Friday, November 22"खबर जो असर करे"

जीवन शैली

रानी दुर्गावती का समर्पण और गोंडवाना साम्राज्य का गौरवशाली इतिहास

रानी दुर्गावती का समर्पण और गोंडवाना साम्राज्य का गौरवशाली इतिहास

जीवन शैली, मध्य प्रदेश
.डॉ. मोहन यादव भोपाल ! जबलपुर मध्यप्रदेश की संस्कारधानी है। इतिहास में इसका गौरवशाली स्थान है। जबलपुर का उल्लेख हर युग में मिलता है। यह वैदिक काल में जाबालि ऋषि की तपोस्थली रही है। हम मध्यकाल में देखें तो जबलपुर का संघर्ष अद्वितीय रहा है।प्रत्येक हमलावर का उत्तर इस क्षेत्र के निवासियों ने वीरतापूर्वक दिया है और यही वीरता वीरांगना रानी दुर्गावती के संघर्ष और बलिदान की गाथा में है।जबलपुर उनके बलिदान की पवित्र भूमि है। अकबर की विशाल सेना से रानी दुर्गावती ने इसी क्षेत्र में मोर्चा लिया था। वीरांगना दुर्गावती का युद्ध कौशल, शौर्य और पराक्रम इससे पूर्व कालिंजर में भी देखने को मिलता है।   रानी दुर्गावती के 500वें जन्मशताब्दी अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जनजातीय समाज के कल्याण और समृद्धि के लिए जो संकल्प लिया है उसे पूर्ण करने के लिये मध्यप्रदेश सरकार पूरी प्...
ब्रह्मांड के समस्त रहस्यों को उद्घाटित करती है “गीता”

ब्रह्मांड के समस्त रहस्यों को उद्घाटित करती है “गीता”

जीवन शैली
गीता जयंती के पावन अवसर पर- - डॉ. पुनीत कुमार द्विवेदी, प्रोफ़ेसर एवं समूह निदेशक- मॉडर्न ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट्स इंदौर “गीता” भारतीय संस्कृति और धर्म की महानता का प्रतीक है, और उसमें वैज्ञानिक और दार्शनिक तत्त्वों के साथ-साथ ब्रह्मांड के समस्त रहस्यों की व्यापक चिंतन की चर्चा की गई है। इस महान ग्रंथ में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को ब्रह्मांड के गहरे रहस्यों के बारे में बताया है और हमें उसकी महत्ता पर विचार करने के लिए प्रेरित किया है। मुख्यतः, इस ग्रंथ में ब्रह्मांड के सृजन, संरक्षण और संहार के विषय में चर्चा की गई है, जो कि ब्रह्मांड के समस्त रहस्यों को उद्घाटित करती है। “गीता” में ब्रह्मांड के सृजन के विषय में बताया गया है कि जब भगवान ने ब्रह्मांड की सृष्टि की तो उन्होंने इसे अपनी महानता और अनंत शक्ति से सृष्टि किया। इस विषय में गीता में कहा गया है कि भगवान ने ब्रह्मांड के सभी जी...
साल की सबसे लंबी रात आज : सारिका घारू

साल की सबसे लंबी रात आज : सारिका घारू

जीवन शैली, मध्य प्रदेश
भोपाल। सूर्य किरणें आज (22 दिसम्बर) भारतीय समयानुसार प्रात: 8 बजकर 57 मिनिट पर मकर रेखा पर लबंवत होने के बाद यह कर्क रेखा की ओर अपनी वापसी यात्रा आरंभ कर रही है। इस कारण उत्तरी गोलार्द्ध के शहरो में आज दिन सबसे छोटा और रात सबसे लंबी होगी। नेशनल अवार्ड प्राप्‍त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि आज विंटर सोलस्टिस का अवसर है जिसमें अनेक खगोलीय तथ्य समाये हुये हैं। सारिका ने बताया कि पृथ्वी के अपने अक्ष  पर झुके हुये सूर्य की परिक्रमा करते रहने के कारण सूर्यकिरणों का कोण किसी स्थान के लिये बदलता रहता है। उत्तरी गोलार्द्ध में अब तक सूर्य दक्षिण दिशा में जाता महसूस हो रहा था। वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो आज 8 बजकर 57 मिनिट के बाद सूर्य का उत्तरायण आरंभ हो चुका है। विंटर सोलस्टिस की यह खगोलीय घटना 20, 21 ,22 या 23 दिसम्बर को हो सकती है। लेकिन 20 या 23 दिसम्बर को यह कम ही होती है। 23 दिसम्...
आलोचक वालमार्ट की रिपोर्ट जरूर पढ़ें

आलोचक वालमार्ट की रिपोर्ट जरूर पढ़ें

जीवन शैली
इंजी. राजेश पाठक किसी भी देश का मैन्युफैक्चरिंग हब बनने का बड़ा रोचक इतिहास रहा है। एशिया में सबसे पहले जापान के अन्दर दुनिया भर के इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण आकर असेम्बल हुआ करते थे। लोगों को काम मिला, जीवनस्तर सुधरा तो उनकी कंपनियों से अपेक्षा बढ़ने लगी। अब उन्हें कार चाहिए थी, घर चाहिए था और भी सुविधाएं चाहिए थीं। लिहाजा श्रम-लागत महंगी हो चली। इसका तोड़ सोनी जैसी कंपनियों ने साउथ कोरिया में खोजा और इस देश ने अब मैन्युफैक्चरिंग हब का स्थान ले लिया। और वह दुनिया का निर्यातक बन गया। और जब यहां भी मध्यमवर्गीय लोग समृद्ध हुए तो जापान की तरह स्थित बदली और उसके स्थान पर चीन आ खड़ा हुआ। एक समय ऐसा आया, जब दुनिया भर की कंपनियां चीन में मौजूद नजर आईं। उनके संपर्क में आने से चीन की अपनी कंपनियां विकसित होने लगीं। लेकिन यहां भी सख्ती से लागू वन चाइल्ड नॉर्म के चलते धीरे–धीरे श्रम शक्ति महंगी होने लगी,...
बुधवार 15 नवंबर को मनाया जाएगा भाई दूज का पर्व

बुधवार 15 नवंबर को मनाया जाएगा भाई दूज का पर्व

जीवन शैली, देश
मुरादाबाद। श्री हरि ज्योतिष संस्थान के संचालक ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि पर भैया दूज का पर्व मनाया जाता है। आचार्य पंडित सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि 14 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 36 मिनट पर शुरू होगी जो 15 नवंबर को दोपहर 1:47 बजे समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार भाई दूज का पर्व 15 नवंबर को मनाया जाएगा और इस दिन भाई को टीका करने के लिए सुबह 10 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 05 मिनट तक है।   भाई दूज को यम द्वितीया या भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता है आचार्य पंडित सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि भाई दूज को यम द्वितीया या भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता हैं। यह पर्व भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक है भाई बहन का जीवन सुख, समृद्धि, संपन्नत व मां यमुना और यमराज का आशीर्वाद भी प्राप्त होत...
दिवाली पर बनाएं लड्डू की जगह बूंदी की बर्फी

दिवाली पर बनाएं लड्डू की जगह बूंदी की बर्फी

जीवन शैली
भोपाल (Bhopal)। दिवाली का त्योहार बस आने ही वाला है। इस खास मौके पर सभी एक दूसरे के साथ मिल-जुलकर खुशियां बांटते है। दिवाली फेस्टिवल में पटाखों की धूम के साथ ही स्वाद से भरी मिठाइयों को खाने का अलग ही मज़ा होता है. इस खास मौके को सेलिब्रेट करने के लिए घरों में कई तरह की मिठाइयां बनाई जाती हैं. बूंदी की बर्फी (Boondi Ki Barfi) भी उनमें से एक है. आप अक्सर बूंदी के लड्डू खाते होंगे लेकिन इस दिवाली अपनी मिठाइयों की लिस्ट में बूंदी के लड्डू (Boondi Laddu) की जगह बूंदी की बर्फी को शामिल कर सकते हैं. स्वाद से भरपूर बूंदी की बर्फी घर के सभी लोगों को काफी पसंद आएगी. इसके साथ इस मिठाई को बनाना भी आसान है. बूंदी की बर्फी बनाने के लिए ज्यादातर सामग्री बूंदी के लड्डू वाली ही लगती है. इसे बनाने के लिए बेसन, दूध, घी, मावा आदि चीजों की जरुरत पड़ती है. आपने अगर अब तक दिवाली की मिठाइयों का लुत्फ नहीं उठाया...
करवा चौथ पर बन रहा महासंयोग, जानिए शुभ मुहूर्त

करवा चौथ पर बन रहा महासंयोग, जानिए शुभ मुहूर्त

जीवन शैली, देश
उज्‍जैन। अखंड सौभाग्‍य के लिए रखे जाने वाले करवा चौथ व्रत (karwa chauth) को हिंदू धर्म में बेहद महत्‍वपूर्ण माना गया है. करवा चौथ व्रत (karwa chauth) कार्तिक मास के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. इस दिन भगवान गणेश, चौथ माता और शिव-पार्वती की पूजा की जाती है. इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इस साल करवा चौथ व्रत 1 नवंबर 2023 को रखा जाएगा   हिंदू धर्म (Hindu Religion)में करवा चौथ का विशेष (Specific)महत्व है। इस खास दिन पर सुहागिन (married woman)महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत (Fast)रखती हैं। ये दिन सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत खास होता है। करवा चौथ पर महिलाएं व्रत रखने के साथ-साथ विधिनुसार पूजा-अर्चना भी करती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का त्योहार म...
“सौभाग्य का श्रृंगार : करवाचौथ”

“सौभाग्य का श्रृंगार : करवाचौथ”

जीवन शैली, देश, बॉलीवुड
हमारा सनातन धर्म प्रत्येक रिश्तें को अनेकों रूप में श्रृंगारित करता है। करवाचौथ की पावनता भी कुछ अनूठी सी है। यह व्रत तो सौभाग्य के श्रृंगार का समय है। कितने अर्पण की भावना इस व्रत में निहित है। कठिन तपस्या करते हुए भूखे-प्यासे रहकर भी पति की लम्बी आयु के लिए अनवरत प्रार्थना करना, पूजन-अर्चन करना और श्रृंगार करना। वैदिक परम्पराओं ने जीवन को उत्सव का स्वरुप दिया है। पति-पत्नी का रिश्ता ही अंत तक जीवंत रहता है। यह उत्सव इस रिश्ते में नवीनता, उत्साह और कुछ अनूठे पलों का संयोग करते है। पतिव्रत धर्म की अद्वितीय मिसाल होती है नारी शक्ति। पति को परमेश्वर रूप में पूजने वाली अपने जीवन के पल-पल को समर्पित करने वाली, उपहार स्वरुप अक्षय प्रेम की मनोकामना करने वाली नारी। पति के अनुराग में सर्वस्व भूलकर केवल समर्पण की अभिव्यक्ति करती है।   तेरा होना मुझे अपनेपन का एहसास दिलाता है।   ...
Shardiya Navratri 2023:  आठवें दिन करें मां महागौरी की पूजा, जानें पूजन विधि

Shardiya Navratri 2023: आठवें दिन करें मां महागौरी की पूजा, जानें पूजन विधि

जीवन शैली, देश
नई दिल्ली (New Delhi)। नवरात्रि (Shardiya Navratri 2023 Day) के आठवें दिन मां महागौरी (Maa Mahagauri Puja) की पूजा की जाती है। आदिशक्ति श्रीदुर्गा (Adishakti Sridurga) का अष्टम रूप श्री महागौरी (Mahagauri) हैं। मां महागौरी का रंग अत्यंत गौर वर्ण है इसलिए इन्हें महागौरी (Mahagauri) के नाम से जाना जाता है। मान्यता के अनुसार अपनी कठिन तपस्या से मां ने गौर वर्ण प्राप्त किया था। तभी से इन्हें उज्जवला स्वरूपा महागौरी, धन ऐश्वर्य प्रदायिनी, चैतन्यमयी त्रैलोक्य पूज्य मंगला, शारीरिक मानसिक और सांसारिक ताप का हरण करने वाली माता महागौरी का नाम दिया गया। मां महागौरी का स्वरूप श्वेत वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचि:। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥ अर्थ - मां दुर्गा का आठवां स्वरूप है महागौरी का। देवी महागौरी का अत्यंत गौर वर्ण हैं। इनके वस्त्र और आभूषण आदि भी सफेद ही हैं। इनकी चार भुजाएं हैं।...