Friday, November 22"खबर जो असर करे"

कैट ने ड्रग कंट्रोलर के अमेजन-फ्लिपकार्ट को नोटिस भेजने का स्वागत किया

– डीसीजीआई ने अमेजन-फ्लिपकार्ट सहित 20 कंपनियों को भेजा नोटिस

नई दिल्ली (New Delhi)। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders (CAIT)) ने अमेजन और फ्लिपकार्ट (Amazon and Flipkart) सहित 20 ई-फार्मेसी कंपनियों (20 e-pharmacy companies) को ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) (Drug Controller of India (DCGI)) के कारण बताओ नोटिस भेजने का स्वागत किया है। डीसीजीआई ने देशभर में संचालित 20 ई-फर्मा कंपनियों को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 के उल्लंघन के कारण नोटिस जारी किया है।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने रविवार को एक बयान जारी कर सरकार से आग्रह किया कि जो भी ई-फार्मेसी कंपनियां ड्रग एवं कॉस्मेटिक्स एक्ट का पालन नहीं कर रहीं है, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाए जाएं। खंडेलवाल ने कहा कि दवा मानव जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण समान है, जिसे बिना कानून का पालना किए बेचे जाने को कतई जायज नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ये कंपनियां अपने ऑनलाइन प्लेटफार्म पर दवाओं को बेचती है, जो बिना लाइसेंस बेचना क़ानून का उल्लंघन है।

खंडेलवाल ने कहा कि डीसीजीआई ने जिन ई-फार्मेसी कंपनियों को नोटिस जारी किया है, उनमें कई कंपनियां विदेशी नियंत्रित हैं। इसलिए इनको दवा बेचने का लाइसेंस नहीं मिल सकता। उन्होंने कहा कि यदि इन विदेशी ई-फार्मेसी कंपनियों को ड्रग लाइसेंस दिया गया, तो यह मल्टी ब्रांड खुदरा क्षेत्र या इन्वेंट्री आधारित ई-कॉमर्स में मौजूदा एफडीआई नीति का उल्लंघन होगा। खंडेलवाल ने कहा कि इस मामले को लेकर कैट ने साउथ दिल्ली केमिस्ट एसोसिएशन और दिल्ली ड्रग डीलर्स एसोसिएशन के साथ पहले ही ई-फार्मेसी के खिलाफ पुरजोर आवाज उठाने के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीय से मिलकर जून, 2022 में एक ज्ञापन देकर इनके खिलाफ कारवाई करने की मांग की थी।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने कुछ दिन पहले तीन ई-फार्मेसिज कंपनियों को बिना वैलिड लाइसेंस दवा बेचे जाने के मामले में ड्रग कंट्रोलर को कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद डीसीजीआई ने नियमों के उल्लंघन मामले में टाटा 1एमी, फ्लिपकार्ट हेल्थ प्लस और अमेजन जैसी 20 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। ड्रग कंट्रोलर ने इन सभी ई-फार्मेसिज (ऑनलाइन और इंटरनेट) के जरिए दवा बेचने वाली कंपनियों को नोटिस का जवाब देने के लिए दो दिन वक्त दिया है। हालांकि, इन कंपनियों की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। (एजेंसी, हि.स.)