– माइक्रोफाइनेंस एसोसिएशन का वर्षिक अधिवेशन संपन्न, देश भर से संस्थाओं ने किया प्रतिभाग
लखनऊ। भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) के क्षेत्रीय निदेशक डॉ बालू केनचप्पा (Dr. Balu Kenchappa) ने कहा कि आरबीआई के नए नियम (New Rules) ग्राहकों को सस्ती तथा समुचित सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से लाये गए हैं। आरबीआई इन संस्थाओं से ब्याज दर में कटौती तथा पारदर्शिता की उम्मीद करता है। राजधानी में माइक्रो फाइनेंस एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश के पांचवें वार्षिक अधिवेशन में बोलते हुए उन्होंने यह बातें कही।
होटल हयात रीजेंसी में गुरुवार को आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारम्भ उप्र सरकार के राज्यमंत्री जसवंत सिंह सैनी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम में चर्चा परिचर्चा, नुक्कड़ नाटक और विभिन्न विषयों पर पैनल डिस्कशन आयोजित किये गए।
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक एस के डोरा ने नाबार्ड द्वारा उपलब्ध कराई जा रही वित्तीय सहायता तथा जेएलजी माध्यम से लाभार्थियों तक कैसे लाभ पहुंचे, जैसे विषयों पर प्रकाश डाला। सिडबी के उप प्रबंध निदेशक एस वी राव ने माइक्रोफाइनेंस ग्राहकों को उद्यमी बनाने के लिए संस्थाओं को प्रोत्साहित किया। राव ने बताया कैसे हम लोग लघु उद्यम विकसित कर सकते हैं। कार्यक्रम में राज्यमंत्री ने विभिन्न प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित किये।
दिल्ली से आए एमएफआइएन के सीईओ आलोक मिसरा ने बताया की अभी माइक्रोफाइनेंस का व्यवसाय करीब तीन लाख करोड़ का है जो कि अगले तीन से चार वर्षों में करीब 17 लाख करोड़ तक पहुंचने की संभावना है।
इस अवसर पर कोविड के दौरान अनुभव, ग्राहक सुरक्षा, तथा टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग, पर परिचर्चा भी हुई। परिचर्चा में विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे। एसोसिएशन के सीईओ सुधीर सिन्हा ने बताया कि परिचर्चा से निकले विचारों को संकलित करके आगे की कार्यवाही की जाएगी। ताकि सेक्टर एक जिम्मेदार तथा भरोसेमंद के रूप में अपने को स्थापित कर सके।
सत्या माइक्रोक्सपिटल के सीईओ विवेक तिवारी, पहल फाइनेंस की पूर्वी भावसार सा धन के जीजी मेमन सचिन चौरसिया, त्रिलोक शुक्ल सहित करीब 200 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस मौके पर यूनियन बैंक के पूर्व प्रमुख राज किरण राय, मिनी श्रीवास्तव और अजय गनओतरा समेत अन्य लोग मौजूद रहे। (एजेंसी, हि.स.)