चीन में पिछले कुछ दिनों से कोरोना मुसीबत बन गया है। पूरी दुनिया में चीन में कोरोना की भयावहता की चर्चा है किन्तु चीन के अधिकारी इसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं। चीन ने स्वीकार किया है कि कोरोना महामारी से उनके यहां करीब 60 हजार लोगों की मौत हुई है। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने बताया कि देशभर के अस्पतालों में 12 जनवरी तक 59,938 लोगों की जान कोरोना महामारी के चलते गई।
हालांकि दुनिया के विशेषज्ञों का दावा है कि चीन अभी भी सही आंकड़ा छिपा रहा है। माना जा रहा है कि चीन में मौतों का आंकड़ा आधिकारिक आंकड़ों से कई गुना ज्यादा है।
अमेरिका के लॉस एंजिल्स स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के फील्डिंग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में महामारी विभाग के अध्यक्ष जू फेंग झेंग ने दावा कि कि चीन में कोरोना से मौतों का सही आंकड़ा आधिकारिक आंकड़े से बहुत ज्यादा बड़ा है। उन्होंने दावा किया कि चीन में कोरोना महामारी की शुरुआत में पहले के 5 हफ्तों में करीब नौ लाख लोगों की जान गई है। झेंग ने यह दावा चीन की पेकिंग यूनिवर्सिटी के नेशनल स्कूल ऑफ डेवलेपमेंट की रिपोर्ट के आधार पर किया है।
पेकिंग यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी के मध्य तक देश की 64 फीसदी जनसंख्या कोरोना की चपेट में आ चुकी है। झेंग ने दावा किया कि यदि चीन में कोरोना का फर्टिलिटी रेट 0.1 प्रतिशत भी माना जाए तो चीन में कोरोना महामारी से पहले पांच हफ्तों में करीब नौ लाख लोगों की जान गई होगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि चीन में कई मौतें नर्सिंग होम या घर पर हुई होंगी, जिनकी चीन की सरकार ने गिनती नहीं की होगी। सरकार के आधिकारिक आंकड़ों में सिर्फ अस्पतालों में हुई मौतें शामिल हो सकती हैं।
चीन में 21 जनवरी से लूनार न्यू ईयर छुट्टियों की शुरुआत हो रही है। इस दौरान करोड़ों लोग अपने-अपने घरों या गृहनगरों की यात्रा करेंगे। ऐसे में चीन में कोरोना महामारी के बेकाबू होने का खतरा मंडरा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि 2023 के अंत तक चीन में कोरोना से 12 से 16 लाख तक लोगों की मौत हो सकती है। (हि.स.)