भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने समान नागरिक संहिता (uniform civil code) को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश में एक समान नागरिक संहिता लागू करने के पक्ष में हूं। प्रदेश में इसके लिये कमेटी बनाई जा रही है।
मुख्यमंत्री चौहान गुरुवार को बड़वानी जिले के सेंधवा विकास खण्ड अंतर्गत ग्राम चाचरिया में पेसा एक्ट जागरुकता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कई बार बड़े खेल हो जाते हैं। खुद जमीन नहीं ले सकते तो किसी आदिवासी के नाम से जमीन ले ली। कई बदमाश ऐसे भी आ गए, जो आदिवासी बेटी से शादी करके जमीन उसके नाम से ले लेते हैं। कई तो सरपंची का चुनाव लड़वा देते हैं। शादी कर ली तुम सरपंच बन जाओ और मैं पैसा खा जाऊं। अब मामा ऐसे लोगों को लटकाएगा, छोड़ेगा नहीं। आज मैं जागरण की अलख जगाने आया हूं। बेटी से शादी की और जमीन ले ली। मैं तो इस बात का पक्षधर हूं कि भारत में अब एक समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद प्रदेश में राजनीति शुरू हो गई है। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसे चुनावी प्रोपेगेंडा करार देते हुए कहा है कि भाजपा इसे चुनाव तक याद रखेगी चुनाव बाद भूल जाएगी। कांग्रेस का कहना है कि यह केवल चुनावी घोषणा है।
कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अब्बास हफीज ने कहा कि भाजपा के पास उपलब्धियों के नाम पर बताने के लिए कुछ नहीं हैं। इनका रिपोर्ट कार्ड जीरो है। मप्र में अब आगे चुनावी साल है इसलिए मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों की तरफ से इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं, ताकि ध्रुवीकरण का माहौल बने। कांग्रेस पार्टी शुरुआत से ही महिला और पुरुषों को समान अधिकार देने की पक्षधर रही है। दूसरी बात यूनिफार्म सिविल कोड की कमेटी की जो रिपोर्ट आती है उसकी चर्चा लोकसभा और विधानसभा में होगी। उसके बाद किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं। लेकिन भाजपा को चर्चा नहीं करनी। उनको सिर्फ चुनाव जीतने के लिए ये घोषणा करनी है और चुनाव बाद इसे भूल जाना है। (एजेंसी, हि.स.)