भोपाल (Bhopal)। नागरिकों में सामान्य सुरक्षा की भावना बनाये रखने तथा पुलिस की विजिबिलिटी बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) के निर्देशानुसार पूरे प्रदेश में पुलिस ने पैदल गश्त (police foot patrol) की। शनिवार डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना (DGP Sudhir Kumar Saxena) सहित पूरे प्रदेश में एक साथ 20 हजार से अधिक पुलिस अधिकारी और कर्मचारी सड़कों पर निकले और कानून व्यवस्था का जायजा (review of law and order) लिया। भोपाल में डीजीपी ने अधिकारियों के साथ ढाई घण्टे में करीब 10 किमी पैदल गश्त की और नागरिकों से संवाद किया। टीटी नगर थाना से जीआरपी थाना, बजरिया तक पैदल गश्त की गई।
प्रधानमंत्री मोदी ने पैदल गश्त की प्रभावशीलता पर दिया जोर :-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी माह में नई दिल्ली में हुए पुलिस महानिदेशकों/ महानिरीक्षकों के 57वें अखिल भारतीय सम्मेलन में भी पैदल गश्त की प्रभावशीलता पर जोर दिया था। उन्होंने मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा की जा रही पैदल गश्त का भी उल्लेख किया था, साथ ही निर्देश दिए थे कि पारंपरिक पुलिस प्रणाली जैसे पैदल गश्त आदि को और मजबूत करें।
मुख्यमंत्री ने पुलिसिंग को बढ़ावा देने के लिए दिए निर्देश
मुख्यमंत्री चौहान ने हाल ही में कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में निर्देश दिए थे कि बेसिक पुलिसिंग को बढ़ावा दिया जाए। जनसामान्य में सामान्य सुरक्षा की भावना बनाये रखने तथा पुलिस की सड़कों पर विजिबिलिटी बढ़ाने के लिए पैदल गश्त करने पर भी जोर दिया था। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि मध्यप्रदेश शांति का टापू है। यहां शांति एवं कानून व्यवस्था बिगाड़ने वाले तत्वों पर पुलिस सख्ती बरते।
डीजीपी ने भोपाल में की 10 किमी की पैदल गश्त:-
डीजीपी सुधीर सक्सेना के साथ वरिष्ठ अधिकारियों और पुलिस बल ने भोपाल के भीड़-भाड़ और संवेदनशील क्षेत्रों में 10 किमी पैदल गश्त की। डीजीपी ने कहा कि पैदल गश्त कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आम लोगों में सुरक्षा की भावना सुदृढ़ करना, आम लोगों के बीच पुलिस की उपलब्धता एवं दृश्यता सुनिश्चित करना है।
प्रदेश भर की पुलिस निकली सड़कों पर :-
प्रदेश के सभी जोन के आईजी/पुलिस कमिश्नर, डीआईजी/एडिशनल सीपी, एसपी/डीसीपी, एएसपी/एडिशनल डीसीपी, एसडीओपी/ असिस्टेंट सीपी तथा लगभग एक हजार थानों के प्रभारी एवं 550 चौकियों के चौकी प्रभारी पैदल गश्त पर निकले। पूरे प्रदेश में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में सभी जिलों के भीड़-भाड़ वाले एवं संवेदनशील क्षेत्राें में पैदल गश्त की गई। पैदल गश्त के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा आमजन से संवाद भी किया गया। इस दौरान उन्हाेंने जनता को होने वाली परेशानियों के संबंध में जानकारी ली एवं उनके निराकरण के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
पैदल गश्त का उद्देश्य:-
पैदल गश्त व्यस्ततम क्षेत्रों में पुलिस की दृश्यता में वृद्धि करती है।
नागरिकों में सुरक्षा की भावना एवं अपराधियों के मन में भय उत्पन्न करती है।
नागरिकों और पुलिस के बीच संवाद सेतु का निर्माण करती है।
आम जनता में पुलिस के प्रति विश्वास को बढ़ाती है।
आपराधिक व असामाजिक तत्वों पर पुलिस द्वारा नजर रखी जाती है।
किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस को भौगोलिक स्थिति का ज्ञान कराती है।
पुलिस के सूचना तंत्र को मजबूती प्रदान करती है।