Friday, November 22"खबर जो असर करे"

सट्टेबाजी का खेल, अकेले नहीं बघेल

– मुकुंद

चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की नैया पार लगाने का दम-खम दिखाने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सट्टेबाजी के बुने गए जाल में उलझते नजर आ रहे हैं। उनका दामन महादेव सट्टा ऐप की चार सौ बीसी से दागदार हो गया है। इस खेल में वह अकेले नहीं हैं। इस खेल में शामिल कुछ भारतीय अभिनेताओं और अभिनेत्रियों के चेहरे से नकाब पहले ही हटाया जा चुका है। दरअसल यह सट्टेबाजी का ऑनलाइन प्लेटफार्म है। इसका असल नाम महादेव बुक ऐप है। इसके दो प्रमुख कर्ता-धर्ता का नाम सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल है। दोनों इस्पात सिटी भिलाई के रहने वाले हैं। भिलाई को छत्तीसगढ़ में सबसे धनी लोगों का शहर माना जाता है। चंद्राकर और उप्पल अब यहां नहीं रहते। दोनों कभी जूस और टायर बेचते रहे हैं। जुआ की लत क्या लगी, दोनों रातों-रात संयुक्त अरब अमीरात यानी दुबई पहुंच गए। आज वहां महादेव ऐप के रूप में दोनों के नाम का सिक्का चलता है। इसी सिक्के की खनक से भारत की सियासत में भूचाल आ गया है।

भाजपा ने प्रवर्तन निदेशालय के बड़े खुलासे के बाद भूपेश बघेल को घेरा है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने तो खुला आरोप लगाया है कि कांग्रेस छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में हवाला ऑपरेटर के पैसे का प्रयोग कर रही है। ईरानी ने कहा है कि भूपेश बघेल के खिलाफ कुछ चौंका देने वाले तथ्य देश के सामने आए हैं। असीम दास से 5.30 करोड़ रुपये से ज्यादा बरामद हुए हैं। ईरानी ने इस पर सवाल पूछे हैं कि क्या यह सत्य नहीं है कि दो नवंबर को होटल ट्राइडेंट में असीम दास से पैसा बरामद हुआ? क्या ये सत्य नहीं है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के नेताओं को शुभम सोनी के माध्यम से असीम दास पैसा पहुंचाते थे? क्या ये सत्य नहीं है कि शुभम सोनी को एक वॉयस मैसेज के माध्यम से आदेश दिया गया कि वह रायपुर जाए और बघेल को चुनाव खर्च के लिए पैसा दे? क्या यह सत्य नहीं है कि अलग-अलग बैंक खातों से 15.50 करोड़ धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत फ्रीज किया गया? क्या यह सत्य है कि असीम दास को दुबई भेजा गया था? केंद्रीयमंत्री ने कहा है कि असीम दास ने कुबूल किया है कि यह पैसा महादेव ऐप के तहत अवैध सट्टेबाजी का है। साथ ही शुभम सोनी महादेव के शीर्ष प्रबंधन का हिस्सा है। इसी शुभम ने स्वीकार किया है कि महादेव ऐप के प्रमोटर्स ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 538 करोड़ रुपये रिश्वत दी। इस खेल में चंद्रभूषण वर्मा नामक अधिकारी की भूमिका भी सामने आई है।

कहते हैं तिजोरियों को चाहे जितने धीरे से खोलो, थोड़ी-बहुत आवाज तो आती ही है। यहां यह भी सनद होना चाहिए कि महादेव सट्टा ऐप की हल्की आवाज से उभरी गोलमाल की पूरी एबीसीडी प्रवर्तन निदेशालय ने पढ़ ली है। निदेशालय ने इस ऐप से संबद्ध 14 आरोपितों के खिलाफ 9084 पेज की चार्जशीट इसी साल 21 अक्टूबर को अदालत में पेश की है। अदालत में इसी माह 25 नवंबर को इस पर सुनवाई होनी है। इसमें कहा गया है कि यह गोलमाल करीब छह हजार करोड़ रुपये का है। प्रारंभिक चरण में 41 करोड़ की संपत्ति अटैच की गई है। चार्जशीट में इस ऐप के संचालक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल मुख्य आरोपित हैं। इन समेत 14 आरोपितों के खिलाफ चालान पेश किया गया है। 9084 पन्ने की चार्जशीट में आपराधिक परिवाद 197 पन्नों का है। बाकी 8887 पेज में अभिलेख हैं। आपराधिक परिवाद में सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल, चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर, अनिल धमानी, सुनील धमानी, विशाल आहूजा, धीरज आहूजा, पूनाराम वर्मा, शिव कुमार वर्मा, यशोदा वर्मा और पवन नत्थानी का नाम बतौर आरोपित शामिल है। इनमें चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर, अनिल धमानी और सुनील धमानी इसी केस में न्यायिक हिरासत में केंद्रीय जेल में बंद हैं।

इस खेल को और ज्यादा समझने के लिए अब इस कहानी के कुछ पीछे चलते हैं। दरअसल प्रवर्तन निदेशालय ने इस ऐप के संदर्भ में अभिनेता रणबीर कपूर को समन भेजकर तलब किया था। तब यह ऐप अचानक सुर्खियों में आया। इस पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। इस प्रकरण में रणबीर के अलावा श्रद्धा कपूर, हिना खान, कपिल शर्मा और हुमा कुरैशी को भी समन किया गया। इससे पहले सौरभ चंद्राकर अपनी शादी को लेकर चर्चा में आया था। दुबई में आयोजित इस शादी में चंद्राकर ने पानी की तरह पैसा बहाया। फिल्मी दुनिया के कई सितारे इसमें शामिल हुए। इस शादी में लगभग 200 करोड़ रुपये का खर्च आया। इसी शादी का एक वीडियो प्रवर्तन निदेशालय के हाथ लगा। इसमें यह सितारे भी नजर आए। जांच आगे बढ़ी तो संकेत मिला कि इस खेल में अंडरवर्ल्ड का भी पैसा लगा हो सकता है। जांच में तस्वीर और साफ हुई। पता चला कि काले धन के कुबेर के रूप में कुख्यात सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल का नेटवर्क न सिर्फ भारत बल्कि यूएई, श्रीलंका, नेपाल और पाकिस्तान में फैला हुआ है। फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय को दोनों की तलाश है। इनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट और लुकआउट सर्कुलर जारी हो चुके हैं।

अधिकारियों का दावा है कि दोनों ने ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए भारत में लगभग 4,000 पैनल ऑपरेटरों का नेटवर्क स्थापित किया है। प्रत्येक पैनल ऑपरेटर के पास 200 ग्राहक होते हैं। यह दांव लगाते हैं। इसके जरिए चंद्राकर और उप्पल ने रोजाना कम से कम 200 करोड़ रुपये कमाए। कहते हैं कि चंद्राकर ने अपनी शादी में परिवार को भिलाई और नागपुर से दुबई तक ले जाने के लिए एक निजी जेट किराये पर लिया। शादी के लिए वेडिंग प्लानर, डांसर, डेकोरेटर को मुंबई से बुलाया गया। इनको भुगतान नकद किया गया। योगेश पोपट की मेसर्स आर-1 इवेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी को हवाला के जरिये 112 करोड़ रुपये पहुंचाए गए। 42 करोड़ रुपये होटल की बुकिंग के लिए कैश पेमेंट किया गया।