मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन की अंतरिक्ष एजेंसी चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (सीएनएसए) ने चीन के गांसू प्रांत के जियुकुआन स्थित अंतरिक्ष केंद्र से शुक्रवार को लांग मार्च 2 एफ रॉकेट छोड़ा है। इस रॉकेट में एक पुनरुपयोगी (रीयूजेबल) स्पेसक्राफ्ट भी भेजा गया है। अधिकारियों के मुताबिक यह एक पायलट परियोजना है, जिसके अंतर्गत अंतरिक्ष यात्रियों को लाने-ले जाने के लिए बार-बार एक ही स्पेसक्राफ्ट का प्रयोग सुनिश्चित किया जा सकेगा। वैसे कुछ अंतरिक्ष विज्ञानी चीन की इस पहल को अमेरिका की नकल भी करार दे रहे हैं। उनका कहना है कि अमेरिका जिस स्पेस शटल कार्यक्रम को वर्ष 2011 में बंद कर चुका है, चीन अब वैसा ही स्पेसक्राफ्ट बनाकर अंतरिक्ष में भेज रहा है।
चीन का दावा है कि वह इस स्पेसक्राफ्ट का उपयोग अपने अंतरिक्ष स्टेशन पर एस्ट्रोनॉट्स को लाने-ले जाने के लिए तो करेगा ही, साथ ही चीन के अंतरिक्ष केंद्रों में सामान की आपूर्ति में भी इसका प्रयोग है। फिलहाल ये स्पेसक्राफ्ट धरती से 100 किलोमीटर ऊपर कारमान लाइन के पास चक्कर लगाएगा, उसके बाद यह धरती पर वापस आ जाएगा। वैसे चीन ने इस स्पेसक्राफ्ट के मार्ग, ऊंचाई आदि की जानकारी साझा नहीं की है। (हि.स.)