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जीवन शैली

दिवाली पर बनाएं लड्डू की जगह बूंदी की बर्फी

दिवाली पर बनाएं लड्डू की जगह बूंदी की बर्फी

जीवन शैली
भोपाल (Bhopal)। दिवाली का त्योहार बस आने ही वाला है। इस खास मौके पर सभी एक दूसरे के साथ मिल-जुलकर खुशियां बांटते है। दिवाली फेस्टिवल में पटाखों की धूम के साथ ही स्वाद से भरी मिठाइयों को खाने का अलग ही मज़ा होता है. इस खास मौके को सेलिब्रेट करने के लिए घरों में कई तरह की मिठाइयां बनाई जाती हैं. बूंदी की बर्फी (Boondi Ki Barfi) भी उनमें से एक है. आप अक्सर बूंदी के लड्डू खाते होंगे लेकिन इस दिवाली अपनी मिठाइयों की लिस्ट में बूंदी के लड्डू (Boondi Laddu) की जगह बूंदी की बर्फी को शामिल कर सकते हैं. स्वाद से भरपूर बूंदी की बर्फी घर के सभी लोगों को काफी पसंद आएगी. इसके साथ इस मिठाई को बनाना भी आसान है. बूंदी की बर्फी बनाने के लिए ज्यादातर सामग्री बूंदी के लड्डू वाली ही लगती है. इसे बनाने के लिए बेसन, दूध, घी, मावा आदि चीजों की जरुरत पड़ती है. आपने अगर अब तक दिवाली की मिठाइयों का लुत्फ नहीं उठाया...
करवा चौथ पर बन रहा महासंयोग, जानिए शुभ मुहूर्त

करवा चौथ पर बन रहा महासंयोग, जानिए शुभ मुहूर्त

जीवन शैली, देश
उज्‍जैन। अखंड सौभाग्‍य के लिए रखे जाने वाले करवा चौथ व्रत (karwa chauth) को हिंदू धर्म में बेहद महत्‍वपूर्ण माना गया है. करवा चौथ व्रत (karwa chauth) कार्तिक मास के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. इस दिन भगवान गणेश, चौथ माता और शिव-पार्वती की पूजा की जाती है. इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इस साल करवा चौथ व्रत 1 नवंबर 2023 को रखा जाएगा   हिंदू धर्म (Hindu Religion)में करवा चौथ का विशेष (Specific)महत्व है। इस खास दिन पर सुहागिन (married woman)महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत (Fast)रखती हैं। ये दिन सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत खास होता है। करवा चौथ पर महिलाएं व्रत रखने के साथ-साथ विधिनुसार पूजा-अर्चना भी करती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का त्योहार म...
“सौभाग्य का श्रृंगार : करवाचौथ”

“सौभाग्य का श्रृंगार : करवाचौथ”

जीवन शैली, देश, बॉलीवुड
हमारा सनातन धर्म प्रत्येक रिश्तें को अनेकों रूप में श्रृंगारित करता है। करवाचौथ की पावनता भी कुछ अनूठी सी है। यह व्रत तो सौभाग्य के श्रृंगार का समय है। कितने अर्पण की भावना इस व्रत में निहित है। कठिन तपस्या करते हुए भूखे-प्यासे रहकर भी पति की लम्बी आयु के लिए अनवरत प्रार्थना करना, पूजन-अर्चन करना और श्रृंगार करना। वैदिक परम्पराओं ने जीवन को उत्सव का स्वरुप दिया है। पति-पत्नी का रिश्ता ही अंत तक जीवंत रहता है। यह उत्सव इस रिश्ते में नवीनता, उत्साह और कुछ अनूठे पलों का संयोग करते है। पतिव्रत धर्म की अद्वितीय मिसाल होती है नारी शक्ति। पति को परमेश्वर रूप में पूजने वाली अपने जीवन के पल-पल को समर्पित करने वाली, उपहार स्वरुप अक्षय प्रेम की मनोकामना करने वाली नारी। पति के अनुराग में सर्वस्व भूलकर केवल समर्पण की अभिव्यक्ति करती है।   तेरा होना मुझे अपनेपन का एहसास दिलाता है।   ...
Shardiya Navratri 2023:  आठवें दिन करें मां महागौरी की पूजा, जानें पूजन विधि

Shardiya Navratri 2023: आठवें दिन करें मां महागौरी की पूजा, जानें पूजन विधि

जीवन शैली, देश
नई दिल्ली (New Delhi)। नवरात्रि (Shardiya Navratri 2023 Day) के आठवें दिन मां महागौरी (Maa Mahagauri Puja) की पूजा की जाती है। आदिशक्ति श्रीदुर्गा (Adishakti Sridurga) का अष्टम रूप श्री महागौरी (Mahagauri) हैं। मां महागौरी का रंग अत्यंत गौर वर्ण है इसलिए इन्हें महागौरी (Mahagauri) के नाम से जाना जाता है। मान्यता के अनुसार अपनी कठिन तपस्या से मां ने गौर वर्ण प्राप्त किया था। तभी से इन्हें उज्जवला स्वरूपा महागौरी, धन ऐश्वर्य प्रदायिनी, चैतन्यमयी त्रैलोक्य पूज्य मंगला, शारीरिक मानसिक और सांसारिक ताप का हरण करने वाली माता महागौरी का नाम दिया गया। मां महागौरी का स्वरूप श्वेत वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचि:। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥ अर्थ - मां दुर्गा का आठवां स्वरूप है महागौरी का। देवी महागौरी का अत्यंत गौर वर्ण हैं। इनके वस्त्र और आभूषण आदि भी सफेद ही हैं। इनकी चार भुजाएं हैं।...
पितृ अमावस्या पर शनिवार को लगेगा सूर्यग्रहण, रात होने के कारण भारत में नहीं दिखेगा

पितृ अमावस्या पर शनिवार को लगेगा सूर्यग्रहण, रात होने के कारण भारत में नहीं दिखेगा

जीवन शैली, देश
भोपाल। भारत में शनिवार, 14 अक्टूबर को जब आश्विन कृष्ण पक्ष (पितृपक्ष) की अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा। इस दौरान भारत में जब सूर्य अस्त हो रहा होगा, उसके कुछ देर बाद रात के अंधेरे में मेक्सिको, सेंट्रल अमेरिका, कोलिम्बिया, ब्राजील आदि पश्चिमी देशों में वलयाकार सूर्यग्रहण की खगोलीय घटना होगी। ग्रहण के समय रात्रि होने से यह घटना भारत में नहीं दिखेगी। यह जानकारी शुक्रवार को नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने दी। उन्होंने बताया कि सूर्यग्रहण पथ दक्षिणी कनाडा के तट से प्रशांत महासागर में शुरू होगा। पश्चिमी देशों में होने वाला यह सूर्यग्रहण एन्यूलर या वलयाकार सूर्यग्रहण होगा। उन्होंने बताया कि भारतीय समय के अनुसार रात्रि 8 बजकर 33 मिनिट 50 सेकंड पर ग्रहण की घटना आरंभ होगी, जबकि रात 11 बजकर 29 मिनट 32 सेकंड पर यह अधिकतम ग्रहण की स्थिति में होगा। इसके बाद रात्रि 2 बजकर 25 मिनट 1...
बादाम की अच्छाइयों के साथ अपनी नवरात्रि को दें एक हेल्दी ट्विस्ट!

बादाम की अच्छाइयों के साथ अपनी नवरात्रि को दें एक हेल्दी ट्विस्ट!

जीवन शैली, देश, मध्य प्रदेश
भोपाल : नवरात्रि भक्ति, नृत्य और चमचमाते रंगों का त्योहार है। इसे भारतीय कैलेंडर के सबसे पवित्र दिनों मंह से एक माना जाता है। भारत में यह सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि आस्था, एकजुटता और परंपरा का उत्सव है। नौ दिनों तक चलने वाला यह त्योहार अलग-अलग नृत्यों, रंग-बिरंगे कपड़ों और देवी दुर्गा की सामुदायिक भक्ति के साथ मनाया जाता है। आनंद से भरे इस उत्सव के बीच उपवास रखने की एक अलग परंपरा होती है। नवरात्रि उत्सव के दौरान कुछ लोग उपवास करते हैं, वहीं कुछ लोग सात्विक/शुद्ध शाकाहारी भोजन करते हैं। इस तरह डाइट पर कंट्रोल करने के दौरान, बादाम ना केवल स्वादिष्ट सम्मिश्रण है, बल्कि पोषक तत्वों का पावरहाउस भी है। बादाम की सबसे बड़ी खूबी है, इसका संतुष्टि देने का गुण। इस वजह से जो भी इसे खाता है उसे पेट भरे होने और तृप्ति का एहसास होता है। भले ही बादाम देखने में छोटे हों, लेकिन पोषण के लिहाज से इसमे...
शारदीय नवरात्रि 2023 कब से होगी शुरू?

शारदीय नवरात्रि 2023 कब से होगी शुरू?

जीवन शैली, देश
भोपाल ! शारदीय नवरात्रि का इतजार हर देवी भक्तों को बड़े ही बेसब्री से रहता है। इस साल नवरात्रि शुरू होने में अब बस चंद दिन ही बाकी है। नवरात्र के पूरे 9 दिनों तक देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के दौरान देवी मां के मंदिरों से लेकर घरों तक में माता रानी की विधिपूर्वक उपासना की जाती है। चारों तरफ देवी मां के भजनों और जयकारों की गूंज सुनाई देती है। शारदीय नवरात्रि के इन नौ दिनों को धार्मिक दृष्टि से बेहद ही शुभ माना गया है। 9 दिनों तक मां दुर्गा के भक्त उपवास रखते हुए मां की आराधना , पूजा-पाठ और मंत्रों का जाप करते हैं। ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिनों तक शक्ति की विशेष पूजा करने से हर तरह की मनोकामना पूरी होती है और दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। शारदीय नवरात्रि 2023 कब से होगी शुरू? शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि आरंभ- 14 अक्टूबर को रात 11 बजकर 25 मिनट स...
पृथ्वी को बचाने का अन्तिम उपाय है वैदिक कृषि – प्रो. नीरज शर्मा

पृथ्वी को बचाने का अन्तिम उपाय है वैदिक कृषि – प्रो. नीरज शर्मा

जीवन शैली, देश
निंबाहेड़ा! संसार में प्रत्येक जीव की आवश्यकता तथा प्रयोजन है, इसमें सभी को कल्याण, ऐश्वर्य, आनन्द के साथ जीवन जीने के लिए वेद प्रेरित करते हैं। जीवन के सर्वांगीण विकास के लिए वेदों की महती आवश्यकता है। जिस प्रकार पृथ्वी पर अन्न उत्पन्न होते हैं वैसे ही हमारा शरीर भी अन्नमय कोश से आप्लावित है। इस संसार में वेद केवल मुक्तिगामी नही भुक्तिगामी मार्ग की बात करता है। वेद ज्ञान सप्ताह के समापन समारोह में रविवार को मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के आचार्य एवं अध्यक्ष प्रो नीरज शर्मा ये बाते बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि ऋषि क्रांतिदर्शी थे तभी उन्होंने हजारों वर्ष पहले ही वैदिक कृषि के लिए प्रेरित किए परन्तु आज संसार ने जैविक खाद रूपी विष का प्रयोग कर नई चुनौती को जन्म दिया है। इससे बचने का एक ही उपाय है वैदिक ऋषियों द्वारा प्रदत्त कृषि। शेयर मार्केट का कार्य वेदों के मुताबिक निंद...
विश्व बाज़ार में भारत की प्रतिनिधि ‘हिन्दी’

विश्व बाज़ार में भारत की प्रतिनिधि ‘हिन्दी’

जीवन शैली, देश
विश्व बाज़ार में भारत की प्रतिनिधि 'हिन्दी' डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' मानक बदल रहे हैं, इमारतों का क़द बढ़ रहा है, सीमाएँ विस्तारित हो रही हैं, आदमी चाँद पर जा रहा है, भारत चाँद के दक्षिण ध्रुव पर पहुँच रहा है, विश्व की प्रगति इतरा रही है, जनसंख्या बढ़ रही है, भाषाओं का फ़लक बदल रहा है, इन सबके बावजूद किसी भाषा के विस्तारित होते दायरे के कारण राष्ट्र के सम्बन्ध मज़बूत और सँवर रहे हैं तो वह भाषा हिन्दी है। क्रिकेट के मैदान से लेकर बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की कमान संभाल रहे भारतीय मूल के रहने वाले अथवा नौकरी के लिए उस देश पहुँचे भारतीय भी हर स्थान पर भारत को मज़बूत कर रहे हैं। और वे तिरंगे ध्वज और  बहुसंख्यकों की मातृभाषा हिन्दी का ही दामन थाम कर चल रहे हैं। यह भी सत्य है कि जो अमृतकाल का भारत बनने जा रहा है उसके सौष्ठव और आधारभूत ताना-बाना गढ़ने में हिन्दी का अहम योगदान है। आज माँ, मातृभूमि...