नई दिल्ली। 200 करोड़ की ठगी करने के आरोपी ठग सुकेश चंद्रशेखर की अपराध की आय से खरीदी गई 26 हाई-एंड लग्जरी कारों की नीलामी होगी। दिल्ली हाईकोर्ट ने कारों को बेचने की ईडी को अनुमति देने के निचली अदालत के निर्णय को बरकरार रखा है।
अदालत ने माना कि एक समय के बाद वाहन स्वाभाविक रूप से समय के साथ खराब हो जाएंगे। ऐसे में ईडी को निर्देश दिया जाता है कि इन कारों की बिक्री से उत्पन्न पूरी राशि को फिक्स्ड डिपॉजिट में रखने का निर्देश दिया।
गोदाम में रखे रहने से वाहन हो जाएंगे खराब
चंद्रशेखर की पत्नी लीना पालोज की याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने कहा कि वाहन को लंबे समय तक कंटेनर गोदाम में रखने से वह खराब हो जाते हैं, क्योंकि अगर किसी कार को वर्षों तक खड़ा छोड़ दिया जाए तो जंग जैसी समस्याएं पैदा होती हैं। इसके कारण महंगी कारों को गंभीर रूप से नुकसान हो सकता है।
रोल्स रॉयस, फेरारी सहित 26 लग्जरी कारें
अदालत ने कहा कि इन महंगी 26 लग्जरी कारों में रोल्स रॉयस, फेरारी, रेंज रोवर आदि शामिल हैं और इनका रख-रखाव भी महंगा है। निचली अदालत ने ईडी को कानून के अनुसार कारों को बेचने की अनुमति दी थी और कहा था कि दिल्ली पुलिस या आर्थिक अपराध शाखा का एक प्रतिनिधि भी उन वाहनों की नीलामी प्रक्रिया में भाग ले सकता है।
निचली अदालत के निर्णय को बरकरार रखते हुए पीठ ने कहा कि आटोमोबाइल उद्योग में वाहनों का दाम कम होना भी एक घटक है और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रासंगिक नियम जब्त किए गए वाहनों की बिक्री की अनुमति देते हैं।
जेल में बंद रहने से कारों के नंबर याद नहीं
पालोज ने तर्क दिया था कि 16 महीने से अधिक समय तक जेल में अलग-थलग रहने के बाद वह अवसाद से पीड़ित थी और उसकी याददाश्त कमजोर हो गई थी। ऐसे में वह केवल दो कारों, रोल्स रॉयस घोस्ट और ब्रेबस के पंजीकरण नंबर याद रखने में सक्षम थी।
अपराध की आय के दायरे में नहीं ये कारें
उन्होंने कहा कि ये दोनों कारें 2018 में खरीदी गई थीं, जोकि अपराध के आय से बहुत पहले की थी। उन्होंने दावा किया कि उक्त कारें अपराध की आय के दायरे में नहीं आ सकती हैं। यह भी दावा किया केवल चंद्रशेखर की पत्नी होने के कारण उन्हें मामले में फंसाया गया है। यह भी तर्क दिया कि उनका कार खरीदने और बेचने का स्वतंत्र व्यवसाय था और अधिकांश कारें कानूनी रूप से वैध ऋण समझौतों पर ली गई हैं।
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वहीं, ईडी ने तर्क दिया था कि याचिका निरर्थक हो चुकी है क्योंकि ट्रायल कोर्ट के वर्ष 2022 और 2023 के दो आदेशों के मद्देनजर उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद 26 में से 17 कारों की नीलामी पहले ही की जा चुकी है।
पालोज के तर्कों पर कोर्ट ने उठाए सवाल
अदालत ने पालोज के दो अलग-अलग तर्कों पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक तरफ तो एक सांस में उन्होंने दावा किया कि अवसाद के कारण उन्हें कारों के विवरण याद नहीं हैं। वहीं, दूसरी तरफ उन्होंने यह भी कहा अधिकांश कारें कानूनी रूप से वैध ऋण समझौतों के आधार पर ऋण पर ली गई थीं।
कारों के दस्तावेज और होंगे विवरण
एक समझदार इंसान जो 26 शानदार कारें खरीदने में सक्षम है, उसके पास न केवल अपनी आय के दस्तावेज और विवरण होंगे, बल्कि ऐसी लक्जरी कारों की खरीद/रखरखाव पर किए गए खर्च के सभी विवरण भी होंगे। हालांकि, पालोज ने इस संबंध में अदालत के समक्ष कोई दस्तावेज नहीं रखा है।
दिल्ली पुलिस ने पहले रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटरों शिविंदर सिंह और मालविंदर सिंह के पति/पत्नी से 200 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में चंद्रशेखर के खिलाफ प्राथमिकी की थी। इसके अलावा भी चंद्रशेखर के विरुद्ध देशभर में कई मामलों में जांच चल रही है।