Monday, November 25"खबर जो असर करे"

धारः ऐतिहासिक भोजशाला में 25वें दिन भी जारी रहा एएसआई का सर्वे

– भोजशाला परिसर को मशीन से जांचा, हवन कुंड की मैपिंग कर हटाई गई मिट्टी

भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (Madhya Pradesh High Court) की इंदौर खंडपीठ (Indore Bench) के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला (historical Bhojshala of Dhar ) में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग (Archaeological Survey of India (ASI) Department ) का सर्वे (Survey) सोमवार को 25वें दिन भी जारी रहा। दिल्ली और भोपाल के 18 अधिकारियों की टीम 20 श्रमिको के साथ सुबह आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम पांच बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब नौ घंटे काम किया। इस दौरान सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।

पिछले दो दिनों से एएसआई की टीम हवनकुंड व इसके आसपास काम कर रही है। सोमवार को भी टीम के कुछ सदस्यों ने यहीं पर काम किया। आज भोजशाला परिसर के 50 मीटर के क्षेत्र को मशीन से जांचा गया। वहीं हवन कुंड की मैपिंग की गई और मिट्टी हटाई गई। भोजशाला के पीछे की ओर भी सर्वे टीम ने काम किया। इसके अलावा गर्भगृह के पास कच्चे स्थान पर डीगिंग का कार्य भी जारी है।

सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे हिंदू पक्षकार गोपाल शर्मा ने बताया कि आज काम की गति धीमी थी। कम जगह पर सर्वे हुआ है। आज कुछ मशीन के द्वारा 50 मीटर के एरिया में जांच हुई है। एक टीम उस दिशा में काम कर रही थी। जो साक्ष्य निकले हैं उनको प्रमाणिकता उसके विद्या के जानकार है, वही देंगे। आने वाले समय में मशीनों का भी उपयोग होना ही है।

उन्होंने बताया कि एएसआई के अधिकारी सर्वे के दौरान लोहे की कंघी, प्लास्टिक की कंघी, प्लास्टिक के ब्रश, छोटी झाड़ू, छोटे-छोटे पाइप जैसे उपकरणों का इस्तेमाल कर सावधानी पूर्वक अपना कार्य कर रहे है। वॉशिंग, क्लीनिंग और ब्रशिंग के साथ ही केमिकल की मदद भी ली जा रही है। इसी के साथ भोजशाला परिसर से मिट्टी हटाने का काम भी चल रहा है।

गोपाल शर्मा बताया कि अब तक भोजशाला में सीढ़ियां, दीवार, शिलालेख, पत्थरों के भित्ति चित्र और अक्कलकुइया के पास सर्वे किया गया है। अभी भोजशाला के गर्भगृह के पास कच्चे स्थान पर खुदाई का काम हो रहा है। वहीं, सर्वे में मिलने वाले सभी शिलालेख और पत्थरों की सफाई कर उनकी फोटो-वीडियो ले लिए गए हैं, जिसके बाद उनकी क्लीनिंग कर उन्हें लैब में भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि भोजशाला तो प्रथम दृष्टि में ही मंदिर है। प्रमाण भी आने वाले समय में सबके सामने आने है। हम सभी के संघर्ष का सुखद परिणाम जल्द ही मिलने वाला है।

वहीं, मुस्लिम पक्षकार अब्दुल ने कहा कि एएसआई अपने हिसाब से काम कर रही है। हमारा काम उनका सहयोग करना है, न कि उसे और अधिक उलझा देना। उच्चतम न्यायालय के आदेश अनुसार खुदाई बंद हैं। स्क्रीनिंग को लेकर भी आपत्ति दर्ज कराई है। स्ट्रेचिंग को कुछ लोग खुदाई का नाम दे रहे हैं, जिसे भी एक से डेढ़ फीट के नीचे नहीं किया जा रहा है। कमाल मोला की मजार के नीचे तहखाना नहीं, कमरे स्वरूप बना हुआ हैं, टीम के द्वारा सर्वे किया और उसे देखा गया है।