पोलैंड में अचानक गिरी दो मिसाइलों को लेकर खींचतान जारी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने विश्व नेताओं के साथ आपात बैठक में यूक्रेन के नागरिकों पर हो रही बमबारी को रूस की बर्बरता करार दिया है। पोलैंड में मिसाइल गिरने के बाद बाइडन ने जी-7 और नाटो के सदस्य देशों की आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में बाइडन ने कहा कि रूसी हमले को रोकने के लिए यूक्रेन ने भी मिसाइलें दागी थीं, जो पोलैंड की सीमा में जाकर गिरीं। पोलैंड की ओर से हमले की जांच का समर्थन करते हुए बाइडन ने कहा कि हम इस समय यूक्रेन का पूरी तरह से समर्थन कर रहे हैं। रूस के खिलाफ जंग में हम उसकी हर संभव मदद करते रहेंगे।
इस बीच सीमा पर तनाव बढ़ने के बाद पोलैंड ने अपनी सेना को अलर्ट पर रहने के लिए कह दिया है। पोलैंड के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लुकाज जसीना ने कहा कि हमने रूस के राजदूत को तलब करके घटना को लेकर तत्काल विस्तृत स्पष्टीकरण मांगा है। बयान में कहा गया कि 15 नवंबर को रूस की ओर से यूक्रेन पर भारी गोलाबारी की गई और सेना ने उसके संरचनात्मक ढांचे को भी तबाह कर दिया। दोपहर 3.40 बजे रूस निर्मित मिसाइल लुबेल्स्की प्रांत के ह्रुबिजोव जिले के प्रेजवोडो गांव पर गिराई गई और इसके परिणामस्वरूप पोलैंड गणराज्य के दो नागरिकों की मौत हो गई। इसलिए पोलैंड के विदेश मंत्री जबिग्न्यू राऊ ने रूस के राजदूत को तत्काल तलब किया है और इस घटना पर विस्तृत स्पष्टीकरण मांगा है।
दूसरी ओर, रूस ने पोलैंड पर रूसी मिसाइलों के हमले की रिपोर्ट को ‘उकसाने’ की घटना बताया। रूस के रक्षा मंत्रालय ने उन रिपोर्टों का खंडन किया है कि रूसी मिसाइलों ने पोलैंड के क्षेत्र में हमला किया। इसे युद्ध की बढ़ती स्थिति के बीच जानबूझकर एक उकसावे वाली कार्यवाही करार दिया गया है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन-पोलैंड सीमा को लक्ष्य बनाकर रूसी मिसाइलों से कोई हमला नहीं किया गया है। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलादिमिर जेलेंस्की ने पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रजेज डूडा के साथ फोन बात की और पोलैंड के नागरिकों की मौत पर शोक व्यक्त किया। (हि.स.)