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जनजातीय जीवन की सरलता अपनाएं, शहरी चकाचौंध में न आएं : शिवराज

– इंदौर में जनजातीय फूड फेस्टिवल में शामिल हुए मुख्यमंत्री चौहान

इंदौर (Indore)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि शहरों में भौतिक सुविधाओं (physical facilities in cities) का भंडार है, परंतु सोने के लिये नींद की गोली और भोजन से पहले इंसुलिन लेना पड़ता है। वहीं जनजातीय भाई (tribal brother) प्रकृति की गोद में सरल, निष्कपट, निष्छल, निर्भीक और निस्वार्थ जीवन (selfless life) जीते हैं। जीवन में आनंद के लिये जनजातीय जीवन की सरलता अपनाएं, शहरी चकाचौंध में न आएं।

मुख्यमंत्री चौहान इंदौर प्रवास के दौरान सोमवार शाम को लाल बाग में जनजातीय फूड फेस्टिवल को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कार्यक्रम के प्रारंभ में जनजातीय नायकों के चित्रों पर पुष्पांजलि भेंट कर उन्हें नमन किया। उन्होंने फूड फेस्टिवल का अवलोकन कर जनजातीय वर्ग के हुनर की सराहना की। उन्होंने झाबुआ की गुड़िया को प्रसिद्धि दिलाने वाले परमार दम्पत्ति का भी मंच पर सम्मान किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दुनिया मोटे अनाज की बात कर रही है, जबकि वर्षों से हमारे जनजातीय भाई-बहन मोटे अनाज का उपयोग कर रहे हैं। मोटा अनाज, जो कल तक गरीबों का भोजन माना जाता था, आज वैज्ञानिकों ने सिद्ध कर दिया है कि उसमें जबरदस्त पोषण क्षमता होती है। आज लोग गेहूँ की रोटी खाना छोड़ रहे हैं और ज्वार, बाजरा, मक्का का उपयोग कर रहे हैं। हमारी जड़ी-बूटियों, वनस्पतियों की उपचार क्षमता अदभुत है। आयोजकों ने फूड फेस्टिवल के माध्यम से शहरी जनता के समक्ष जनजातीय खान-पान, परम्पराओं, जीवन मूल्यों को लाने का अभिनंदनीय प्रयास किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय संस्कृति अदभुत संस्कृति है। जनजातीय परम्पराएँ, जीवन मूल्य, कला, संस्कृति, नृत्य जीवन का आनंद प्रकट करते हैं। इनमें हमारी जड़े हैं। हम अपनी जड़ों को न भूलें। उन्होंने कहा कि आज मैं जनजातीय बहन लहरी बाई से मिला, जिनकी बीज बैंक बनाने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सराहना की है। उन्होंने बीज बैंक बना कर भारत के विलुप्त होते बीजों को बचा लिया है।

कार्यक्रम में महापौर पुष्यमित्र भार्गव, सांसद शंकर ललवानी, विधायक, जन-प्रतिनिधि, जनजातीय समाज के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद थे। (एजेंसी, हि.स.)