नई दिल्ली। अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2023 को संसद से मंजूरी मिल गई है। लोकसभा ने आज इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया। राज्यसभा इसे 03 अगस्त को पिछले सत्र में इसे पारित कर दिया था।
केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2023 को विचार और पारित करने के लिए आज लोकसभा में पेश किया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक अपनी उपयोगिता खो चुके सभी अप्रचलित कानूनों या स्वतंत्रता-पूर्व अधिनियमों को निरस्त करने के केंद्र सरकार के प्रयास का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि कानूनी पेशा एक महान पेशा है और गैरकानूनी प्रथाओं से सख्ती से निपटा जाना चाहिए।
अधिवक्ता अधिनियम, 1961 में संशोधन करता है। यह केवल अधिवक्ता अधिनियम, 1961 के माध्यम से ही कानूनी पेशे के विनियमन का प्रस्ताव करता है और अदालतों में दलालों से निपटने के प्रावधान को बरकरार रखते हुए कानूनी व्यवसायी अधिनियम, 1879 को निरस्त करता है। (हि.स.)