Saturday, November 23"खबर जो असर करे"

भारत की तरफ उम्मीद से देख रही दुनिया, भारत नेतृत्व करेगा: शिवराज

– सभी मिलकर अखण्ड, शक्तिशाली और आत्म-निर्भर भारत का करें निर्माणः इंद्रेश कुमार

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि भारत (India) को दुनिया के अनेक देश उम्मीद भरी नजरों (Many countries are hopeful) से देख रहे हैं। भारत दुनिया का नेतृत्व (lead the world) करेगा। प्रेम, सद्भाव, एकता और परस्पर सम्मान का भाव रखने में बहुत शक्ति होती है। नफरत की दीवारें तोड़ कर प्रेम की गंगा बहाना है। सभी मिल कर हिन्दुस्तान की प्रगति के लिए कार्य करें। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं बिना भेदभाव के सभी के लिए लागू हों। हम बिना झगड़े और खून-खराबे के साथ बेहतर वातावरण में विकास के लिए मिल कर कार्य करें।

मुख्यमंत्री चौहान बुधवार शाम को भोपाल के स्थानीय छोला क्षेत्र के मन्नत गार्डन में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के “अखण्ड भारत: एक परिचर्चा” और “दीपावली मिलन” समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास की भावना के साथ प्रेम और भाईचारे के साथ मिलकर रहने से अखण्ड भारत को बनाने और मजबूत करने का कार्य हो सकेगा।

उन्होंने कहा कि वर्ष 1947 में भारत का बंटवारा हुआ, लेकिन हमारी संस्कृति, हमारे पूर्वज, हमारी नदियां एक हैं। मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना- हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का एकता और सद्भाव का संदेश सभी जगह जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह विश्वास किया जा सकता है कि विभक्त हुए देश फिर एक होंगे। नफरत की दीवारें खड़ी नहीं होना चाहिए। दंगे और झगड़े नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अनेक लोगों की रोजी-रोटी झगड़ों और फसादों से चलती होगी।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंद्रेश कुमार ने कहा कि हम एक थे, एक हैं और एक रहेंगे। मुस्लिम समुदाय अल्पसंख्यक नहीं, भारत का मूल नागरिक बनकर जियें। हम सब हिन्दुस्तानी कहलाएं। सभी को मिल कर एक अखण्ड, शक्तिशाली और आत्म-निर्भर भारत का निर्माण करना है। नये हिन्दुस्तान को बनाने के लिए सभी अच्छे और सच्चे भारतीय के रूप में सामने आएँ। उन्होंने शायर अल्लामा इकबाल के गीत “सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा” का भी जिक्र किया।

इंद्रेश कुमार ने कहा कि हमारे मदरसों में स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस पर कार्यक्रम हो रहे हैं। दरगाहों में सद्भावना और भाईचारे के लिए दीप उत्सव के प्रयास भी लोकप्रिय हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया की हवाई सेवा का प्रतीक-चिन्ह गरूड़ है। अनेक देशों में भारतीय संस्कृति के प्रतीक-चिन्ह और स्मारक हैं। जब यूरोपियन यूनियन हो सकती है तो भारतीय यूनियन क्यों नहीं हो सकती। आज झगड़ों की नहीं सुलह और समाधान की जरूरत है।

कार्यक्रम में अतिथियों को तुलसी का पौधा के साथ शाल, अंगवस्त्र और स्मृति-चिन्ह भेंट किए गए। कार्यक्रम में मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजाल, मध्यप्रदेश के संयोजक मोहम्मद फारूख खान, एसके मुद्दीन, तपन भौमिक, रमेश शर्मा “गुट्टू भैया” सहित अनेक जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। प्रारंभ में भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। समापन राष्ट्र गान से हुआ। (एजेंसी, हि.स.)