Friday, April 18"खबर जो असर करे"

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ऑनलाइन मार्केटिंग के दौर में ठगे न रह जायें मजदूर एवं कारीगर

ऑनलाइन मार्केटिंग के दौर में ठगे न रह जायें मजदूर एवं कारीगर

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- अरूण कुमार जैन औद्योगिक एवं व्यापारिक क्षेत्र में देश एवं दुनिया बहुत आगे निकल चुकी है। अपने-अपने दृष्टिकोण से लोग अपना बिजनेस एवं व्यापार बढ़ाने में लगे हैं। आज-कल देश में मार्केटिंग क्षेत्रा में एक बात बहुत जोर-शोर से कही जाती है कि ‘कर लो दुनिया मुट्ठी में’ इस मार्केटिंग पंच के आविष्कारक रिलाएंस गु्रप के संस्थापक स्व. श्री धीरूभाई अंबानी थे। यह नारा हिन्दुस्तान में उस समय आया था जब भारत में इलेक्ट्रानिक और कम्युनिकेशन इंडस्ट्रीज का दौर चल रहा था। कम्युनिकेशन के क्षेत्रा में मोबाइल और अन्य 2जी, 3जी, 4जी सुविधाओं एवं उनके इस्तेमाल से अब यह प्रतीत होने लगा है कि वाकई दुनिया एक मुट्ठी में आ गई है। घर से बैठे-बैठे लोग पूरी दुनिया एवं देश में व्यापार करने लगे हैं। इस उपभोक्तावादी और सुविधावादी व्यवस्था में लाभ तो दिखाई देता है मगर क्या इसका लाभ आम जन को भी मिल रहा है। आम जन का आशय उस व्यक्...
लीक से हटकर पढ़ाया जाएगा सोच का पाठ

लीक से हटकर पढ़ाया जाएगा सोच का पाठ

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- प्रमोद भार्गव देश का भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास ऐसा उच्च शिक्षण संस्थान है, जिसे केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने लगातार चौथी बार देश का श्रेष्ठ शिक्षण संस्थान घोषित किया है। यह देश का एकमात्र ऐसा संस्थान है, जो शिक्षा में नवाचारी प्रयोगों में आगे रहा है। विज्ञान के आविष्कार और श्रेष्ठ साहित्य लेखन की बुनियाद ‘विचार‘ या ‘सोच‘ है। परंतु सोच का पाठ्यक्रम देश में कहीं पढ़ाया जाता हो, ऐसा अब तक देखने-सुनने में नहीं आया है। यही कारण है कि 900 के करीब उच्च शिक्षण संस्थान होने के बावजूद हम शोध, प्रयोग और आविष्कार के क्षेत्र में पिछड़े हुए हैं। खुशी की बात है कि आईआईटी मद्रास ने गणित के माध्यम से ‘लीक से हटकर सोच‘ अर्थात ‘आउट ऑफ द बाक्स थिंकिंग‘ पर आधारित पाठ्यक्रम शुरू किया है। इसके जरिए नवोन्मेषी सोच को बढ़ावा दिया जाएगा। इस अनोखी पहल के तहत संस्थान का विद्यालय और महाविद्यालयों के करीब 10 ल...
आखिर क्यों जरूरी है भारत के लिए एस-400 डील

आखिर क्यों जरूरी है भारत के लिए एस-400 डील

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- योगेश कुमार गोयल पिछले सप्ताह अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने भारत को रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए काटसा प्रतिबंधों से खास छूट दिलाने वाले एक संशोधित विधेयक को पारित कर दिया, जिसके बाद भारत रूस से बिना किसी रोकटोक के एस-400 मिसाइल सिस्टम खरीद सकेगा। दरअसल 2017 में बने अमेरिकी कानून ‘काटसा’ के अनुसार यदि रूस, उत्तरी कोरिया अथवा ईरान के साथ कोई भी देश रक्षा या जासूसी संबंधी कोई डील करता है तो उसे अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना होगा लेकिन भारत को इससे छूट दिया जाना निश्चित रूप से भारतीय कूटनीति की बड़ी सफलता है। वैसे भारत इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए सदैव यही कहता आया है कि रूस से इस महत्वपूर्ण रक्षा सौदे को लेकर वह किसी भी तरह के बाहरी दबाव में नहीं आएगा और रक्षा खरीद में राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रश्न यह है कि भारत के लिए रूस से एस-400 की डील आ...
फिर आ गए रनिल विक्रमसिंघ

फिर आ गए रनिल विक्रमसिंघ

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक श्रीलंका के राष्ट्रपति-चुनाव में रनिल विक्रमसिंघ की विजय पर उनके दोनों प्रतिद्वंदी तो चुप हैं लेकिन उनके विरुद्ध राजधानी कोलंबो में प्रदर्शन होने शुरू हो गए हैं। आमतौर पर गणित यह था कि राजपक्ष-परिवार की सत्तारूढ़ पार्टी के नाराज सदस्य रनिल के विरुद्ध वोट देंगे और संसद किसी अन्य नेता को राष्ट्रपति के पद पर आसीन कर देगी लेकिन रनिल को स्पष्ट बहुमत मिल गया है। इसका अर्थ यही है कि एक तो सत्तारूढ़ दल में दरार जरूर पड़ी है लेकिन वह इतनी चौड़ी नहीं हुई कि पार्टी-उम्मीदवार उसमें डूब जाए और दूसरा यह कि प्रधानमंत्री रहते हुए रनिल विक्रमसिंघ ने पिछले कुछ हफ्तों में ही भारत और अनेक अंतरराष्ट्रीय संगठनों को इतना प्रेरित कर दिया था कि श्रीलंका को अरबों रु. की मदद आने लगी थी। वैसे भी रनिल छह बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। इतने अनुभवी नेता के अब राष्ट्रपति बनने पर शायद श्रील...
अमृत महोत्सव की परिकल्पना को साकार करता एकल अभियान

अमृत महोत्सव की परिकल्पना को साकार करता एकल अभियान

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- सिद्धार्थ शंकर गौतम पूरा देश स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मना रहा है। 75 वर्षों की स्वतंत्रता ने भारत को दुनिया के अग्रणी राष्ट्रों की कतार में सम्मिलित करवा दिया है तो उसके पीछे प्रेरणा है उस भाव की जो ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की अवधारणा को मानता है, उस शक्ति की जो समाज की एकजुटता से मिलती है, उस स्वाभिमान की जो हमारी सांस्कृतिक विरासत की थाती है। इसी समाज की एकता, शौर्य, स्वाभिमान को धार देता है ‘एकल अभियान’। भारत की बीते 75 वर्षों की यात्रा में एकल की 33 वर्षों की यात्रा उस भाव की साक्षी रही है जिसने अमृत महोत्सव के ‘उत्सव’ का अवसर दिया है। एकल अभियान से सम्बद्ध सभी संगठनों/आयामों ने अपनी स्थापना काल से ही भारतीयता के बोध को सशक्त कर आजादी के अमृत महोत्सव के भाव को पुष्ट किया है और निरंतर भविष्य के भारत के स्वप्न को साकार कर रहे हैं। यह स्वतंत्रता हमें अनेक कष्टों को सहकर प्राप्त हुई है। अन...
मोदी का मास्टर स्ट्रोक ‘मुर्मू’

मोदी का मास्टर स्ट्रोक ‘मुर्मू’

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- आर.के. सिन्हा द्रौपदी मुर्मू वास्तव में मोदी जी का मास्टर स्ट्रोक है। मतदान के समय जिस तरह विपक्षी दलों में फूट पड़ी और क्रॉस वोटिंग हुई, उससे साबित हो गया कि मोदी जी का आदिवासी और महिला कार्ड चल गया। द्रौपदी मुर्मू का देश का अगला राष्ट्रपति निर्वाचित होना निश्चित है। वो आगामी 25 जुलाई को देश के नए राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी। उनसे सारा देश यह अपेक्षा करेगा कि वो अपने पूर्ववर्ती राष्ट्रपतियों डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. प्रणब कुमार मुखर्जी और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जैसे महानुभावों की तरह ही गरिमामयी व्यवहार का परिचय देंगी। वो देश के प्रथम नागरिक के रूप में एक नई नजीर स्थापित करेंगी। भारत का यह सौभाग्य ही रहा कि उसे गोरी सरकार से मुक्ति मिलने के बाद डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और उनके बाद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जैसे ज्ञानी, प्रकांड विद्वान और धीर गंभीर राष्ट्रपति मिले। वे संविधान की मर्यादाओं में ...
अपनी दशा-दिशा के लिए कांग्रेस ही जिम्मेदार

अपनी दशा-दिशा के लिए कांग्रेस ही जिम्मेदार

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- डॉ. अनिल कुमार निगम देश में सर्वाधिक अवधि तक शासन करने वाली कांग्रेस अपनी दशा और दिशा के लिए खुद ही जिम्मेदार है। आज यह पार्टी बेहद बदहाली के दौर से गुजर रही है। भाजपा के विराट कद के सामने विपक्ष बौना है। किसी मजबूत लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए सशक्त विपक्ष का होना जरूरी है पर कांग्रेस की नीतियां और कार्यशैली ही ऐसी है कि उसे देश की जनता अपने पास फटकने नहीं दे रही। कांग्रेस का सांगठनिक ढांचा जर्जर हो चुका है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए लगभग चार महीने गुजर चुके हैं लेकिन अभी तक कोई प्रदेश अध्यक्ष नहीं मिला है। कांग्रेस की कर्ता-धर्ता सोनिया गांधी हैं, लेकिन उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता। ऐसे में 'असली अध्यक्ष' की भूमिका राहुल गांधी निभाते हैं। राहुल को उनके अपरिपक्व एवं असंयमित व्यवहार के चलते पार्टी के अंदर और बाहर गंभीरता से नहीं लिया जाता। इसलिए पार्टी वर्तमान मे...
राष्ट्रपति चुनाव में हद लांघ गए बयानवीर

राष्ट्रपति चुनाव में हद लांघ गए बयानवीर

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- डॉ. विपिन कुमार इस बार राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में विपक्ष के बयानवीर सारी हदें पार कर गए। 21 जुलाई यानी गुरुवार को देश के नए राष्ट्रपति की घोषणा होनी है। भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की संख्याबल के लिहाज से जीत पक्की मानी जा रही है। वो झारखंड की पूर्व राज्यपाल हैं। विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को वोट देने वाले बयानवीर नेताओं की टिप्पणियों से देश आहत है। इस चुनाव में विपक्ष की खूब जगहंसाई हुई है। अंतरात्मा की आवाज पर विपक्ष के तमाम मतदाताओं ने द्रौपदी मुर्मू की ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा को देखते हुए अपना बेशकीमती मत देने का फैसला किया। बयानवीरों की इस शृंखला में बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी शामिल हो गए हैं। इसलिए उनके बयान का जिक्र करना जरूरी है। तेजस्वी यादव ने द्रौपदी मुर्मू को लेकर कहा- “राष्...
माता-पिता में बसते हैं समस्त तीर्थ

माता-पिता में बसते हैं समस्त तीर्थ

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- डॉ. सौरभ मालवीय आज के युग में उन्नति का अर्थ केवल धनोपार्जन से लिया जा रहा है अर्थात जो व्यक्ति जितना अधिक धन अर्जित कर रहा है, वह उतना ही सफल माना जा रहा है। मनुष्य की उन्नति की इस परिभाषा ने पारिवारिक संबंधों से मान-सम्मान ही समाप्त कर दिया है। माता-पिता बड़े लाड़-प्यार से अपने बच्चों का लालन-पालन करते हैं। उन्हें उच्च शिक्षा दिलाने के लिए यथासंभव प्रयास करते हैं। बच्चे बड़े एवं शिक्षित होकर माता-पिता को छोड़कर दूर महानगरों अथवा विदेशों में जाकर रहने लगते हैं। ऐसी स्थिति में असहाय वृद्ध माता-पिता अकेले रह जाते हैं। ऐसे लोग भी बहुत हैं, जो एकल परिवार चाहते हैं। वे अपने वृद्ध माता-पिता को वृद्धाश्रम में डाल देते हैं। ऐसे समाचार भी सुनने को मिलते रहते हैं कि वृद्धों को उनके ही बच्चों द्वारा मारा-पीटा जा रहा है। उन्हें भरपेट भोजन नहीं दिया जाता तथा अस्वस्थ होने पर उनका उपचार नहीं भी करवाया जा...