Friday, September 20"खबर जो असर करे"

कैट का दीपावली तक देश में त्योहारी बिक्री एक लाख करोड़ रहने का अनुमान

-चीनी वस्तुओं के बहिष्कार से चीन को 75 हजार करोड़ का लगेगा झटका

नई दिल्ली। पिछले दो साल में कोरोना महामारी (corona pandemic) के कारण दिल्ली सहित देश के व्यापार पर बुरा असर (bad effect on business) पड़ा है। भारी धन संकट तथा बाज़ार में बड़ी उधारी के कारण व्यापारी वर्ग भारी वित्तीय दबाव (business class heavy financial pressure) में है, लेकिन 31 अगस्त से शुरू हुए गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) में हो रहे अच्छे व्यापार तथा भारतीय उत्पादों की ख़रीद के कारण व्यापारियों को उम्मीद बंधी हैं। इस वर्ष दीपावली (Diwali) तक देश में त्योहारी बिक्री एक लाख करोड़ रुपये (Festive sale Rs 1 lakh crore) तक हो सकती है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने यह बात कही।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने शुक्रवार को बताया कि 31 अगस्त से एक बार फिर चीनी वस्तुओं का देशव्यापी बहिष्कार अभियान शुरू किया है। इस वर्ष भी रोज़मर्रा की इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं तथा त्योहारों पर होने वाली ख़रीद के लिए चीन से होने वाले आयात पर करीब 75 हजार करोड़ रुपये का झटका लगना तय है। कैट महामंत्री ने उम्मीद जताई कि अब से लेकर दीपावली तक सामानों की खरीद के कारण अर्थव्यवस्था में करीब 2,5 लाख करोड़ रुपये की पूंजी का प्रवाह हो सकता है।

खंडेलवाल ने कहा कि कैट द्वारा वर्ष 2020 से देशभर में लगातार चलाए जा रहे चीनी वस्तुओं के बहिष्कार अभियान का असर पड़ा है। जहां बड़ी संख्या में भारतीय व्यापारियों एवं आयातकों ने चीन से सामान मंगवाना बंद कर दिया है। वहीं, एक और महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि उपभोक्ता भी चीन निर्मित वस्तुओं को खरीदने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। इससे भारतीय सामान की मांग में वृद्धि होना तय है। यह ट्रेंड इस बात को स्पष्ट करता है कि इस त्योहारी सीज़न में शिल्पकार, मिट्टी का सामान बनाने वाले लोग तथा छोटे उद्यमियों को बड़ा व्यापार मिलने की संभावना है।

खंडेलवाल ने बताया कि कैट की रिसर्च शाखा कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी ने हाल ही में विभिन्न राज्यों के 20 शहरों में किए गए सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आया है की इस वर्ष अभी तक भारतीय व्यापारियों या आयातकों द्वारा दीपावली के सामान, पटाखों या अन्य वस्तुओं का कोई ऑर्डर चीन को नहीं दिया है। इससे साफ है कि इस साल दीपावली को विशुद्ध रूप से “हिंदुस्तानी दीपावली” के रूप में मनाया जाएगा। दरअसल ये 20 शहर नई दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई, नागपुर, जयपुर, लखनऊ, चंडीगढ़, रायपुर, भुवनेश्वर, कोलकाता, रांची, गुवाहाटी, पटना, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, मदुरै, पांडिचेरी, भोपाल और जम्मू हैं।

खंडेलवाल के मुताबिक, हर साल राखी से नए साल तक के पांच महीने के त्योहारी सीजन के दौरान भारतीय व्यापारी और आयातक चीन से लगभग 80 हजार रुपये मूल्य की ज़रूरत की वस्तुएं आयात करते हैं। चीनी सामानों के बहिष्कार का कैट का आह्वान इस वर्ष भी चीनी व्यापार के लिए एक बड़ा झटका होने वाला है तथा इस मांग की पूर्ति के लिए देशभर के व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों में भारतीय सामान का पर्याप्त बंदोबस्त करना शुरू कर दिया है। (एजेंसी, हि.स.)