भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) में चल रहे कार्य समय पर और गुणवत्ता से पूरे किये जाएं। मैं एक माह बाद फिर से समीक्षा करूँगा। इसके बाद कार्यों में विलम्ब होने पर संबंधित निर्माण एजेंसी (concerned construction agency) पर कार्यवाही होगी। मजदूरों को समय पर मजदूरी का भुगतान हो। कलेक्टर्स की ड्यूटी है कि हर सप्ताह समीक्षा करें। लापरवाही पाये जाने पर ब्लेक लिस्ट करने सहित अन्य कार्यवाही भी करेंगे। जहाँ पेयजल की समस्या है, वहाँ पूरी तैयारी के साथ सभी प्रबंधन और इंतजाम हो।
मुख्यमंत्री चौहान सोमवार को मंत्रालय में दूसरे सत्र में मिशन के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने राजगढ़ जिले की गोरखपुरा समूह नल-जल योजना की जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि यह योजना पूर्ण हो गई है, गुणवत्ता का भी पूरा ध्यान रखा गया है। मुख्यमंत्री ने पहाड़गढ़ योजना को 30 मई और मोहनपुरा योजना को 15 जून तक पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने जन-प्रतिनिधियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों से मिशन के कार्यों की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने भोपाल जिले की समीक्षा के दौरान एकल और समूह ग्राम योजनाओं की जानकारी ली। उन्होंने बैरसिया विधानसभा में चल रहे कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। सीहोर जिले की समीक्षा के दौरान कहा कि पूर्ण योजनाओं के लोकार्पण का कार्यक्रम निर्धारित कर लिया जाए। एकल ग्राम योजनाओं की मॉनिटरिंग ढंग से करें। उन्होंने जिले के विधायकों से भी चर्चा की।
उन्होंने कहा कि विदिशा जिले में मासिक प्लान बनाकर कार्य पूरे किये जाएं। पूर्ण योजनाओं से ठीक ढंग से पानी की आपूर्ति की जाये। एकल योजनाओं को विशेष ध्यान देकर पूरा किया जाए। रायसेन जिले में किये जा रहे कार्य पूर्ण होने पर जनता की शिकायतें न मिलें। बैतूल जिले में समूह जल प्रदाय योजनाओं की साप्ताहिक समीक्षा कर कार्य पूरा करें और कार्यों में विलम्ब न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदापुरम संभाग के अंतर्गत हरदा जिले में 297 एकल ग्राम योजनाओं का कार्य चल रहा है। नर्मदापुरम जिले में 856 एकल ग्राम नल-जल योजनाएँ स्वीकृत हैं। इनमें से 124 का कार्य पूर्ण है। शेष योजनाओं का कार्य तेजी से पूरा करें।
उन्होंने कहा कि दतिया जिले में 92 ग्रामों की योजनाएं पूर्ण हो गई हैं। कलेक्टर हर सप्ताह अपूर्ण योजनाओं को पूरा करने की समीक्षा करें। ग्वालियर में शेष निविदाएँ पूर्ण कर ली जाएं और कार्यों की गुणवत्ता अच्छी रहे। गुना जिले में वन भूमि के कारण पाइप लाइन बिछाने का कार्य प्रभावित न हो। कार्यों में तेजी लाएं। अशोकनगर जिले में 140 योजनाएँ पूर्ण हो गई है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विभिन्न योजनाओं की लंबित निविदाएँ तेजी से पूरी कर ली जाएं। एकल योजनाओं के अपूर्ण कार्य गंभीरता से पूरे करें। निर्माण एजेंसी द्वारा मजदूरों का भुगतान समय पर किया जाए। शिवपुरी में एकल योजनाओं का कार्य तेजी से और गुणवत्ता के साथ पूरा करें। एल एंड टी कंपनी द्वारा किये जा रहे कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुरैना जिले में किये जाने वाले लगभग 650 कार्य समय पर पूरा करें। श्योपुर जिले में प्रगतिरत 159 कार्य तेजी से पूरा करें। उन्होंने भिंड जिले में चल रहे एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के कार्य की मॉनिटरिंग कर समय पर पूरा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि जबलपुर संभाग के बालाघाट जिले में चल रहे 1116 नल जल योजनाओं के कार्यों की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा की जाये। नरसिंहपुर जिले में स्वीकृत 834 एकल ग्राम नल-जल योजनाओं में पाइप लाइन डालने में विलंब न हो। कटनी जिले में एकल ग्राम योजनाओं को बेहतर ढंग से पूरा करें। इसमें विलंब न हो। छिंदवाड़ा जिले में स्वीकृत 1329 एकल ग्राम योजनाओं में से 389 मई 2023 तक पूरी कर ली जायें। सिवनी जिले में 4 प्रमुख समूह नल-जल योजनाओं का कार्य ठीक से पूरा हो और मजदूरों को समय पर भुगतान हो। मंडला जिले में स्वीकृत 724 एकल ग्राम नल जल योजनाओं में से एक वर्ष से अधिक की 411 योजनाएँ मई तक पूर्ण की जायें। जबलपुर जिले की 190 एकल ग्राम योजनाएँ 2 माह की अवधि में पूरी की जाए। पुराने कार्यों को साप्ताहिक समीक्षा कर जल्दी पूरा करें। डिंडोरी जिले में 355 एकल ग्राम योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रीवा जिले में 853 स्वीकृत एकल ग्राम योजनाओं में से 139 पूर्ण हो गई है। पेयजल की समस्या उत्पन्न नहीं हो। सीधी में 284 स्वीकृत एकल ग्राम योजनाओं में से 67 योजनाएँ पूर्ण कर ली गई हैं। सिंगरौली जिले में बैढ़न-1 योजना का कार्य सितम्बर तक पूरा करने की कोशिश करें। सतना जिले में 220 नल-जल योजनाओं में से 57 योजनाएँ मई तक पूरी की जायें, कार्यों में विलम्ब न हो। (एजेंसी, हि.स.)