नई दिल्ली (New Delhi)। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) (Coal India Limited (CIL)) ने खनन उपकरणों के आयात (Import of mining equipment) को अगले छह सालों में चरणबद्ध तरीके से बंद करने की योजना बनाई है। इसका मकसद खदानों में इस्तेमाल होने वाले अर्थ-मूविंग उपकरणों के घरेलू निर्माण (Domestic manufacture of earth-moving equipment) को बढ़ावा देना है।
कोयला मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी सीआईएल ने उच्च क्षमता वाले खनन उपकरणों का आयात क्रमिक रूप से बंद करने की योजना बनाई है। मंत्रालय के मुताबिक इस योजना को अगले छह सालों में अंजाम दिया जाएगा। कोल इंडिया लिमिटेड ने आयात पर आने वाली लागत को कम करने करने के लिए घरेलू निर्माताओं से इन मशीनों की खरीद शुरू भी कर दी है।
मंत्रालय ने कहा कि सीआईएल के निदेशक (तकनीकी) की अध्यक्षता में बनाई गई एक उच्चस्तरीय समिति ने इसकी अनुशंसा की थी। समिति ने कहा था कि वर्ष 2030 के बाद भी कोयला ऊर्जा का प्रमुख स्रोत बना रहेगा। इस लिहाजा इसके खनन से संबंधित उपकरणों की जरूरत को पूरा करने पर ध्यान देना होगा।
देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड ने बीते पांच सालों में 3,500 करोड़ रुपये मूल्य के खनन उपकरणों का आयात किया है। इसके अलावा इनके आयात पर एक हजार करोड़ रुपये का शुल्क भी दिया है।