– भोजशाला के पीछे खेत में खोदाई शुरू, अरबी भाषा के विशेषज्ञ जुड़े
भोपाल। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग का सर्वे शुक्रवार को 43वें दिन भी जारी रहा। एएसआई के 19 अधिकारियों की टीम 24 श्रमिकों के साथ सुबह छह बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और दोपहर 12 बजे बाहर आ गई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब छह घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।
एएसआई की टीम ने 43वें दिन भोजशाला में गर्भगृह और पश्चिम दीवार के पास से मिट्टी हटाने का काम किया। इसी के साथ भोजशाला के पीछे खेत में भी चयनित स्थान पर खुदाई शुरू की गई। बता दें कि भोजशाला में प्रति शुक्रवार को दोपहर एक से तीन बजे तक मुस्लिम समाज की नमाज होती है और प्रति मंगलवार को सूर्योदय से सूर्यास्त तक हिन्दू समुदाय पूजा पाठ करता है। इसी कड़ी में आज शुक्रवार होने के कारण दोपहर एक से तीन बजे तक मुस्लिम समाज के लोगों ने जुमे की नमाज अदा की। इस कारण टीम ने सुबह छह से दोपहर 12 बजे तक ही सर्वे किया।
शुक्रवार को टीम में अरबी भाषा के जानकार शामिल हुए। दो सप्ताह पूर्व संस्कृत व प्राकृत भाषा के विशेषज्ञ भोजशाला पहुंचे थे। उन्होंने स्तंभों पर की गई लिखावट को पेपर रोल पर उकेरने का कार्य किया था। अब अरबी भाषा के विशेषज्ञ भी सर्वे में जुड़ चुके हैं। भाषा विशेषज्ञ शनिवार को कमाल मौलाना की दरगाह व अन्य स्थान पर अरबी के शिलालेखों का विवरण तैयार करेंगे।
सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे हिंदू पक्षकार गोपाल शर्मा ने बताया कि सर्वे के दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण इकाई) की टीम भी निरीक्षण के लिए पहुंची। यहां उन्होंने वर्षा के पानी के रिसाव व पानी ठहरने को लेकर निरीक्षण किया है। माना जा रहा है कि पानी रिसाव आदि रोकने के लिए प्लान बनाया जा सकता है और इसके विवरण को भी रिपोर्ट में शामिल किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि आज गर्भ गृह से मिट्टी हटाने का काम हुआ। दक्षिण दिशा में पत्थरों की दीवार बनाने का काम चल रहा है। साथ में पश्चिम की ओर मिट्टी हटाने का काम तेजी से जारी है। साथ ही भोजशाला के पीछे खेत में जो पाइंट बनाया था, वहां पर भी खुदाई शुरू कर दी गई है। वहीं, भोजशाला में गुरुवार को मिले सिक्कों को लेकर उन्होंने कहा है कि उनकी ब्रशिंग वगैरह कर उनके काल के बारे में जानने का काम सर्वे टीम कर रही है।
वहीं, मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद ने कहा कि भोजशाला में मिले सिक्कों को लेकर मिस गाइड किया गया है कि परमार वंश के सिक्के हैं। उन्होंने कहा कि जो सिक्के मिले हैं, वह मुगलिया सल्तनत के हैं। उनमें उर्दू में कुछ लिखा है आज टीम आई है, उसकी जांच-पड़ताल करेगी और जो भी उनमें लिखा है जांच में सबमिट करेगी।
भोजशाला में नमाज के बाद कमाल मौला मस्जिद नमाज इंतजामियां कमेटी एवं धार के मुस्लिम समाज के कार्यवाहक सदर जुल्फिकार पठान सहित समाज जनों ने तहसीलदार दिनेश उइके को एक ज्ञापन सौंपा और एएसआई पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया। ज्ञापन के माध्यम से बताया गया कि आदेश में कहा गया है कि मस्जिद का मूल स्वरूप परिवर्तन नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन मस्जिद के अंदर गहरे गड्ढे किए जा रहे हैं, जिसका मुस्लिम समाज विरोध करता है और इससे मस्जिद की दीवारों को खतरा है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार फिजिकल एग्जीबिशन के लिए मना किया गया था। उसका पालन करवाया जाए, नहीं तो मुस्लिम समाज ने आंदोलन करने की चेतावनी दी है।