नई दिल्ली। ओडिशा के बालासोर (Balasore of Odisha) में रेल हादसे में किसी ने पिता खोया तो किसी ने पति. कोई परिवार के साथ जा रहा था, कोई परिवार के लिए कमाने. तमाम ऐसे भी थे जो परिवार में एकमात्र कमाऊ थे. घर से वादा करके निकले थे कि पहुंचते ही फोन करेंगे और जल्द पैसा भी भेजेंगे. लेकिन अब न तो उनका कभी फोन आएगा, और न ही पैसे. अब बड़ा सवाल ये है कि ऐसे परिवार का भरण-पोषण कैसे होगा?
कई परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. इस भयावह रेल हादसे ने देश को झकझोर दिया है. अपनों की तलाश में लोग दर-दर भटक रहे हैं. बहानागा रेलवे स्टेशन (Bahanaga Railway Station) के पास पसरा मंजर इतना भयावह है जिसे देखकर रूह कांप जाए. इस हादसे में 275 लोगों की मौत हो गई, जबकि 1175 लोग घायल हैं. ये हादसा कई परिवारों को जिंदगीभर का दर्द दे गया है. जख्म इतने गहरे हैं जो शायद कभी नहीं भरे. लेकिन इस बीच देश से बड़े उद्योगपति और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. गौतम अडानी ने इस रेल हादसे पर दुख जताते हुए मदद का फैसला किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘जिन मासूमों ने इस हादसे में अपने अभिभावकों को खोया है, उनकी स्कूली शिक्षा की जिम्मेदारी अडानी समूह उठाएगा।’
गौतम अडानी ने कहा कि ओडिशा की रेल दुर्घटना से हम सभी बेहद व्यथित हैं. जिसके बाद हमने ऐसे बच्चों की स्कूली शिक्षा का बेड़ा उठाने का फैसला किया है, जिनके अभिभावक इस हादसे में नहीं रहे. पीड़ितों और उनके परिजनों को संबल और बच्चों को बेहतर कल मिले यह हम सभी की संयुक्त जिम्मेदारी है. इस हादसे ने रेलवे सिस्टम पर भी सवाल उठाया है. जहां हम बुलेट ट्रेन की बात करे हैं, वहीं इस तरह के हादसे भी हो रहे हैं. हालांकि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि घायलों को उचित इलाज मिलेगा, और इस मामले के दोषियों को कतई नहीं छोड़ा जाएगा।