भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Elections) की घोषणा से दो दिन पहले अधिकारियों के साथ बैठक करने के 45 दिन बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) मंत्रालय पहुंचे। यहां उन्होंने प्रदेश में खाद वितरण व्यवस्था (Fertilizer distribution system in the state) की समीक्षा की। उन्होंने प्रदेश में खाद आपूर्ति की व्यवस्था को लेकर जानकारी ली और अधिकारियों से कहा कि यह ध्यान रहे कि कहीं भी किसानों की लाइन न लगे। दो-तीन दिन में मावठा की संभावना है। इसके बाद यूरिया की मांग एकदम से बढ़ेगी। इसे ध्यान में रखते हुए पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में नौ नवंबर को विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हुआ था और इसी के साथ प्रदेश में आदर्श आचरण संहिता लागू हो गई थी। इसके बाद प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों के लिए 17 नवंबर को एक ही चरण में मतदान हुआ। मतदान की प्रक्रिया संपन्न होने के चार दिन बाद मुख्यमंत्री चौहान ने मंगलवार को मंत्रालय पहुंचकर खाद वितरण व्यवस्था की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
बैठक में कृषि और सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने खाद की उपलब्धता और वितरण के संबंध में जानकारी दी। इसमें बताया गया कि एक अप्रैल से अब तक 28.68 लाख मीट्रिक टन यूरिया मिला है। इसमें से 23.20 लाख टन की बिक्री हो चुकी है, जबकि पिछले वर्ष 30 नवंबर तक इतना यूरिया वितरित हुआ था। पांच लाख टन यूरिया अभी उपलब्ध है और इस माह दो लाख टन और आ रहा है। डीएपी 14.50 लाख टन था, जिसमें से 13 लाख टन किसानों को दिया जा चुका है। एनपीके 5.66 लाख टन आया और 3.91 लाख टन किसानों को दिया जा चुका है। ऐसे किसान, जो नकद में खाद खरीदते हैं, उनके लिए राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा 422 और विपणन सहकारी समितियों के माध्यम से 154 विक्रय केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। आठ हजार निजी विक्रेताओं द्वारा भी खाद बेच जा रही है। प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को साख सीमा के अनुसार खाद वितरित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार अगले दो-तीन दिन में प्रदेश में मावठा (वर्षा) की संभावना है। इसके बाद खाद की मांग बढ़ेगी इसलिए सभी केंद्रो पर पर्याप्त उपलब्धता रहे। जहां भी भीड़ लगती है, वहां टोकन दिए जाएं ताकि किसानों को परेशान न हो। वितरण व्यवस्था की निगरानी करें। इस दौरान अधिकारियों ने यह भी बताया कि अभी तक 81 लाख 71 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में रबी फसलों की बोवनी हो चुकी है, जो गत वर्ष से 5.33 प्रतिशत अधिक है। उज्जैन में 90, इंदौर में 78 और ग्वालियर संभाग में 70 प्रतिशत बोवनी हो चुकी है। रीवा संभाग में बोवनी अब गति पकड़ रही है। यहां अभी सबसे कम 27 प्रतिशत ही बोवनी हुई है।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री चौहान ने ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे के साथ अलग से कुछ देर चर्चा की। इसमें उन्होंने सिंचाई के लिए बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कहा। बैठक में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव सहकारिता उमाकांत उमराव, कृषि आयुक्त एम. सेलवेंद्रन, राज्य सहकारी विपणन संघ के प्रबंध संचालाक आलोक सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।