नई दिल्ली। देश को कोयला उत्पादन (Coal production Country) वित्त वर्ष 2024-25 में अप्रैल से 25 अगस्त के बीच 7.12 फीसदी (7.12 percent increase) बढ़कर 370 मिलियन टन (370 million tonnes) यानी 37 करोड़ 6.7 लाख टन हो गया। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में कोयला का उत्पादन 34 करोड़ 60.2 लाख टन रहा था।
कोयला मंत्रालय ने मंगलवार को जारी एक बयान में बताया कि 25 अगस्त, 2024 तक समग्र कोयला उत्पादन में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। मंत्रालय के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में 25 अगस्त, 2024 तक संचयी कोयला उत्पादन वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि के दौरान 34 करोड़ 60.2 लाख टन की तुलना में बढ़कर 37 करोड़ 6.7 लाख टन हो गया है। ये उल्लेखनीय रूप से 7.12 फीसदी की बढ़ोतरी है।
मंत्रालय के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में अप्रैल से 25 अगस्त के दौरान कुल कोयला प्रेषण में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। 25 अगस्त, 2024 तक कुल कोयला उठाव 39 करोड़ 70.6 लाख टन था, जो साल-दर-साल 5.48 फीसदी की वृद्धि है। बिजली क्षेत्र को कोयला प्रेषण पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 31 करोड़ 34.4 लाख टन से बढ़कर 32 करोड़ 59.7 लाख टन हो गया। ये वृद्धि 01 अप्रैल, 24 तक टीपीपी में 47 मीट्रिक टन के विशाल प्रारंभिक भंडारण के बावजूद हासिल की गई है।
कोयला मंत्रालय ने कहा कि इससे बिजली क्षेत्र की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए कोयले की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित होती है। बयान के मुताबिक खदानों, ताप विद्युत संयंत्रों और पारगमन में खदानों सहित कुल कोयला स्टॉक की स्थिति 25 अगस्त, 2024 तक 12 करोड़ 15.7 लाख टन तक तक पहुंच गई है। ये पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 8 करोड़ 92.8 लाख टन के स्टॉक की तुलना में 36.2 फीसदी की पर्याप्त वृद्धि है।
इसके अतिरिक्त, 25 अगस्त, 2024 तक टीपीपी (डीसीबी) में कोयला का स्टॉक पिछले वित्त वर्ष के 29.47 मीट्रिक टन की तुलना में 37.55 मीट्रिक टन है, जो करीब 27.41 फीसदी की उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है। कोयला स्टॉक की यह उच्च स्थिति कोयला मंत्रालय की कोयले की पर्याप्त आपूर्ति बनाए रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह एक विश्वसनीय ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करने के मंत्रालय के प्रयासों को रेखांकित करती है।