Friday, November 22"खबर जो असर करे"

जीवन शैली

पितृ अमावस्या पर शनिवार को लगेगा सूर्यग्रहण, रात होने के कारण भारत में नहीं दिखेगा

पितृ अमावस्या पर शनिवार को लगेगा सूर्यग्रहण, रात होने के कारण भारत में नहीं दिखेगा

जीवन शैली, देश
भोपाल। भारत में शनिवार, 14 अक्टूबर को जब आश्विन कृष्ण पक्ष (पितृपक्ष) की अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा। इस दौरान भारत में जब सूर्य अस्त हो रहा होगा, उसके कुछ देर बाद रात के अंधेरे में मेक्सिको, सेंट्रल अमेरिका, कोलिम्बिया, ब्राजील आदि पश्चिमी देशों में वलयाकार सूर्यग्रहण की खगोलीय घटना होगी। ग्रहण के समय रात्रि होने से यह घटना भारत में नहीं दिखेगी। यह जानकारी शुक्रवार को नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने दी। उन्होंने बताया कि सूर्यग्रहण पथ दक्षिणी कनाडा के तट से प्रशांत महासागर में शुरू होगा। पश्चिमी देशों में होने वाला यह सूर्यग्रहण एन्यूलर या वलयाकार सूर्यग्रहण होगा। उन्होंने बताया कि भारतीय समय के अनुसार रात्रि 8 बजकर 33 मिनिट 50 सेकंड पर ग्रहण की घटना आरंभ होगी, जबकि रात 11 बजकर 29 मिनट 32 सेकंड पर यह अधिकतम ग्रहण की स्थिति में होगा। इसके बाद रात्रि 2 बजकर 25 मिनट 1...
बादाम की अच्छाइयों के साथ अपनी नवरात्रि को दें एक हेल्दी ट्विस्ट!

बादाम की अच्छाइयों के साथ अपनी नवरात्रि को दें एक हेल्दी ट्विस्ट!

जीवन शैली, देश, मध्य प्रदेश
भोपाल : नवरात्रि भक्ति, नृत्य और चमचमाते रंगों का त्योहार है। इसे भारतीय कैलेंडर के सबसे पवित्र दिनों मंह से एक माना जाता है। भारत में यह सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि आस्था, एकजुटता और परंपरा का उत्सव है। नौ दिनों तक चलने वाला यह त्योहार अलग-अलग नृत्यों, रंग-बिरंगे कपड़ों और देवी दुर्गा की सामुदायिक भक्ति के साथ मनाया जाता है। आनंद से भरे इस उत्सव के बीच उपवास रखने की एक अलग परंपरा होती है। नवरात्रि उत्सव के दौरान कुछ लोग उपवास करते हैं, वहीं कुछ लोग सात्विक/शुद्ध शाकाहारी भोजन करते हैं। इस तरह डाइट पर कंट्रोल करने के दौरान, बादाम ना केवल स्वादिष्ट सम्मिश्रण है, बल्कि पोषक तत्वों का पावरहाउस भी है। बादाम की सबसे बड़ी खूबी है, इसका संतुष्टि देने का गुण। इस वजह से जो भी इसे खाता है उसे पेट भरे होने और तृप्ति का एहसास होता है। भले ही बादाम देखने में छोटे हों, लेकिन पोषण के लिहाज से इसमे...
शारदीय नवरात्रि 2023 कब से होगी शुरू?

शारदीय नवरात्रि 2023 कब से होगी शुरू?

जीवन शैली, देश
भोपाल ! शारदीय नवरात्रि का इतजार हर देवी भक्तों को बड़े ही बेसब्री से रहता है। इस साल नवरात्रि शुरू होने में अब बस चंद दिन ही बाकी है। नवरात्र के पूरे 9 दिनों तक देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के दौरान देवी मां के मंदिरों से लेकर घरों तक में माता रानी की विधिपूर्वक उपासना की जाती है। चारों तरफ देवी मां के भजनों और जयकारों की गूंज सुनाई देती है। शारदीय नवरात्रि के इन नौ दिनों को धार्मिक दृष्टि से बेहद ही शुभ माना गया है। 9 दिनों तक मां दुर्गा के भक्त उपवास रखते हुए मां की आराधना , पूजा-पाठ और मंत्रों का जाप करते हैं। ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिनों तक शक्ति की विशेष पूजा करने से हर तरह की मनोकामना पूरी होती है और दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। शारदीय नवरात्रि 2023 कब से होगी शुरू? शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि आरंभ- 14 अक्टूबर को रात 11 बजकर 25 मिनट स...
पृथ्वी को बचाने का अन्तिम उपाय है वैदिक कृषि – प्रो. नीरज शर्मा

पृथ्वी को बचाने का अन्तिम उपाय है वैदिक कृषि – प्रो. नीरज शर्मा

जीवन शैली, देश
निंबाहेड़ा! संसार में प्रत्येक जीव की आवश्यकता तथा प्रयोजन है, इसमें सभी को कल्याण, ऐश्वर्य, आनन्द के साथ जीवन जीने के लिए वेद प्रेरित करते हैं। जीवन के सर्वांगीण विकास के लिए वेदों की महती आवश्यकता है। जिस प्रकार पृथ्वी पर अन्न उत्पन्न होते हैं वैसे ही हमारा शरीर भी अन्नमय कोश से आप्लावित है। इस संसार में वेद केवल मुक्तिगामी नही भुक्तिगामी मार्ग की बात करता है। वेद ज्ञान सप्ताह के समापन समारोह में रविवार को मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के आचार्य एवं अध्यक्ष प्रो नीरज शर्मा ये बाते बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि ऋषि क्रांतिदर्शी थे तभी उन्होंने हजारों वर्ष पहले ही वैदिक कृषि के लिए प्रेरित किए परन्तु आज संसार ने जैविक खाद रूपी विष का प्रयोग कर नई चुनौती को जन्म दिया है। इससे बचने का एक ही उपाय है वैदिक ऋषियों द्वारा प्रदत्त कृषि। शेयर मार्केट का कार्य वेदों के मुताबिक निंद...
विश्व बाज़ार में भारत की प्रतिनिधि ‘हिन्दी’

विश्व बाज़ार में भारत की प्रतिनिधि ‘हिन्दी’

जीवन शैली, देश
विश्व बाज़ार में भारत की प्रतिनिधि 'हिन्दी' डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' मानक बदल रहे हैं, इमारतों का क़द बढ़ रहा है, सीमाएँ विस्तारित हो रही हैं, आदमी चाँद पर जा रहा है, भारत चाँद के दक्षिण ध्रुव पर पहुँच रहा है, विश्व की प्रगति इतरा रही है, जनसंख्या बढ़ रही है, भाषाओं का फ़लक बदल रहा है, इन सबके बावजूद किसी भाषा के विस्तारित होते दायरे के कारण राष्ट्र के सम्बन्ध मज़बूत और सँवर रहे हैं तो वह भाषा हिन्दी है। क्रिकेट के मैदान से लेकर बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की कमान संभाल रहे भारतीय मूल के रहने वाले अथवा नौकरी के लिए उस देश पहुँचे भारतीय भी हर स्थान पर भारत को मज़बूत कर रहे हैं। और वे तिरंगे ध्वज और  बहुसंख्यकों की मातृभाषा हिन्दी का ही दामन थाम कर चल रहे हैं। यह भी सत्य है कि जो अमृतकाल का भारत बनने जा रहा है उसके सौष्ठव और आधारभूत ताना-बाना गढ़ने में हिन्दी का अहम योगदान है। आज माँ, मातृभूमि...
चांद हमारा, अब सूरज की तरफ इशारा, आदित्य एल-1 का प्रक्षेपण कल

चांद हमारा, अब सूरज की तरफ इशारा, आदित्य एल-1 का प्रक्षेपण कल

जीवन शैली, देश
श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश)। देश के पहले सौर मिशन 'आदित्य एल-1' के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। इसे ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) से छोड़ा जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर यह खुशखबरी साझा की है। इसमें कहा गया है कि 23 घंटे 40 मिनट की उल्टी गिनती आज 12 बजकर 10 मिनट पर शुरू हुई। इस पोस्ट के अनुसार 'आदित्य एल-1' शनिवार पूर्वाह्न 11 बजकर 50 मिनट पर प्रक्षेपित किए जाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस मिशन पर ऐसे समय अमल किया जा रहा है जब कुछ दिन पहले भारत का चंद्रयान-3 मिशन सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य तक पहुंच चुका है। इसरो ने एक्स पर पोस्ट किया- 'पीएसएलवी-सी57 / आदित्य एल-1 मिशन : भारतीय समय के अनुसार दो सितंबर 2023 को पूर्वाह्न 11 बजकर 50 मिनट पर प्रक्षेपित करने के लिए उल्टी गिनती शुरू।' इससे पहले इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने यहां मीड...
नीला नहीं सफेद चमक के साथ बड़ा और चमकदार होगा आज का सुपर ब्‍लूमून

नीला नहीं सफेद चमक के साथ बड़ा और चमकदार होगा आज का सुपर ब्‍लूमून

जीवन शैली, देश
भोपाल। रक्षाबंधन का चांद होगा बेहद खास । ब्‍लूमून नाम से दिखने जा रहे इस सुपरमून की चमक जहां आम पूर्णिमा की तुलना में अधिक होगी वहीं उसका आकार भी कुछ बड़ा दिखेगा । नेशनल अवार्ड प्राप्‍त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि हमारे से लगभग 3 लाख 57 हजार 181 किमी दूर रहकर चांद आज अपनी पृथ्‍वी की परिक्रमा करते हुये निकट बिंदु पर होगा  इस  कारण वह माइक्रोमून की तुलना में लगभग 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत अधिक चमकदार दिखेगा । सारिका ने बताया कि दो पूर्णिमा के बीच 29.5 दिन का अंतर होता है और अगर पहली पूर्णिमा महीने की 1 या 2 तारीख को आती है तो दूसरी पूर्णिमा भी उस ही माह आ जाती है । एक ही अंग्रेजी कैलेंडर माह में दो पूर्णिमा आने पर दूसरी पूर्णिमा के चंद्रमा को मंथली ब्‍लूमून नाम दिया गया है । 1 अगस्‍त को पूर्णिमा के बाद आज 30 अगस्‍त को दूसरी पूर्णिमा है । ब्‍लूमून का दूसरा प्रकार सीजनल ब्ल...
मानसून के दौरान डायबिटीज को नियंत्रित रखने के उपाय : डॉ. संजीव गुलाटी

मानसून के दौरान डायबिटीज को नियंत्रित रखने के उपाय : डॉ. संजीव गुलाटी

जीवन शैली, मध्य प्रदेश
भोपाल : ढेर सारी चाय पीना पानी से भरे गड्ढों में नाचना कागज की नाव बनाना गर्मा-गर्म पकौड़ों और संगीत का आनंद लेते हुए खिड़की से बाहर के नजारों का लुत्फ  उठाना ये बातें मानसून के साथ शुरू होती हैं और यह मौसम हमेशा से हम सभी को आकर्षित करता आया है इस मौसम में डायबिटीज के मरीजों को अपनी नियमित जाँच को टालना नहीं चाहिए क्योंकि यह बहुत महत्वपूर्ण है इसके अलावा अपने ब्लड शुगर लेवल पर नजर बनाये रखने की कोशिश जरूर करनी चाहिये यह कंटिन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग उपकरणों जैसे टूल्स के इस्तेमाल द्वारा आसानी से किया जा सकता है जिनमें ग्लूकोज लेवल की जानकारी पाने के लिये उंगली पर प्रिक नहीं करना पड़ता है ऐसे उपकरणों में टाइम इन रेंज जैसे मैट्रिक्स होते हैं जो दिन के उस वक्त का संकेत देते हैं जब आपका ग्लूकोज लेवल एक विशेष सीमा में रहता है अपनी रीडिंग पर अक्सर नजर रखना अक्सर सबसे सही इस रेंज वाले ज्यादा समय के ...
स्‍ट्राबेरी मून की चमक का मुकाबला चमचमाते वीनस से आज शाम 

स्‍ट्राबेरी मून की चमक का मुकाबला चमचमाते वीनस से आज शाम 

जीवन शैली
वट पूर्णिमा का चांद जहां आज (4 जून) पूर्व दिशा में स्‍ट्राबेरी मून नाम के साथ चमक रहा होगा तो वहीं पश्चिम दिशा में शुक्र अपनी चमक बढ़ाये हुये सूर्य के साथ सबसे अधिक कोणीय दूरी पर रहेगा । चमकते खगोलीय पिंडों की शाम की जानकारी देते हुये नेशनल अवार्ड प्राप्‍त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि पश्चिमी देशों में आज पूर्णिमा के इस चंद्रमा को स्‍ट्राबेरी के पकने के आरंभ होने के समय को देखते हुये स्‍ट्राबेरी मून नाम दिया गया है । कुछ देशों में इसे हॉट मून, रोज़ मून , मीड मून कहा जाता है । पूर्णिमा का चांद महने के बदलने और मौसम की जानकारी का समय बताने आकाशीय घड़ी के रूप में उपयोग किया जाता रहा है । सारिका ने विद्याविज्ञान कार्यक्रम के अंतर्गत बताया कि आज पश्चिमी आकाश में चमकता दिखने वाला वीनस इस साल के लिये,  पृथ्‍वी से देखने पर सूर्य से सबसे अधिक कोणीय दूरी पर पहुंचेगा । यह इस समय माईनस 4.3...