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आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल हुए अरविंदा डी सिल्वा, डायना एडुल्जी और वीरेंद्र सहवाग

नई दिल्ली (New Delhi)। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने अरविंदा डी सिल्वा, डायना एडुल्जी और वीरेंद्र सहवाग को आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल किया है।

मौजूदा हॉल ऑफ फेमर्स, मीडिया प्रतिनिधियों और एफआईसीए और आईसीसी के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच आयोजित एक मतदान प्रक्रिया के बाद,इन तीन दिग्गज खिलाड़ियों को हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया है।

आईसीसी हॉल ऑफ फेम खेल के लंबे इतिहास में महानतम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों का सम्मान करता है। डी सिल्वा 110वें, एडुल्जी 111वें और सहवाग 112वें खिलाड़ी हैं, जिन्हें आईसीसी हॉल फेम में शामिल किया गया है।

डी सिल्वा ने श्रीलंका के लिए 19 साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला है, विशेष रूप से 1996 आईसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप में उन्होंने अपनी टीम के खिताबी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

डी सिल्वा ने श्रीलंका के लिए 93 टेस्ट मैच खेले हैं और 42.97 की औसत से 6,361 रन बनाए हैं। उनके नाम इस प्रारुप में 29 विकेट भी दर्ज हैं। इसके अलावा उन्होंने देश के लिए 308 वनडे खेले हैं और 34.90 की औसत से 9,284 रन बनाए हैं और 106 विकेट लिए हैं।

वहीं, सहवाग ने 2011 में भारत के लिए विश्व कप जीतने के अभियान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, उन्होंने भारत के लिए 14 साल के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 17,000 से अधिक रन बनाए हैं।

सहवाग ने भारत के लिए 104 टेस्ट मैच खेले हैं और 49.34 की औसत से 8,586 रन बनाए हैं और 40 विकेट भी लिए हैं। इसके अलावा उन्होंने देश के लिए 251 वनडे मैच खेले हैं और 35.05 की औसत से 8,273 रन बनाए हैं और 96 विकेट लिए हैं।

इसके अलावा उन्होंने 19 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है और 21.88 की औसत से 394 रन बनाए हैं।

17 साल के अंतरराष्ट्रीय खेल करियर और भारतीय महिला क्रिकेट इतिहास में सबसे सफल टीम की स्थापना में अपनी अग्रणी भूमिका की बदौलत एडुल्जी आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल होने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं।

डायना ने भारत के लिए 20 टेस्ट खेले हैं और 404 रन बनाए हैं, साथ ही उनके नाम 63 विकेट भी है। इसके अलावा उन्होंने देश के लिए 34 वनडे खेले हैं और 211 रन बनाए हैं, साथ ही 46 विकेट भी लिए हैं।

15 नवंबर को आईसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप 2023 के पहले सेमीफाइनल के दौरान मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में एक विशेष ऑन-फील्ड समारोह में इन तीनों खिलाड़ियों को आधिकारिक तौर पर 2023 आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल किया जाएगा।

आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, ज्योफ एलार्डिस ने कहा, “हम आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल होने वाले दिग्गजों के नवीनतम समूह के रूप में अरविंदा, डायना और वीरेंद्र की घोषणा करते हुए रोमांचित हैं। यह संस्थान अंतरराष्ट्रीय मंच पर अब तक के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के माध्यम से खेल के व्यापक और जीवंत इतिहास का जश्न मनाता रहता है। इन तीन हस्तियों ने अपने तरीके से खेल में क्रांति ला दी है, और प्रशंसकों को हाल की स्मृति में कुछ सबसे अविस्मरणीय क्षण प्रदान किए हैं।”
वहीं, वीरेंद्र सहवाग ने कहा, “मुझे इस सम्मान के साथ शामिल करने के लिए मैं आईसीसी और जूरी को धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा उस काम में बिताने के लिए बेहद आभारी महसूस करता हूं जो मुझे सबसे ज्यादा पसंद था और वह था क्रिकेट बॉल को हिट करना।

उन्होंने कहा, “मैं अपने परिवार, दोस्तों, जिन लोगों के साथ खेला और उन अनगिनत लोगों को भी धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने निस्वार्थ भाव से मेरे लिए प्रार्थना की।”
अरविंद डी सिल्वा ने कहा, “आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल किए जाने के अपार सम्मान को स्वीकार करते हुए मैं अत्यंत कृतज्ञता से भरा हुआ हूं। यह उपलब्धि उस समर्पण, बलिदान और प्यार को श्रद्धांजलि है जिसने मेरी क्रिकेट यात्रा को आकार दिया है। मेरा परिवार, मेरे माता-पिता, मेरी बहन, मेरी पत्नी और बच्चे मेरे आधार हैं। मेरे दोस्त, मेरे उतार-चढ़ाव के दौरान मेरी ताकत के स्तंभ रहे हैं। इस असाधारण मान्यता के लिए मैं आईसीसी और हॉल ऑफ फेम वोटिंग कमेटी की हार्दिक सराहना करता हूं। मैं इस सम्मान को उन सभी के साथ साझा करता हूं जो मेरे साथ खड़े रहे और मुझे आकार दिया। इस उल्लेखनीय यात्रा का हिस्सा बनने के लिए धन्यवाद।”

डायना एडुल्जी ने कहा, “सबसे पहले, मैं आईसीसी और जूरी को धन्यवाद देना चाहूंगी कि उन्होंने मुझे आईसीसी हॉल ऑफ फेम 2023 में शामिल करने के लिए चुना। पहली भारतीय महिला क्रिकेटर बनना और दुनिया भर के पुरुष और महिला क्रिकेटरों की श्रृंखला में शामिल होना वास्तव में एक बड़ा सम्मान है। इस पुरस्कार के लिए मेरे नाम पर विचार किए जाने पर मुझे खुशी है। यह न केवल मेरे, मेरे परिवार और दोस्तों के लिए बल्कि बीसीसीआई और भारतीय महिला क्रिकेट के लिए भी गर्व का क्षण है।”