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दमोहः विजयवर्गीय ने हाथ जोड़कर मलैया से मांगी माफी, नोटिस को बताया भूल

दमोह। भाजपा (BJP) के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (National General Secretary Kailash Vijayvargiya) ने पूर्व मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता जयंत मलैया (Former Minister Jayant Malaiya) से हाथ जोड़कर माफी मांगी। उन्होंने दमोह उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी की हार के बाद जयंत मलैया को दिए गए नोटिस को भाजपा की भूल बताया।

वे रविवार को मलैया के जन्मदिन के मौके पर दमोह में आयोजित अमृत महोत्सव में शामिल होने आए थे। दरअसल, पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया 75 वर्ष के हो गए। इस मौके पर आयोजित अमृत महोत्सव में भाजपा के राष्ट्रीय महांमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मलैया को माला पहनाकर बधाई दी।

उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ‘जयंत जी आप विश्वास करें या न करें, जब भाजपा ने आपको नोटिस दिया तो अंदर से मेरा दिल दुखा। आपने मुझे नहीं कहा, पर मैंने प्रदेश के सब नेताओं से कहा कि बहुत गलत हुआ है। जयंत मलैया जैसे नेता को तैयार होने में दशकों लगते हैं। तपस्या करनी पड़ती है, तब जयंत मलैया तैयार होता है। ऐसे नेता नहीं बनता है। इसीलिए मैं उससे बिल्कुल नाखुश था। मैंने अपनी शिकायत यहां से लेकर दिल्ली तक की। मैंने ये बात किसी को नहीं बताई, लेकिन आज आपको बता रहा हूं। व्यक्ति भूल कर सकता है, वैसे ही पार्टी से भी भूल हो सकती है। इसलिए मैं राष्ट्रीय महामंत्री होने के नाते आपसे हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं।

गौरतलब है कि 25 अक्टूबर 2020 को दमोह से कांग्रेस विधायक राहुल सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वे भाजपा में शामिल हो गए थे। इस रिक्त सीट पर 17 अप्रैल 2021 को उपचुनाव हुआ। यहां भाजपा ने राहुल सिंह को उम्मीदवार बनाया। जबकि कांग्रेस से अजय कुमार टंडन मैदान में थे। उपचुनाव में राहुल सिंह कांग्रेस के अजय कुमार टंडन से 17,089 वोटों से हार गए थे। इस चुनाव में जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया ने भाजपा से टिकट के लिए काफी प्रयास किए थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया। चुनाव में भाजपा की हार के बाद राहुल सिंह ने पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया को अपनी हार का कारण बताया। राहुल सिंह ने पार्टी के वरिष्ठ तक यह शिकायत की थी कि जयंत मलैया के भितरघात के कारण चुनाव हारे। इसके बाद पार्टी की प्रदेश ईकाई ने मलैया को नोटिस दिया। हालांकि 2 महीने बाद नोटिस निरस्त कर दिया गया। उसी नोटिस का जिक्र कैलाश विजयवर्गीय ने अमृत महोत्सव के दौरान किया।

विजयवर्गीय जब कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे तो किसी ने उसे गाना सुनाने की फरमाइश की। जिसके बाद कैलाश विजयवर्गीय ने गाना गया। उन्होंने ‘तु कितनी अच्छी है, तु कितनी प्यारी हैं, हे मां, हे मां…’ गाना गाया। (एजेंसी, हि.स.)