नई दिल्ली । दिल्ली सरकार (Delhi Government) की आम आदमी पार्टी (AAP) नीत सरकार में मंत्री राजेंद्र पाल गौतम (Rajendra Pal Gautam) ने एक धर्मांतरण कार्यक्रम में शामिल होने का वीडियो वायरल (video viral) होने के बाद अपने पद से इस्तीफा (Resignation) दे दिया. पांच अक्टूबर को राजेंद्र गौतम बौद्ध भिक्षुओं के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे और उसमें वो कथित तौर पर हिंदू देवी-देवताओं की पूजा छोड़ने का संकल्प लेते नजर आ रहे थे.
इस वीडियो के वायरल होने के बाद विवाद शुरू हो गया. आप के सूत्रों के मुताबिक सीएम अरविंद केजरीवाल इस बात से नाखुश थे. रविवार शाम को दो पन्नों की चिट्ठी में राजेंद्र गौतम ने अपने पद से आखिरकार इस्तीफा दे दिया.
कब शुरू हुआ विवाद?
आम आदमी पार्टी नीत दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री राजेद्र पाल गौतम पांच अक्टूबर को बौद्ध भिक्षुओं के एक धर्मांतरम कार्यक्रम में शामिल हुए थे. जिसमें वहां पर उन्होंने हजारों लोगों की मौजूदगी में कथित तौर पर भगवान बुद्ध की शिक्षाओं का अनुसरण करने और हिंदू देवी-देवताओं की पूजा छोड़ने का संकल्प लेते नजर आ रहे थे.
इस कार्यक्रम में हजारों लोग मौजूद थे और दिल्ली सरकार के मंत्री की उपस्थिति से मामले में आग में घी पड़ गया. बीजेपी ने इस मामले में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा और गौतम को अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की. आम आदमी पार्टी के सूत्रों ने बताया कि सीएम इस घटनाक्रम को लेकर बेहद नाखुश हैं. हालांकि केजरीवाल की तरफ से इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया आई.
बीजेपी ने किया विरोध
वीडियो वायरल होने के बाद बीजेपी ने इस घटना का विरोध करना शुरू कर दिया. दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ये काम आगामी चुनावों में वोट बैंक की राजनीति के मद्देनजर किया गया है.
बीजेपी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि दशहरा पर कार्यक्रम में गौतम ने हजारों लोगों की मौजूदगी में हिंदू देवी-देवताओं के प्रति ‘अनादर’ दिखाया.
उन्होंने कहा कि यह कोई पहली घटना नहीं है. हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करना और उनके प्रति अनादर दिखाना आप के स्वभाव में है.
राजेंद्र गौतम ने दिया इस्तीफा
दिल्ली के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने धर्मांतरण कार्यक्रम में उपस्थिति को लेकर हुए विवाद के बीच रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. अपने इस्तीफे में उन्होंने बीजेपी पर उनके खिलाफ अफवाहें फैलाने का आरोप लगाया. इसके अलावा उन्होंने प्रदेश की जनता से कहा कि इस प्रक्रिया से जो कोई भी आहत हुआ हो मैं उनसे माफी मांगता हूं.
उन्होंने अपने ट्वीट में इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने लिखा कि मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से मेरे नेता अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) जी और मेरी पार्टी पर कोई आंच आए. मैं पार्टी का एक सच्चा सिपाही होने के नाते तथागत बुद्ध और बाबा साहेब द्वारा दिखाए गए न्यायसंगत और समतामूलक संवैधानिक मूल्यों का आजीवन निर्वाह करूंगा.