतिम पायदान पर खड़े दरिद्र नारायण के लिए भी संभावनाओं के नए द्वार खोलता है। साथ ही यह भरोसा दिलाता है कि आम मतदाता को इस पर विश्वास करने में किसी भी प्रकार की शंका नहीं करनी चाहिए। ऐसा सोचने के लिए एक तर्क यह भी है कि अपने स्थापना काल से ही भारतीय जनता पार्टी जिन मुद्दों को लेकर संघर्ष करती आई है, सत्ता में आते ही उन्हें पूरा करने में किसी प्रकार का संकोच नहीं दिखाया है।

किसने सोचा था कि हम कभी कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटते हुए देख पाएंगे। लेकिन भाजपा की मोदी सरकार ने यह करिश्मा तब कर दिखाया जब विरोधियों ने दावे किए थे कि ऐसा करने पर देश में भारी बवाल पैदा होगा, एक प्रकार से देश जल ही उठेगा। पूरे 500 साल हुए, जब से लाखों लोगों ने अयोध्या की श्रीराम जन्मभूमि को स्वतंत्र करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। मुगल तो हमारे दुश्मन और विदेशी लुटेरे थे। अतः उनका मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाना समझ में आता है। लेकिन आजाद भारत में हमारे देश की, हमारी अपनी धर्मनिरपेक्ष सरकारें राम जन्मभूमि स्वतंत्रता आंदोलन में अड़ंगे पैदा करती रहीं। अदालत में भगवान श्रीराम को इन्हीं सरकारों से संबंधित वकीलों ने कपोल कल्पित कहने में शर्म महसूस नहीं की। अयोध्या की सड़कें कार सेवकों के खून से लाल कर दीं और सरयू का पानी रक्त रंजित कर दिया। किंतु जैसे ही भाजपा सरकार में आई और मंदिर समर्थकों को अपना पक्ष रखने का अनुकूल वातावरण मिला, वैसे ही सर्वोच्च न्यायालय द्वारा श्रीराम जन्मभूमि स्वतंत्र होने की घोषणा कर दी गई। आदेश सामने आते ही भाजपा शासित मोदी सरकार ने पल भर की देर नहीं लगाई और भव्य श्रीराम मंदिर का केवल शिला पूजन ही नहीं किया, वरन् भगवान की भव्यतम प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा भी करके दिखा दी।

भाजपा का तीसरा संकल्प समान नागरिक संहिता का था। वह भी उसने उत्तराखंड के रास्ते स्थापित करने का प्रण उजागर कर दिया है। अब जो संकल्प पत्र प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 14 अप्रैल को पढ़ा गया है, उसमें वादा किया गया है कि अगले कार्यकाल में हम समान नागरिक संहिता भी लागू करने जा रहे हैं। आशय स्पष्ट है भाजपा के तीन प्रमुख संकल्प थे। इनमें से पहले कालखंड में अनुच्छेद 370 को हटाया जाना समाहित माना जाए, तो दूसरे कालखंड की सौगात अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर को माना जा सकता है। जब भाजपा शासन के दो कालखंडों में अपने दो महत्वपूर्ण और असंभव से प्रतीत होने वाले संकल्प पूरे कर चुकी है, तब मतदाता को यह भरोसा करना ही चाहिए कि अब जब जनता भाजपा को तीसरे कालखंड का जनादेश देने जा रही है तब वह अपना तीसरा संकल्प समान नागरिक संहिता का भी पूरा करके दम लेगी।

इसी के साथ यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि विरोधी लोग अपनी हार को सम्मुख देखते हुए भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं कि वह केवल मंदिरों और देवलोकों की बात करके देश को भरमा रही है। जबकि सच यह है कि भारतीय जनता पार्टी तथा उसके द्वारा शासित विभिन्न प्रदेशों की सरकारें व केंद्र की मोदी सरकार “विकास और विरासत” को साथ लेकर नए भारत का ताना-बाना बुन चुकी हैं। उदाहरण के लिए जहां अयोध्या के श्रीराम मंदिर, वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर, दक्षिण भारत की पवित्र सैंगोल, मध्य भारत के महाकाल लोक, पश्चिमी भारत की द्वारकापुरी और पूर्वी भारत में मां काली के विराट प्रादुर्भाव की बातें की जाती हैं तो उन्हें साकार भी किया जाता है। इसी हमारे देश की सनातन विरासत को सहेजने का क्रम माना जाना चाहिए।

जहां तक विकास की बात है तो अब भारत में सुरक्षा का क्षेत्र आत्मनिर्भर हो चला है। औद्योगिक क्षेत्र में वैश्विक स्तर के बड़े-बड़े निर्माण मेकिंग इंडिया के तहत हमारे देश में ही हो रहे हैं। वंदेभारत के रूप में अत्याधुनिक ट्रेनों की व्यापक शृंखलाएं पूरे देश के यातायात को सुगम कर रही हैं। राष्ट्रीय नेशनल मार्गों की फोरलेन सिक्स लेन और अब आठ लेनों वाली शृंखलाएं तथा आश्चर्यचकित कर देने वाले फ्लाईओवर ब्रिज विकसित देशों को पीछे छोड़ चुके हैं। चीन और पाकिस्तान से सटे हुए सीमांत प्रदेशों में मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर दुश्मनों को चुनौती दे रहा है। देश के अधिकांश भागों में विद्युत आपूर्ति अब सहज सुलभ तथा अनेक प्रांतों में सरप्लस हो चुकी है। फलस्वरूप एक दशक पहले जब अत्यावश्यक कार्यों के लिए भी विद्युत उपलब्ध नहीं हो पाती थी, अब वहां लाखों इलेक्ट्रॉनिक वाहन सरप्लस बिजली से रिचार्ज होकर विदेशी ईंधन से मुक्ति पा रहे हैं।

यही नहीं, अब बिजली बिल जीरो करने की कवायद का भी ऐलान हुआ है। जिसके तहत पीएम सूर्य योजना में एक करोड़ रजिस्ट्रेशन किए जा चुके हैं। 24 जून के बाद इस मामले में गति और तेज होने जा रही है, जिससे हम खुद बिजली उत्पादक बनेंगे। अपने उपयोग की बिजली इस्तेमाल करने के बाद जो बचेगी उसे सरकार को बेच भी पाएंगे। यानी आम के आम गुठलियों के दाम। कोरोना के बाद जहां अनेक देशों की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई। वहां लोग रोटी के लिए भी मोहताज हो गए। तब भारत की भाजपा शासित मोदी सरकार ने न केवल वैक्सीनेशन का कीर्तिमान बनाया बल्कि वह दूसरे देशों को भी उपलब्ध कराई। इसके बावजूद भी अपनी अर्थव्यवस्था पर नियंत्रण बनाए रखा। कांग्रेस ने 70 के दशक में गरीबी हटाओ का नारा दिया था। जबकि सच्चाई यह है कि इस पार्टी ने और इसके अन्य धर्मनिरपेक्ष साथी दल अपनी और अपने शीर्ष परिवारों की अमीरी बढ़ते रहे। जबकि भाजपा शासित मोदी सरकार ने चार करोड़ परिवारों को प्रधानमंत्री आवास मुहैया कराए। 80 करोड़ लोगों को मुफ्त भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित की और तन ढकने के लिए कपड़े को भी मूल्य की दृष्टि से नियंत्रण में बनाए रखा।

इस प्रकार रोटी, कपड़ा और मकान की जो संकल्पना थी उसे व्यवस्थित कर दिखाया। सोने पर सुहागा यह कि नए संकल्प पत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने 3 करोड़ प्रधानमंत्री आवास अतिरिक्त बनाने का संकल्प जाहिर कर दिया है। आयुष्मान भारत के तहत गरीबों का 5 लाख तक का इलाज तो पहले से ही मुफ्त था। अब नए संकल्प पत्र के अनुसार 70 साल और इससे ज्यादा के उम्र वाले प्रत्येक वर्ग के बुजुर्गों के साथ-साथ ट्रांसजेंडर वर्ग को भी इस पात्रता में शामिल किया जा रहा है। रसोई गैस के दामों को विरोधियों द्वारा बढ़ चढ़कर दुष्प्रचारित किया जाता है। जबकि कड़वी सच्चाई यह है कि कोरोना के दौरान और उसके बाद पेट्रोलियम पदार्थों की उपलब्धता सबसे बड़ी चुनौती थी। जिससे अनेक बड़े-बड़े देश उबर ही ना पाए। लेकिन भारत ने रसोई गैस जैसी बेहद आवश्यक वस्तु की आपूर्ति में बाधा नहीं आने दी।

फलस्वरूप कुछ समय के लिए सब्सिडी का भार आम जनता पर आन पड़ा, जो स्वाभाविक भी था। लेकिन अब सरकार की ओर से सब्सिडी दिए जाने के रास्ते सुनिश्चित किए गए हैं। वहीं स्थाई रूप से सस्ती रसोई गैस उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक शहर और कस्बों में पाइप लाइन के माध्यम से आपूर्ति सुनिश्चित किए जाने का संकल्प रखा जा चुका है। आम आदमी की आर्थिक क्षमताएं और मजबूत हों, इसके लिए रेहड़ी पटरी वालों को बिना गारंटी लोन मिलेगा। स्वनिधि योजना का विस्तार कर उसे छोटे कस्बों गांवों तक पहुंचाया जाएगा। युवाओं को स्वरोजगार हेतु पहले से ज्यादा पैसा मिलेगा। हर सेक्टर में वैश्विक स्तर के ग्लोबल हब भारत में स्थापित करने के प्रयास तेज होंगे। न्यूनतम वेतनमान नीति बनाकर छोटी आय वाले की आय भी सुरक्षित की जाएगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने महिलाओं के उत्थान और उनकी आत्मनिर्भरता पर पूरा फोकस किया है। सबसे पहले वे सदन में 33 फीसद महिला आरक्षण पारित कर चुके हैं। दावा किया जा सकता है कि जब अगला लोकसभा चुनाव होगा तब रोजगार और नौकरियों के साथ-साथ राजनीतिक दलों को टिकट वितरण में भी महिलाओं को प्राथमिकता देनी ही होगी। यानी विधानसभाओं और लोकसभा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी। वह और अधिक संख्या में विधायक सांसद मंत्री बन पाएंगी। ऐसे में उन्हें महिलाओं के हित में आवाज उठाने की नई ताकत मिलेगी। स्व सहायता समूह के माध्यम से भी करोड़ों महिलाओं को जोड़ा जा चुका है। अब इन्हें आत्मनिर्भर बनाने हेतु व्यावसायिक ट्रेनिंग की तैयारी है। खेल के क्षेत्र में महिला खिलाड़ियों के लिए विशेष योजनाओं और सुविधाओं की उपलब्धता प्रस्तावित है। इसी कड़ी में ड्रोन दीदी योजना का विस्तार भी किया जाना है। संकल्प पत्र में यह स्पष्ट किया गया है कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाया जाना सुनिश्चित है। सब जानते हैं कि पहला सुख निरोगी काया ही होता है। यह तभी संभव है जब हम बीमार न हों। यदि हो भी जाएं तो इलाज सस्ता और सुलभ हो जाए। इस बाबत संकल्प पत्र स्पष्ट आश्वासन देता है कि सर्वाइकल कैंसर जैसी बीमारी को जड़ मूल से नष्ट करने की योजना बनाया जाना तय है। इसी के साथ प्रधानमंत्री जन औषधि योजना को और अधिक व्यापक बनाए जाने तथा उसमें जीवनदायी दवाओं की लंबी सूची शामिल किए जाने पर कार्य किया जा रहा है।

‘भाजपा का संकल्प पत्र-मोदी की गारंटी’ में किसानों का खास ख्याल रखा गया है। इसके तहत यह गारंटी दी गई है कि किसान सम्मान निधि जारी बनी रहेगी। इसके अलावा 2 करोड़ छोटे किसानों को श्री अन्न योजना अंतर्गत लाभान्वित किया जाएगा। यही नहीं, उनके उत्पाद ग्लोबल न्यूट्रीशन हब के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय मार्केट में निर्यात किया जाना भी निश्चित है। प्राकृतिक खेती के माध्यम से जमीन की उर्वरक क्षमता बढ़ाई जाएगी। जिससे किसान की आय और आम आदमी के स्वास्थ्य में सुधार आएगा। नैनो यूरिया के उत्पादन और आपूर्ति में कोई कमी ना आए इसकी सुनिश्चितता की जाएगी। मत्स्य और पशु पालन के माध्यम से भी कृषि जगत को बूम देने का कार्य हाथ में लिया जा रहा है। यू तो प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पूर्व से ही लागू है। इसमें भी किसान के हितों का ध्यान रखते हुए विकास और इसका प्रभाव क्षेत्र बढ़ाने पर काम किया जाना है। सबसे बड़ी बात यह कि जैसे-जैसे आवश्यकता महसूस होगी, मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानि एमएसपी में बढ़ोतरी किया जाना जारी बना रहेगा।

सकल समाज का संयुक्त विकास हो, इसके लिए ‘भाजपा का संकल्प पत्र-मोदी की गारंटी’ सुनिश्चित करता है कि हम हर सेक्टर में ग्लोबल हब भारत में स्थापित करेंगे। विदेशी भू-भाग पर संकट में फंसे भारतीयों की सुरक्षा गारंटी हमेशा रहेगी। बगैर भेदभाव के मानव कल्याण किया जाएगा। बड़े और कड़े निर्णय जारी रहेंगे ताकि भारत की तरक्की जारी रहे। वन नेशन वन इलेक्शन पर कार्य जारी है इसे मूर्त रूप दिया जाएगा। गरीबों का पैसा लूटने वाले भ्रष्ट लोग जेल में भेजे जाएंगे। पर्यटन से बाजार में बूम आता है। इससे सभी प्रकार के कारोबारियों को लाभ पहुंचता है। अतः इसमें सुधार लगातार बने रहेंगे। सीएए के तहत नागरिकता देने का क्रम शुरू होगा। समान नागरिक संहिता लागू करेंगे। आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस नीति रहेगी। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देकर समाज में संतुलन स्थापित किया जाएगा। ऐसी अनेक घोषणाओं के माध्यम से भाजपा के शीर्ष नेता नरेन्द्र मोदी ने जनता जनार्दन से तीसरे कार्यकाल के लिए आशीर्वाद मांगा है। उनका अब तक का कार्यकाल “जो कहा सो किया” नीति पर आधारित है। जनता उनपर अटूट भरोसा करती है।

(लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। )