अमृत महोत्सव की परिकल्पना को साकार करता एकल अभियान
- सिद्धार्थ शंकर गौतम
पूरा देश स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मना रहा है। 75 वर्षों की स्वतंत्रता ने भारत को दुनिया के अग्रणी राष्ट्रों की कतार में सम्मिलित करवा दिया है तो उसके पीछे प्रेरणा है उस भाव की जो ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की अवधारणा को मानता है, उस शक्ति की जो समाज की एकजुटता से मिलती है, उस स्वाभिमान की जो हमारी सांस्कृतिक विरासत की थाती है। इसी समाज की एकता, शौर्य, स्वाभिमान को धार देता है ‘एकल अभियान’। भारत की बीते 75 वर्षों की यात्रा में एकल की 33 वर्षों की यात्रा उस भाव की साक्षी रही है जिसने अमृत महोत्सव के ‘उत्सव’ का अवसर दिया है। एकल अभियान से सम्बद्ध सभी संगठनों/आयामों ने अपनी स्थापना काल से ही भारतीयता के बोध को सशक्त कर आजादी के अमृत महोत्सव के भाव को पुष्ट किया है और निरंतर भविष्य के भारत के स्वप्न को साकार कर रहे हैं।
यह स्वतंत्रता हमें अनेक कष्टों को सहकर प्राप्त हुई है। अन...