– आशुतोष सिंह
भारतीयता के उदात्त विचार को समर्पित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की ऐतिहासिक संगठनात्मक यात्रा 09 जुलाई को अपने 75वें वर्ष में प्रवेश कर रही है। यह यात्रा 1949 में देश की स्वतंत्रता के उपरांत राष्ट्र पुनर्निर्माण तथा समर्थ व सबल युवा पीढ़ी गढ़ने का श्रेष्ठ लक्ष्य लिए आरंभ हुई थी। किसी भी संगठन के लिए 75वें वर्ष तक पहुंचना गौरवशाली, महत्वपूर्ण तथा उत्सव का अवसर होता है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की संगठनात्मक यात्रा में यह अवसर ऐसे समय आया है जब देश की स्वतंत्रता का अमृतकाल चल रहा है। देश की विकास यात्रा के साथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की यात्रा राष्ट्र समर्पित सक्षम युवा पीढ़ी के निर्माण की रही है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का स्वरूप अपने 75वें वर्ष में विस्तृत तथा बहुआयामी हो गया है। पिछले सत्र में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की कुल सदस्यता 45 लाख से अधिक रही है तथा देशभर में 21 हजार से अधिक स्थानों पर अभाविप की इकाइयां व संपर्क स्थान हैं। यह केवल एक आंकड़ा मात्र नहीं है बल्कि यह विद्यार्थी परिषद के अखिल भारतीय स्वरूप को स्पष्टतया सामने लाने के साथ वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े छात्र संगठन होने की बात को सिद्ध करता है। विगत 74 वर्षों से शिक्षा क्षेत्र के विविध विषयों पर कार्यरत अभाविप की सकारात्मक शक्ति ने भारतीय शैक्षणिक परिसरों से राजनीति, सिनेमा, मीडिया, व्यापार,शिक्षा, प्रशासन आदि क्षेत्रों को प्रभावशाली युवा नेतृत्व दिया है। इन विविध क्षेत्रों में आज कई ऐसी नामचीन हस्तियां हैं जो अपने विद्यार्थी जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से सक्रिय रूप से संबद्ध रही हैं।
देश में आपातकाल जैसे बड़े संकट के विरुद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की महत्वपूर्ण भूमिका व योगदान के साथ-साथ लघु स्तर से लेकर वृहद स्तरीय ऐसे अनेक उदाहरण मिलते हैं, जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेतृत्व में देश के युवा वर्ग ने सकारात्मक परिवर्तन निमित्त महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अभाविप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रहे व वर्तमान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर अभाविप के संकल्प निमित्त लिखते हैं- ‘भारत हमारी मां है, हम पुत्र की भांति सभी देशवासियों की सेवा करेंगे, इस संकल्प के साथ विद्यार्थी परिषद की स्थापना हुई थी। … विद्यार्थी परिषद का कार्यक्षेत्र भले ही शैक्षिक परिसर अर्थात कैंपस है, परंतु विचार का क्षेत्र शिक्षा से आगे बढ़कर देशहित के हर मुद्दे के साथ भी संबद्ध है।’
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की यात्रा भारतीय मूल्यों से अनुप्राणित राष्ट्रप्रेमी युवाओं की समर्थ पीढ़ी के निर्माण की यात्रा रही है। कोरोना महामारी के दौरान जब देश पर संकट था तब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेतृत्व में अनेक युवाओं ने लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए उल्लेखनीय कार्य किया। यह हाल का उदाहरण है। ऐसे कितने ही अवसर रहे हैं जब देश में अभाविप के नेतृत्व में युवाओं का समूह विभिन्न समस्याओं के समाधान के निमित्त सबसे पहले आगे आया। वर्तमान में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण हितधारक के रूप में अपनी भूमिका निर्वहन कर रही है, जिससे देश के शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन आ सके।
आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की विभिन्न शाखाएं पर्यावरण, सेवा,खेल आदि क्षेत्रों में भी कार्यरत हैं तथा युवाओं को इन विषयों से संबद्ध कर समाज में सार्थक परिवर्तन लाने का कार्य कर रही हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सतत नवीन विषयों तथा क्षेत्रों से अपनी यात्रा को संबद्ध किया है। इस कारण 75वें वर्ष में पहुंची यह यात्रा कहीं भी बोझिल या रुकी होने के स्थान पर सतत गतिशील तथा नवीन क्षेत्रों में संलग्न दिखती है। एक ओर बाकी छात्र संगठन जहां सीमित क्षेत्रों में छिटपुट आंदोलनों तक ही सीमित हैं। वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की यात्रा केवल आंदोलन तक सीमित न रह, अनुशासनात्मक रचनात्मकता से युवाओं को विश्व तथा राष्ट्र से संबंधित विभिन्न विषयों से जोड़ उन्हें भारतीय मूल्यों के अनुरूप निरंतर गतिशील रह बेहतर करने की प्रेरणा दे रही है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की अनुशासनयुक्त, भारतीयता केन्द्रित विचार पथ पर गतिशीलता की यह यात्रा निरंतर प्रवाहमान रहेगी जिससे आने वाली पीढ़ियां नई चुनौतियों का सामना कर देश के पुनर्निर्माण का स्वप्न पूर्ण कर सकें और सक्षम नागरिक के रूप में भारतीय युवा प्रत्येक क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्वकारी भूमिका निभाएं। राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं।
(लेखक, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक हैं।)