Thursday, November 21"खबर जो असर करे"

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बुंदेलखंड की जमी पर गेंदा की खेती से किसानों के जीवन में महक

बुंदेलखंड की जमी पर गेंदा की खेती से किसानों के जीवन में महक

देश, यात्रा
हमीरपुर। बुंदेलखंड भूभाग में गेंदा की खेती से किसानों की किस्मत चमक रही है। मोटी कमाई होने के कारण अब यहां के किसानों ने इसकी खेती का दायरा भी बढ़ाया है। अकेले हमीरपुर जिले में ही दर्जनों किसान गेंदा की खेती कर रहे है, जबकि बुंदेलखंड के चित्रकूट धाम बांदा मंडल में गेंदा की खेती करने वाले किसानों का आंकड़ा सौ पार हो गया है। बुंदेलखंड के हमीरपुर, महोबा, बांदा और चित्रकूट के अलावा आसपास के तमाम इलाकों में परम्परागत खेती के साथ किसानों ने गेंदा के फूलों की खेती में बड़ी दिलचस्पी बढ़ाई है। हमीरपुर भूभाग में ही बड़ी संख्या में किसान गेंदा की खेती शुरू की है। इसकी खेती में लागत भी बहुत कम आती है लेकिन मुनाफा कई गुना तक होता है। हमीरपुर जिले के राठ, गोहांड और सरीला क्षेत्र के तमाम गांवों में इन दिनों गेंदा की खेती के लिए किसानों ने पौधे रोपित कर दिए है। हमीरपुर के उद्यान निरीक्षक शौभाग्य सोनी...
पक्का घर, सुंदर कॉलोनी-सहरिया परिवारों की बदलने वाली है जिन्‍दगानी

पक्का घर, सुंदर कॉलोनी-सहरिया परिवारों की बदलने वाली है जिन्‍दगानी

यात्रा
भोपाल । टूटा-फूटा कच्चा घर, बारिश में टपकता घर, सर्दी में कंपकपाता घर और तेज गर्मी में तपतपाता घर अब बीते दौर की बात हो गई है। सहरिया जनजाति परिवारों के दिन अब बदले वाले हैं। इस विशेष पिछड़ी जनजाति के सभी परिवारों को पीएम जनमन की आवास योजना से न केवल पक्का घर ही मिला है, बल्कि अब ये परिवार प्राय: शहरों में मिलने वाले आवासीय परिसरों की तरह पक्की कॉलोनी में रहने की तैयारी कर रहे हैं। जनसम्पर्क अधिकारी घनश्याम सिरसाम ने गुरुवार को बताया कि बदलाव की यह कहानी शिवपुरी जिले की है। विशेष पिछड़ी जनजातीय समूहों के जीवन स्तर में सुधार एवं समग्र कल्याण के लिये भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जन-मन) चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शिवपुरी जिले में सहरिया जनजातीय परिवार बहुतायत में निवास करते हैं। यहाँ पीएम जनमन में सभी सहरिया परिवारों को पक्‍का घर बनाकर देने ...
शहीद कुलभूषण मांटा को शौर्य चक्र, गोली लगने के बाद पकड़ा था जिंदा आतंकी

शहीद कुलभूषण मांटा को शौर्य चक्र, गोली लगने के बाद पकड़ा था जिंदा आतंकी

देश, यात्रा
शिमला। बेटे का नाम लेते ही मां की आंखों से आंसू बहने लगते हैं और साथ में खड़ी शहीद की पत्नी निशब्द हैं. वह बस बीच बीच में पलके झपकाते हुए एक नजर से सामने टकटकी लगाए खड़ी हैं. चेहरे पर कोई भाव नहीं है. मानों शून्य हो चुकी हों. नीतू की के चेहरे को देखकर लगता है कि वह अपनी भावनाओं को पूरी तरह से काबू करने की कोशिश कर रही हैं. लेकिन पति की शहादत के बाद अंदर से टूट चुकी हैं. हालांकि, इस बहादुर बेटी के मन के अंदर क्या चल रहा था, यह वह खुद ही बता सकती हैं. दरअसल, ये तस्वीरें नई दिल्ली से आई हैं. यहां पर हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के चौपाल के कुपवी के शहीद कुलभूषण मांटा को मरणोंपरांत शौर्य चक्र से नवाजा गया. इस दौरान शहीद की मां और पत्नी को राष्ट्रपति द्रोपदी मूर्मू ने शुक्रवार शाम को शौर्य चक्र देकर सम्मानित किया. सम्मान समारोह में जब शहीद कुलभूषण का नाम लिया गया तो मां की आंखों से आंसू बर...
मिजोरम में पत्थर की खदान ढहने से 10 लोगों की मौत, भूस्खलन में कई घर ध्वस्त

मिजोरम में पत्थर की खदान ढहने से 10 लोगों की मौत, भूस्खलन में कई घर ध्वस्त

दिल्ली, देश, यात्रा
आइजोल । मिजोरम में लगातार हो रही बारिश के कारण आइजोल के बाहरी इलाके में पत्थर की खदान ढहने से 10 लोगों की मौत हो गई। मेलथुम इलाके में मिट्टी के नीचे दबे 10 शव अब तक निकाले जा चुके हैं। मिजोरम सरकार के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। पुलिस के जवानों के साथ ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीएमए कर्मी एवं स्थानीय यंग मिजो एसोशिएशन के कार्यकर्ता संयुक्त रूप से बचाव कार्य में लगे हुए हैं। भूस्खलन में कई घर ध्वस्त हो गए हैं। अनेक वाहन मिट्टी के नीचे दबे हुए हैं। लगातार हो रही बारिश के कारण राहत और बचाव कार्य में बाधा पहुंच रही है। बीते 36 घंटे से हो रही बारिश के कारण मंगलवार को पूर्वोत्तर की प्रायः सभी नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। नदी किनारे के इलाकों में रहने वाले कई लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा...
जन्मदिन: ‘मेरे अंगने में…’ गाने से शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचीं थीं अलका याग्निक

जन्मदिन: ‘मेरे अंगने में…’ गाने से शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचीं थीं अलका याग्निक

बॉलीवुड, यात्रा
गायिका अलका याग्निक का 20 मार्च 1966 को पश्चिम बंगाल, कोलकाता में जन्म हुआ था। इनकी माता का नाम शुभा याग्निक है और वो एक क्लासिकल सिंगर थीं। अलका गुजराती हिन्दू परिवार से आती हैं। अलका याग्निक एक भारतीय प्रसिद्ध पार्श्वगायिका हैं। ये अपनी गायिकी से सिनेमा में तीन दशकों तक राज किया है और संगीत के क्षेत्र में अपनी गायिकी का लोहा मनवाया है। अलका याग्निक को कई नेशनल अवार्ड और फिल्मफेयर अवार्ड से नवाज़ा जा चुका है। सिनेमा के तीन दशकों तक पुराने करियर में इन्होंने एक से बढ़ कर एक गाने गाये हैं। लता और आशा के बाद अगर किसी का नाम लिया जाता है, तो वो अलका याग्निक हैं। अलका ने अपने करियर के दौरान हिंदी के अलावा उर्दू, गुजराती, अवधी, भोजपुरी, तमिल, तेलुगु और मलयालम भाषा में भी गाने गाये हैं। अलका ने शिल्लोंग के मशहूर बिज़नेसमैन नीरज कपूर के साथ वर्ष 1989 में शादी क...
हिन्दू संस्कृति में चारधामों का है विशेष महत्व, अन्य दर्शनीय स्थलों के भी हैं खास मायने

हिन्दू संस्कृति में चारधामों का है विशेष महत्व, अन्य दर्शनीय स्थलों के भी हैं खास मायने

देश, यात्रा
ऋषिकेश। हिन्दू संस्कृति में चारधाम यात्रा का विशेष महत्व है। उत्तराखंड की विश्वविख्यात चारधाम यात्रा, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के साथ सिखों के पवित्र धाम श्री हेमकुंड की यात्रा का भी अपना अलग ही महत्व है। चारधाम का आगाज 22 अप्रैल से प्रारंभ हो रहा है। केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को तो बदरीनाथ के 27 अप्रैल को खुलेंगे जबकि परंपरा के अनुसार 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे। शासन-प्रशासन ने यात्रियों की अतिथि देवो भव की तर्ज पर पूरी तैयारी कर ली है। यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विशेष नजर बनाए रखे हुए हैं। यात्रा को सुखद और सरल यात्रा बनाने के लिए मुख्यमंत्री लगातार और समीक्षा बैठक कर आवश्यक निर्देश दे रहे हैं हैं। प्रशासन का मानना है कि पिछले 2 वर्ष में कोरोना के चलते कम हुई यात्रियों की संख्या...
ईएमआई पर मिलने लगा हापुस आम, व्यापारी ने पेटीएम से किया अनुबंध

ईएमआई पर मिलने लगा हापुस आम, व्यापारी ने पेटीएम से किया अनुबंध

यात्रा
पुणे। देश में ऐसा पहली बार हो रहा है जब फलों का राजा आम की बेहद खास नस्ल हापुस को बेचने के लिए पुणे के एक व्यापारी ने अपने ग्राहकों को ईएमआई पर हापुस आम की पेटियां बेचने का अनूठा तरीका निकाला है। हापुस आम महंगा होने की वजह से आम आदमी इसे खरीदने से बचता है, ऐसे में इस व्यापारी ने आम बेचने के लिए ईएमआई का आइडिया निकाला है। देश में इस तरह का पहला प्रयोग करने वाले गौरव सनस ने इसके लिए पेटीएम से अनुबंध किया है। चॉकलेट और पटाखे बेचने वाले इस व्यापारी से कुछ ग्राहकों ने तीस-तीस हजार रुपये के आम खरीदे। इन्हें अब एक वर्ष तक पच्चीस सौ रुपये प्रतिमाह ईएमआई के जरिए गौरव सनस की फर्म गुरु कृपा ट्रेडर्स में जमा कराना होगा। गौरव बताते हैं कि लोग ईएमआई पर मोबाइल फोन खरीदते हैं, इस तरीके से महंगी वस्तुएं हर कोई आसानी से खरीद पाता है। अब अगर कोई व्यक्ति उससे 5 हजार का आम खरीदता ...
आंध्र प्रदेश की चुनावी बयार में गुजरात के झींगा उत्पादक किसानों की उम्मीदों पर पानी

आंध्र प्रदेश की चुनावी बयार में गुजरात के झींगा उत्पादक किसानों की उम्मीदों पर पानी

अवर्गीकृत, यात्रा
अहमदाबाद। गुजरात के झींगा उत्पादक किसानों पर एक के बाद दूसरी मुसीबत आने लगी है। कोरोना महामारी के बाद किसी तरह खड़े हुए कारोबार पर एक बार फिर मार पड़ी है। आंध्र प्रदेश में अगले साल के मध्य तक विधानसभा का चुनाव होना है और सरकार ने वहां झींगा उत्पादक किसानों के लिए बिजली दर 4 रुपए से घटा कर डेढ़ रुपए कर दिया है। इससे चिंतित गुजरात के झींगा उत्पादक किसानों ने भी गुजरात सरकार से बिजली दर 8 रुपए प्रति यूनिट से घटा कर 3 से 4 रुपए करने की मांग की है। झींगा उत्पादकों ने फिशरीज विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में पत्र लिखकर अपनी व्यथा बताई है। झींगा उत्पादन से लेकर निर्यात में अग्रणी गुजरात के झींगा उत्पादक किसानों की चिंता बढ़ गई है। महंगा बीज, आहार के साथ महंगी बिजली के जरिए खारी भूमि में झींगा उत्पादकों के लिए अब स्पर्धा में बने रहना चुनौतीपूर्ण है। झींगा उत्पादन में गुजरात को ...
गोरखपुर के जानीपुर निवासी इंद्रप्रकाश प्राकृतिक खेती से कर रहे अच्छी कमाई

गोरखपुर के जानीपुर निवासी इंद्रप्रकाश प्राकृतिक खेती से कर रहे अच्छी कमाई

तकनीकी, यात्रा
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के एक छोटे से कस्बे जानीपुर के रहने वाले इंद्रप्रकाश ने खेतीबाड़ी कर अनेक पुरस्कार लिये हैं। खेती की फसलों को प्राकृतिक ढंग से कीट नियंत्रण करने वाले इंद्रप्रकाश न सिर्फ रसायनों का प्रयोग कम कर रहे हैं बल्कि पोषक तत्वों से भरपूर शाक-सब्जी उगाकर अच्छी कमाई भी कर रहे हैं। वे अपनी उपज को अच्छा से और अच्छा होने के पीछे सरकारी मदद को श्रेय दे रहे हैं और कहते हैं कि सरकार की मदद नहीं मिली होती तो गर्मी में फसल लेना मुश्किल होता। इंद्रप्रकाश ने वर्ष 1988 में वाराणसी के यूपी कॉलेज से एग्रीकल्चर में एमएससी एजी (हॉर्टिकल्चर) की और हर युवा की तरह आर्थिक उन्नति के सपने देखने लगे, लेकिन जब कहीं सफलता नहीं मिली तब इंद्रप्रकाश ने वर्ष 2008 में पारिवारिक मजबूरी में खेतीबाड़ी शुरू की। खानदानी परिवार से ताल्लुक रखने वाले इंद्रप्रकाश अब खेती से ही दूर-...