Friday, September 20"खबर जो असर करे"

काले कपड़ों में कांग्रेस के प्रदर्शन पर भड़के योगी आदित्यनाथ, कहा- ‘यह अयोध्या दिवस का अपमान है’

लखनऊ । उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कांग्रेस (Congress) के काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन करने पर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि 5 अगस्त हर भारतीय के लिए गर्व का दिन है, क्योंकि आज के दिन ही श्रीराम जन्मभूमि (Shri Ram Janmabhoomi) के मंदिर निर्माण का शुभारंभ हुआ था. यह सोचने वाली बात है कि कांग्रेस ने काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन करने के लिए आज का ही दिन क्यों चुना, जबकि रोजाना प्रदर्शन सामान्य कपड़ों में होता था. यह सभी राम भक्तों और राम मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन में बलिदान देने वालों का अपमान है. इसके साथ ही यह सुप्रीम कोर्ट का अपमान है और कांग्रेस को इसके लिए देश से माफी मांगनी चाहिए.

‘आज है अयोध्या दिवस’
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज अयोध्या दिवस है. सैकड़ों वर्षों से हर भारतीय जनमानस को इस दिन का इंतजार था. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के कार्य के शुभारंभ का दिन भारत के लोकतंत्र को सम्मान देने वाला दिवस है. भारत की न्यायपालिका की ताकत को दुनिया के सामने अहसास कराने वाला दिवस है. यानी भारत के उच्चतम न्यायालय के सम्मान का दिवस है. सैकड़ों वर्षों से हर भारतीय को इस दिन की तमन्ना थी. हर आस्थावान भारतीय इस दिवस का इंतजार कर रहा था. सबके मन में एक ही भाव था कि भारत की आस्था का सम्मान हो.

उन्होंने कहा कि माननीय उच्च्तम न्यायालय के फैसले के बाद पांच अगस्त 2020 को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण कार्य का शुभारंभ हुआ. प्रात: काल से ही अयोध्या में लाखों की संख्या में श्रद्धालुजन आकर अपनी आस्था वहां व्यक्त कर रहे हैं. इस दिवस पर भारत की आस्था को अपमानित करने वाले कांग्रेस के नेताओं का आचरण अत्यन्त निंदनीय है.

‘यह अयोध्या दिवस का अपमान है’
सीएम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी कई दिनों से प्रदर्शन अपने सामान्य कपड़ों में कर रही थी. इसको लेकर सहमति-असहमित हो सकती है, लेकिन 5 अगस्त को कांग्रेस का यह आचरण एक बार फिर जगजाहिर हुआ है. आज कांग्रेसियों ने काले कपड़े पहनकर जो प्रदर्शन किया है, यह श्रीराम जन्म भूमि के मंदिर निर्माण की शुभारंभ तिथि के दिन रामभक्तों का अपमान है. अयोध्या दिवस का अपमान है, भारत के लोकतंत्र का अपमान है, भारत की न्यायपालिका के सम्मान का अपमान है.