उज्जैन। अंतरिक्ष में छह दिसंबर का दिन खगोल प्रेमियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा। इस रात बृहस्पति ग्रह पृथ्वी के सबसे निकट होगा। इसके चार चंद्रमा भी देखे जा सकेंगे। सूर्य की उल्टी दिशा में होने से यह पूरी तरह प्रकाशित भी होगा। स्थानीय समय के अनुसार रात को दुनियाभर से बृहस्पति आकाश में अपने उच्चतम स्तर पर ठीक वहीं पर नजर आएगा जहां दोपहर के उस समय पर सूर्य था।
शुक्रवार के दिन जब बृहस्पति पृथ्वी के सबसे करीब होगा, तब पृथ्वी से इसकी दूरी करीब 61 करोड़ किलोमीटर होगी और यह पृथ्वी से अपनी अधिकतम दूरी के मुकाबले 35 करोड़ 70 लाख किमी निकट होगा। आर्य भट्ट शोध एवं प्रेक्षण विज्ञान संस्थान (एरीज) के हिमांशु जोशी ने बताया कि इसकी चमक आकाश में सूर्य, चंद्रमा और शुक्र ग्रह के बाद सर्वाधिक होगी। इस दौरान एक साधारण टेलीस्कोप से बृहस्पति के क्लाउड बैंड सहित ग्रह के दोनों ओर चमकीले बिंदुओं के रूप में इसके चार सबसे बड़े चंद्रमाओं यूरोपा, लो, गैनिमेड और कैलिस्टो को भी देखा जा सकेगा।
सौर मंडल का सबसे बड़ा चंद्रमा है गैनीमेड
नैनीताल। बृहस्पति का चांद गैनीमेड सौर मंडल का सबसे बड़ा चंद्रमा है और सौर मंडल का 9वां सबसे बड़ा ऑब्जेक्ट है। इसका व्यास 5,148 किलोमीटर है और यह पृथ्वी के चंद्रमा से दोगुने से भी बड़ा और बुध ग्रह से भी बड़ा है। .
13-14 दिसंबर को हर तीस सेकंड में बरसेगी एक उल्का
नैनीताल। इस माह 13 और 14 दिसंबर को वर्ष का सर्वश्रेष्ठ जेमिनीड्स उल्कापात अपने चरम पर होगा। इस दौरान प्रति घंटे 120 बहुरंगी उल्काएं नजर आएंगी। 3200 फेथॉन नामक क्षुद्रग्रह द्वारा छोड़े गए मलबे से यह उल्काएं आती हैं जिसे 1982 में खोजा गया था। उल्काएं पूरे आकाश में कहीं भी दिखाई दे सकती हैं।
सर्वाधिक चमकीला नजर आ रहा शुक्र आजकल
नैनीताल। सूर्यास्त के बाद आकाश की ओर देखेंगे तो एक बहुत ही चमकीला ऑब्जेक्ट नजर आएगा जो कि शुक्र ग्रह है। जकल आकाश में शुक्र ग्रह बहुत चमकदार नजर आ रहा है जिसे सांझ का तारा भी कहा जाता है। इसकी चमक इस समय सबसे ज्यादा है क्योंकि आजकल यह सूर्य से अपनी दूरी से अपेक्षाकृत बहुत निकट बिंदु पर है।
आज देखिए शुक्र और चंद्रमा की युति
आज 4 दिसंबर सूर्यास्त के तुरंत बाद शुक्र ग्रह और चंद्रमा बहुत निकट आकर एक अत्यंत आकर्षक युति बनाएंगे। हाल की अमावस्या के बाद इस रात चंद्रमा हल्की रोशनी वाला नवचन्द्र होगा, जबकि शुक्र ग्रह अपनी सर्वाधिक चमक लिए हुए होगा। इन दोनों के बीच का अंतर दो डिग्री से भी कम होने के कारण दोनों बहुत निकट और आकर्षक नजर आएंगे। यह दृश्य दो घंटे तक देखा जा सकेगा।