Monday, November 25"खबर जो असर करे"

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”धान का कटोरा” लेकिन इस बार फसल में खराब कर रही यह बीमारी

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धमतरी । तेज धूप, भारी उमस व बादल वाले मौसम लोगों के साथ-साथ किसानों के धान फसल के लिए भारी नुकसानदायक है। धान फसल में पत्तीमोड़क, बीएलबी और तनाछेदक बीमारियां हो गई है। धान फसल को बचाने किसान कीटनाशक का छिड़काव कर रहे हैं। वहीं भारी वर्षा अब अर्ली वेरायटी के धान फसल के लिए नुकसानदायक हो सकता है। वर्षा थमने के बाद मौसम में बदलाव आ गया है, जो किसानों के धान फसल के लिए भारी नुकसानदायक है। तेज धूप, भारी उमस और बादल वाले मौसम से किसानों के खेतों में तैयार हो रहे धान फसल में तेजी से पत्तीमोड़क, बीएलबी (बैक्टिरियल लिफ ब्लाइड) और तनाछेदक बीमारियां हो रही है, इससे फसल पर विपरीत असर पड़ने लगा है। फसल बचाने किसान तेजी के साथ अपने खेतों पर कीटनाशक का छिड़काव कर रहे हैं, ताकि बीमारियां दूर हो सके। किसान मनोहर लाल, घनाराम साहू, ओंकार यादव, संजय साहू ने बताया कि फसल को बचाने के लिए कई प्रकार के कंपनियो...

सरकार ने खाद्य तेल के आयात पर रियायती सीमा शुल्क छह महीने के लिए बढ़ाया

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-वित्त मंत्रालय ने खाद्य तेल आयात पर रियायती सीमा शुल्क को मार्च तक बढ़ाया नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने खाद्य तेल आयात (edible oil import) पर रियायती सीमा शुल्क (concessional customs duty) को मार्च, 2023 तक यानी छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। मंत्रालय के इस कदम का उद्देश्य खाद्य तेलों की घरेलू आपूर्ति को बढ़ाना और कीमतों को नियंत्रण में रखना है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने गुरुवार को जारी अधिसूचना में यह जानकारी दी। सीबीआईसी ने कहा कि निर्दिष्ट खाद्य तेलों पर मौजूदा रियायती आयात शुल्क की समय-सीमा को 31 मार्च, 2023 तक बढ़ाया जाएगा। इससे पहले मार्च में ये छूट सितंबर, 2022 तक बढ़ा दिया गया था। दरअसल, खाद्य तेलों के आयात पर सीमा शुल्क और सेस अगले छह महीने और नहीं लगाने के फैसले से घरेलू बाजार में तेलों की कीमतों को काबू में रखने में मदद मिलेगी। ...

अगस्त में UPI के जरिए हुए 657 करोड़ लेनदेन, वैल्यू बढ़कर पहुंची 10.73 लाख करोड़ रुपये

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नई दिल्ली। देश (country) में डिजिटल पेमेंट (digital payment) का चलन तेजी बढ़ा है। यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) (Unified Payment Interface (UPI)) के जरिए डिजिटल भुगतान लेन-देन (digital payment transaction value) का मूल्य इस साल अगस्त महीने में बढ़कर 10.73 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। जुलाई में यूपीआई आधारित डिजिटल लेन-देन का मूल्य 10.63 लाख करोड़ रुपये रहा था। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल अगस्त माह के दौरान यूपीआई के माध्यम से कुल 6.57 अरब (657 करोड़) लेन-देन हुए, जो पिछले महीने जुलाई में 6.28 अरब (628 करोड़) रहा था। जून महीने में 10.14 लाख करोड़ रुपये के 5.86 अरब लेन-देन हुए थे। आंकड़ों के मुताबिक आईएमपीएस के जरिए अगस्त महीने में लेन-देन का मूल्य 4.46 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि कुल 46.69 करोड़ लेन-देन हुए। इससे पहले जुलाई में...

अगस्त में जीएसटी संग्रह 28% बढ़ा, लगातार छठी बार 1.40 लाख करोड़ रुपये के पार

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नई दिल्ली। आर्थिक मोर्चे (economic front) पर सरकार के लिए अच्छी खबर है। अगस्त महीने (august month) में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह (Goods and Services Tax (GST) Collection) 28 फीसदी (28% up) बढ़कर 1.43 लाख करोड़ रुपये (Rs 1.43 lakh crore) रहा है। यह लगातार छठा महीना है, जब जीएसटी संग्रह 1.40 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों में बताया गया है कि अगस्त, 2022 में जीएसटी राजस्व संग्रह एक साल पहले की तुलना में 28 फीसदी बढ़कर कुल 1,43,612 करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले साल के इसी महीने में मिले कुल 1,12,020 करोड़ रुपये के राजस्व से 28 फीसदी अधिक है। हालांकि, जुलाई महीने में जीएसटी संग्रह 1,48,995 करोड़ रुपये रहा था। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आर्थिक पुनरुद्धार का जीएसटी राजस्व पर लगातार सकारात्मक प्रभाव बना हुआ है। म...

मूडीज ने 2022-23 के लिए भारत का विकास दर अनुमान घटाकर 7.7 फीसदी किया

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- रेटिंग एजेंसी ने अपने पूर्वानुमान में 1.1 फीसदी की बड़ी कटौती की नई दिल्ली। साख निर्धारण करने वाली रेटिंग एजेंसी (Credit rating agency) मूडीज इनवेस्टर सर्विस (Moody's Investor Service) ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए विकास दर के अनुमान (growth rate forecast) को घटाकर 7.7 फीसदी कर दिया है। एजेंसी ने इससे पहले मई में भारत की आर्थिक वृद्धि (India's economic growth) दर यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 8.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। इस तरह रेटिंग एजेंसी ने अपने पूर्वानुमान में 1.1 फीसदी की बड़ी कटौती की है। मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने गुरुवार को जारी ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2022-23 के अपडेट में कहा है कि देश में बढ़ती ब्याज दरों, आसमान मानसून और दुनिया भर में धीमी आर्थिक विकास के कारण भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को घटाया गया है। हालांकि, इससे एक दिन पहले बुधवार को भारत सरकार ने जारी आ...

संभलने के बाद फिर लुढ़का शेयर बाजार, सेंसेक्स में 1014 अंक तक की गिरावट

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नई दिल्ली। घरेलू शेयर बाजार के कारोबार के लिहाज से सप्ताह का चौथा दिन एक बार फिर गिरावट वाला दिन बनकर सामने आया। वैश्विक स्तर पर पड़ रहे जोरदार दबाव की वजह से शेयर बाजार ने आज के कारोबार के शुरुआत कमजोरी के साथ की। दिन में बाजार ने खरीदारी के सपोर्ट से काफी हद तक रिकवर भी की, लेकिन खरीदार शेयर बाजार को अंत तक संभाल नहीं सके। जिसके कारण बाजार एक बार फिर बिकवाली के दबाव आ गया और 1.2 प्रतिशत से भी ज्यादा गिरकर बंद हुआ। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के सेंसेक्स ने आज 826.54 अंक की जोरदार गिरावट के साथ 58,710.53 अंक के स्तर से कारोबार की शुरुआत की। बाजार खुलते ही कुछ देर के लिए बिकवाली का दबाव भी बना। इसकी वजह से सेंसेक्स 898.61 अंक लुढ़क कर 58,638.46 अंक के स्तर तक पहुंच गया, लेकिन इसके बाद शेयर बाजार पर खरीदारों का कब्जा हो गया और चौतरफा लिवाली शुरू हो गई। बाजार में लगातार हो रही खरीदारी के...

देश के आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन जुलाई में घटकर 4.5 फीसदी पर

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नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था के मोर्चे (Economy fronts) पर सरकार को झटका लगने वाली खबर है। देश के आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर (Growth rate of eight basic industries) यानी उत्पादन जुलाई महीने (Production July month) में धीमा पड़कर 4.5 फीसदी रहा जबकि जून महीने में यह 13.2 फीसदी (June it was 13.2 percent) रहा। बुनियादी उद्योगों की उत्पादन की यह वृद्धि दर पिछले छह महीने में सबसे कम है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने बुधवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के जारी आंकड़ों के मुताबिक आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन जुलाई महीने में 4.5 फीसदी रहा है। एक साल पहले इसी महीने में आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 9.9 फीसदी रहा था। आंकड़ों के मुताबिक बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर जून में 13.2 फीसदी, मई में 19.3 फीसदी, अप्रैल में 9.5 फीसदी, मार्च में 4.8 फीसदी, फरवरी में 5.9...

हवाई उड़ान पर न्यूनतम – अधिकतम किराया को लेकर जारी रोक हटाई गई

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- घरेलू हवाई किराया पर लागू सीमा हटने से पैसेंजर को भी राहत मिलने की उम्मीद -केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान लगाई थी यह अपर और लोअर लिमिट नई दिल्ली। सरकार ने एयरलाइन कंपनियों (airline companies) पर घरेलू हवाई किराया (domestic airfare) को लेकर लागू न्यूनतम और अधिकतम सीमा (min and max limit) को हटा दिया है। डोमेस्टिक एयर फेयर पर लागू इस कैप को करीब 27 महीने बाद (about 27 months later) हटाया गया है। घरेलू हवाई किराया को लेकर ये नियम बुधवार से लागू हो गया है। सरकार के इस कदम से त्योहारी सीजन में हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों को किराया में राहत मिलने की उम्मीद है। एक्सपर्ट के मुताबिक विमानन क्षेत्र में इस बदलाव से घरेलू एयरलाइन कंपनियों को अपना किराया निर्धारित करने की ज्यादा स्वतंत्रता मिलने की उम्मीद है। नागर विमानन मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में हवाई किराये पर लगी अपर और लोअ...

अर्थव्यवस्था ने पकड़ी रफ्तार, पहली तिमाही में 13.5 फीसदी रही जीडीपी

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नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था के र्मोचे पर सरकार को राहत देने वाली खबर है। देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 13.5 फीसदी रही है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 20.1 फीसदी रही थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने बुधवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी है। एनएसओ के जारी आंकड़ों के मुताबिक देश की विकास दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 15.2 फीसदी रही, जो एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में बहुत कम है। दरअसल, पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 20.1 रही थी। वहीं, पूरे वित्त वर्ष के दौरान भारत की कुल विकास दर यानी जीडीपी 8.7 फीसदी रही थी। आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान जीडीपी ग्रोथ के शानदार आंकड़े अर्थव्यवस्था की मजबूत तस्वीर पेश कर रहे हैं। हाल...