Friday, November 22"खबर जो असर करे"

व्यापार डिजिटलीकरण राष्ट्रीय अभियान 15 नवंबर शुरू करेगा कैट

– डिजिटल करेंसी भविष्य के व्यापार का स्वरूप बदलेगी, चेक बुक खत्म होने के भी संकेत

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) (Reserve Bank of India (RBI)) के भारत (India) की डिजिटल करेंसी (digital currency) जारी करने से उत्साहित होकर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders (CAIT)) ने 15 नवंबर से व्यापार डिजिटलीकरण राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत करने का निर्णय लिया है।

कैट के राष्ट्रीय राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि देशभर के व्यापारियों के बीच “व्यापार डिजिटलीकरण राष्ट्रीय अभियान“ शुरू किया जाएगा। कैट इस अभियान को देश के सभी राज्यों की राजधानी से 15 नवंबर को शुरू करेगा।

खंडेलवाल ने कहा कि देश में डिजिटल करेंसी के आने के बाद ऐसा संभव है कि शायद ही चेक बुक की अब जरूरत रहेगी। उन्होंने कहा कि व्यापारी डिजिटलीकरण राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत 15 नवंबर को राजधानी दिल्ली की करोल बाग मार्केट से होगा। कैट महामंत्री ने कि व्यापार डिजिटलीकरण राष्ट्रीय अभियान के तहत देशभर के व्यापारिक बाजारों में स्थानीय ट्रेड एसोसिएशनों के सहयोग से मार्केटों में कैम्प लगाकर, दुकानों पर जाकर अथवा ऑनलाइन मीटिंग, वर्कशॉप और सेमिनार आयोजित कर व्यापारियों को इसकी जानकारी दी जाएगी। इसके साथ उन्हें यह बताया जाएगा कि बदलते व्यापारिक स्वरूप को ध्यान में रखते हुए वो अपने व्यापार के वर्तमान स्वरूप को बदलकर डिजिटल उपकरण जैसे नक़द के बजाय डिजिटल तरीक़े से भुगतान, ई-कॉमर्स पर अपनी दुकान, बिल आदि बनाने तथा व्यापारिक पत्र व्यवहार करने के लिए कंप्यूटर आदि का उपयोग क्यों ज़रूरी हो गया है।

कैट महामंत्री ने कहा कि डिजिटलीकरण के इस दौर में व्यापार करने के लिए तीन चीज़ ही ज़रूरी होंगी। डिजिटल पेमेंट, इंटरनेट एवं कोरियर सेवाएं। हाल ही में देश में 5जी सर्विस शुरू हो चुकी है, जो देश के कोने-कोने में निर्बाध हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा को सुलभ कराएंगी। वहीं, डिजिटल पेमेंट के लिए क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, आरटीजीएस, एनएफटी अन्य प्रकार से भुगतान के लिए यूपीआई, भीम ऐप, क्यूआरकोड सहित अन्य अनेक प्रकार के डिजिटल पेमेंट के माध्यम उपलब्ध हैं। इसके अलावा इंडिया पोस्ट से लेकर देशभर में कोरियर कंपनियों तथा ट्रांसपोर्ट सेवाओं का जाल बिछा हुआ है। व्यापारी यदि इनको अपने व्यापार का मूल आधार बनाएंगे तो उनके व्यापार में वृद्धि तो होगी ही बल्कि कोई भी विदेशी कंपनी अथवा भारतीय कंपनी कभी भी उनके व्यापार पर कब्जा नहीं कर पाएंगी। (एजेंसी, हि.स.)