– नगरीय विकास मंत्री विजयवर्गीय ने जन-प्रतिनिधियों से आमंत्रित किये सुझाव
भोपाल (Bhopal)। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने कहा कि राजधानी भोपाल का मास्टर प्लॉन (Master plan of Bhopal.) जन-प्रतिनिधियों के दिये गये सुझाव के आधार पर तैयार किया जाएगा। यह मास्टर प्लॉन (Master plan) वर्ष 2047 की आबादी (Population of the year 2047.) को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजधानी का सुव्यवस्थित विकास हो और नागरिकों को सभी बुनियादी सुविधाएँ सुलभ तरीके से मिल सके, इसके लिये सभी आवश्यक प्रावधान किये जाएंगे।
नगरीय विकास मंत्री विजयवर्गीय शुक्रवार को मंत्रालय में भोपाल मास्टर प्लॉन के ड्रॉफ्ट के संबंध में बुलाई गई बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, भोपाल महापौर मालती राय, सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, विधायक रामेश्वर शर्मा, आतिफ अकील, पूर्व विधायक ध्रुव नारायण सिंह, पूर्व निगम अध्यक्ष शैलेन्द्र शर्मा और प्रमुख सचिव नीरज मण्डलोई भी मौजूद थे।
मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि भोपाल के तालाब विशेष रूप से बड़ा तालाब राजधानी की लाइफ लाइन माना जाता है और भोपाल आने वाले पर्यटकों के लिये विशेष आकर्षण का केन्द्र रहता है। तालाब और भोपाल की पुरातत्वीय विरासत को संरक्षित करते हुए मास्टर प्लॉन में प्रावधान किये जाएंगे। उन्होंने जन-प्रतिनिधियों से कहा कि राजधानी भोपाल का पृथक से ट्रेफिक प्लॉन तैयार किया जाएगा। इसमें सड़कों की पर्याप्त चौड़ाई, फ्लॉय-ओवर और मेट्रो सेवा के विस्तार पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
मास्टर प्लॉन के लिये गये निर्णय के प्रमुख बिन्दु
– भोपाल मास्टर प्लॉन का नये सिरे से ड्रॉफ्ट तैयार किया जायेगा।
– सम्पूर्ण प्रक्रिया दिसम्बर-2024 तक पूर्ण की जायेगी।
– पूर्व के मास्टर प्लॉन के ड्रॉफ्ट में प्राप्त करीब 5 हजार से अधिक आपत्तियों को ध्यान में रखकर नवीन ड्रॉफ्ट मई-2024 में प्रकाशित किया जायेगा।
– 30 प्रतिशत कम्पाउंडिंग नगद भुगतान पर करने के लिये अगस्त-2024 तक विशेष अभियान चलाया जायेगा।
– नवीन मास्टर प्लॉन अब वर्ष 2031 के स्थान पर वर्ष 2047 तक की आवश्यकताओं के आधार पर बनाया जायेगा।
बैठक में मास्टर प्लॉन का प्रजेंटेशन टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग आयुक्त श्रीकांत भानोत और ज्वाइन डायरेक्टर सुनीता सिंह ने दिया। प्रजेंटेशन के आधार पर जन-प्रतिनिधियों ने आवश्यक सुझाव दिये।