हरिहर का रूप है श्रावण माह इस बार सर्वाधिक शुभ मुहुर्त
वैसे तो चातुर्मास के चार महीनों में क्रमशः सावन में शिव, भादौ में गणेश, अश्विन में देवी और कार्तिक महीने में भगवान विष्णु की पूजा होती है। चातुर्मास का पहला माह श्रावण होने से सावन में पूजा-पाठ के साथ ही खाने-पीने की कई चीजों का ध्यान रखा जाता है। श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी ने बताया कि पूरे महीने शिवजी की पूजा के साथ ही व्रत-उपवास भी किए जाते हैं। सावन की पूर्णिमा को चंद्रमा श्रवण नक्षत्र में रहता है। इसलिए श्रवण नक्षत्र से इस महीने का नाम पड़ा है। सावन महीने के आखिरी दिन पूर्णिमा तिथि पर श्रवण नक्षत्र के संयोग में रक्षाबंधन पर्व मनाया जाता है। इसके साथ ही सावन में भगवान विष्णु की पूजा का भी विधान होता है। डॉ तिवारी के अनुसार सावन मास के देवता शुक्र हैं और शिवजी के साथ इस महीने में भगवान विष्णु के श्रीधर रूप की पूजा करने का विधान बताया गया ...