Thursday, November 21"खबर जो असर करे"

पीएम मोदी के बयान पर केजरीवाल का हमला, बोले- मुफ्त शिक्षा और फ्री इलाज देकर क्या गुनाह किया?

नई दिल्‍ली । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने पीएम मोदी (PM Modi) के फ्री के वादों पर निशाना साधने के बाद अपनी बात रखी है. केजरीवाल ने कहा कि जनता को फ्री सुविधाएं (free facilities) देने से देश का करदाता ठगा महसूस करेगा. इस पर मेरी राय है कि टैक्सपेयर के साथ धोखा तब होता है, जब लोगों से टैक्स (tax) लेकर उस पैसे से दोस्तों को कर्जों को माफ किया जाता है. टैक्सपेयर सोचता है कि मेरे से टैक्स तो ये कहकर ले लिया कि आपको सुविधाएं देंगे, लेकिन उस पैसे से अपने दोस्तों के कर्जे माफ कर दिए, तब टैक्सपेयर धोखा महसूस करता है.

केजरीवाल ने आगे कहा कि टैक्सपेयर सोचता है कि खाने पीने की चीजों पर टैक्स लगा दिया और बड़े-बड़े दोस्तों को टैक्स माफ कर दिए. उनको टैक्स में रिलीफ दे दिया. तब आम आदमी सोचता है कि मेरे साथ धोखा हो गया. केजरीवाल ने समझाया कि टैक्सपेयर के साथ धोखा तब नहीं होता जब उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा और फ्री शिक्षा देते हैं. टैक्सपेयर के साथ धोखा तब नहीं होता जब हम फ्री इलाज देते हैं. टैक्सपेयर के साथ धोखा तब होता है, जब अपने दोस्तों के कर्जे माफ करते हैं. 10 लाख करोड़ रुपए के कर्जे माफ नहीं किए जाते तो देश घाटे की स्थिति में नहीं होता. हमें दूध, दही के ऊपर जीएसटी लगाने की जरूरत नहीं पड़ती.

केजरीवाल ने कहा रेफरेंडम कराया जाए
केजरीवाल ने कहा कि ये अच्छा मुद्दा उठाया गया है. मेरी राय है कि देश में एक रेफरेंडम कराया जाए. लोगों से पूछा जाए कि आप टैक्स देते हो ऐसे में क्या सरकारी पैसा एक परिवार के लिए इस्तेमाल होना चाहिए? एक पार्टी चाहती है कि सरकारी पैसा एक परिवार के लिए इस्तेमाल हो जाए. क्या सरकारी पैसा कुछ चंद दोस्तों के कर्जे माफ करने के लिए होना चाहिए? क्या सरकारी पैसा देश के आम लोगों को सुविधाएं, अच्छी शिक्षा, अच्छा इलाज, अच्छी सड़के देने के लिए इस्तेमाल होना चाहिए. अगर सरकारी पैसे से जनता को सुविधाएं देने से देश का नुकसान होगा तो सरकार का काम क्या है?

पीएम मोदी ने क्या कहा था?
दरअसल पीएम मोदी ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) का नाम लिए बगैर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि, ”अगर राजनीति में ही स्वार्थ होगा तो कोई भी आकर पेट्रोल-डीजल भी मुफ्त देने की घोषणा कर सकता है. ऐसे कदम हमारे बच्चों से उनका हक छीनेंगे, देश को आत्मनिर्भर बनने से रोकेंगे. ऐसी स्वार्थ भरी नीतियों से देश के ईमानदार टैक्स पेयर का बोझ भी बढ़ता ही जाएगा.”