नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) (Employees’ Provident Fund Organization (EPFO)) के अनंतिम पेरोल डेटा से पता चलता है कि ईपीएफओ ने सितंबर के महीने में 16.82 लाख सदस्य जोड़े (16.82 lakh members added) हैं। पिछले वर्षों के पेरोल डेटा की तुलना में इस साल सितंबर में 9.14 प्रतिशत की वृद्धि (9.14 percent increase) हुई है।
आंकड़ों के अनुसार, लगभग 2,861 नए प्रतिष्ठानों ने कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत अपने कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा कवर सुनिश्चित करना शुरू कर दिया है। माह के दौरान जोड़े गए कुल 16.82 लाख सदस्यों में से लगभग 9.34 लाख पहली बार ईपीएफओ के दायरे में आए हैं।
श्रम मंत्रालय के अनुसार नए सदस्यों में 18-21 वर्ष की आयुवर्ग के 2.94 लाख, 21-25 वर्ष के 2.54 लाख हैं। यानी लगभग 58.75 प्रतिशत नए सदस्य 18-25 वर्ष की आयु समूह के हैं। इससे पता चलता है कि पहली बार नौकरी चाहने वाले अपनी शिक्षा के बाद बड़ी संख्या में संगठित क्षेत्र के कार्यबल में शामिल हो रहे हैं और संगठित क्षेत्र में नई नौकरियां बड़े पैमाने पर देश के युवाओं को जा रही हैं।
इस महीने के दौरान, लगभग 7.49 लाख सदस्य ईपीएफओ से बाहर हो गए लेकिन ईपीएफओ द्वारा कवर किए गए प्रतिष्ठानों के भीतर अपनी नौकरी बदलकर ईपीएफओ में फिर से शामिल हो गए और अंतिम निपटान के बजाय पिछले पीएफ खाते से अपने फंड को चालू खाते में स्थानांतरित करने का विकल्प चुना।
पेरोल डेटा इंगित करता है कि ईपीएफओ के कवरेज से बाहर निकलने वाले सदस्यों की संख्या में पिछले तीन महीनों के दौरान लगातार गिरावट आई है। महीने-दर-महीने की तुलना से पता चलता है कि पिछले महीने की तुलना में सितंबर, 2022 के दौरान लगभग 9.65 प्रतिशत कम सदस्य ईपीएफओ से बाहर निकले हैं। पेरोल डेटा के लिंग-वार विश्लेषण से संकेत मिलता है कि सितंबर, 2022 में शुद्ध महिला सदस्यों का नामांकन 3.50 लाख रहा है। (एजेंसी, हि.स.)