Friday, November 22"खबर जो असर करे"

बजट शानदार, आवंटन ईमानदार

– मुकुंद

अमृतकाल के पहले केंद्रीय बजट की लगभग सभी ने तारीफ की है। आमतौर पर बजट पेश होने के बाद हाय-तौबा मचाने वाले शांत हैं। इस खामोशी के मायने हैं कि बजट शानदार है। इसमें हर क्षेत्र को ईमानदार आवंटन किया गया है। तभी तो केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण के समापन पर मेजें थपथपाई गईं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रारंभिक प्रतिक्रिया में कहा है कि देश के विकास को इस बजट से नई ऊर्जा मिलेगी। प्रधानमंत्री ने साहसिक बजट के लिए वित्तमंत्री को बधाई दी है। उन्होंने कहा अमृत काल का पहला बजट विकसित भारत के विराट संकल्प को पूरा करने के लिए एक मजबूत नींव का निर्माण करेगा। ये बजट वंचितों को वरीयता देता है। ये बजट आज की आकांक्षी समाज, गांव, गरीब, किसान, मध्यम वर्ग सभी के सपनों को पूरा करेगा।

संभवतः यह पहला ऐसा बजट है जिस पर विपक्ष के घाघ नेता भी कटाक्ष करने से बच रहे हैं। इसका सीधा अर्थ है कि बजट में ऐसा बहुत कुछ है, जो देश के मध्यम वर्ग ही नहीं, हर वर्ग के लिए फायदेमंद है। वैसे भी बजट में सात लाख रुपये तक की आय में कर को शून्य किया गया है। अपनी तल्ख टिप्पणियों के लिए प्रख्यात कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने संभवतः इसीलिए कहा है कि बजट में कुछ चीजें अच्छी हैं। मैं इसे पूरी तरह नकारात्मक नहीं कहूंगा, लेकिन अभी कई सवाल उठेंगे। बजट में मनरेगा का जिक्र नहीं है। थरूर ने कहा सरकार मजदूरों के लिए क्या करने जा रही है? बेरोजगारी और महंगाई पर नियंत्रण के लिए क्या करने जा रही है इस पर जिक्र नहीं है।

इस बजट पर समाजवादी पार्टी डिंपल यादव ने जरूर असहज करने वाली टिप्पणी की है। वह इसे चुनावी बजट ठहराती हैं। उन्होंने कहा है इसमें किसानों के लिए कुछ नहीं है। रेलवे को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है। आधी से ज्यादा आबादी गांव में बसती है। उनके लिए कुछ नहीं किया गया है। आर्थिक मोर्चे पर डिंपल यादव की यह टिप्पणी समान विचारधारा वाले दलों के अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया से मेल नहीं खाती।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल मानते हैं कि अमृतकाल का पहला बजट क्रांतिकारी है। यह समाज के हर वर्ग को राहत देने वाला है। विशेषकर मध्यम वर्ग को आयकर में राहत दी गई है। नया टैक्स स्लैब राहत देने वाला है। युवा, महिला और वरिष्ठ नागरिक सभी को केंद्र ने राहत प्रदान की है। लालू यादव की पार्टी राजद के सांसद मनोझ झा इसमें रोजगार के लिए गोल-गोल बातें की गई हैं। इस खास लोगों ने खास लोगों के लिए तैयार किया है। केंद्रीयमंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है बजट से विपक्ष भले ही नाराज हो, पर समूचा भारत प्रफुल्लित है। डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की घोषणा क्रांतिकारी कदम है। नारी शक्ति सशक्त राष्ट्र का निर्माण कैसे कर सकती है इसका प्रतिबिंब इस बजट में है। इसे आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय मंत्री वीके सिंह का कहते हैं कि इस बजट में अगले 25 सालों के लिए भारत कैसे आगे बढ़े, उसकी नींव रखी गई है। दूसरे मंत्री प्रह्लाद पटेल का नजरिया विश्वास से लबरेज है। वह इसे अमृतकाल में सरकार का रोडमैप बताते हैं। बड़ी बात यह कहते हैं कि हम दुनिया में अपनी अर्थव्यवस्था को 10वें से पांचवें स्थान पर ले आए इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता।

कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने ना-नुकुर करते हुए खुलेदिल से इसकी तारीफ की है। उन्होंने कहा कि बजट का बड़ा हिस्सा राष्ट्रपति के अभिभाषण और आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट की पुनरावृत्ति है। टैक्स में किसी भी तरह की कटौती का स्वागत है। लोगों के हाथ में पैसा देना अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का सबसे अच्छा तरीका है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला भी खुश हैं। उन्होंने कहा है कि सुखद यह है कि बजट में मध्यम वर्ग को मदद दी गई है। सबको कुछ न कुछ दिया गया है। डेढ़ घंटे तक हमने बजट सुना है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया का मानना है कि यह प्रगति, उन्नति और नई गति का बजट है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है केंद्रीय बजट किसानों, महिलाओं, हाशिये पर पड़े वर्गों एवं मध्यम वर्ग को सहायता प्रदान करने की प्राथमिकता के साथ विकास एवं कल्याण पर केंद्रित है। बजट के प्रस्तावों से देश को कुछ वर्षों के भीतर ही पांच ट्रिलियन (पांच हजार अरब) डॉलर की अर्थव्यवस्था और विश्व की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी।

(लेखक, हिन्दुस्थान समाचार से संबद्ध हैं।)