– मुख्यमंत्री ने खाद वितरण समस्या वाले जिला कलेक्टर्स से की वर्चुअल चर्चा
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि किसानों (farmers) को आसानी से खाद (readily available fertilizer) मिले। वितरण केंद्र के पास टेंट, बैठक व्यवस्था और पेयजल का प्रबंध रहे। उपलब्धता के बावजूद वितरण व्यवस्था (distribution system) की किसी कमी के कारण किसान को परेशानी नहीं आना चाहिए। किसान को लाइन न लगाना पड़े, उसका समय और ऊर्जा जाया न हो, इसके लिए कलेक्टर्स पूरी व्यवस्था पर निगरानी रखें।
मुख्यमंत्री चौहान बुधवार देर शाम अपने निवास से वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा खाद वितरण समस्या वाले कुछ जिलों के कलेक्टर्स से चर्चा कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने बताया कि प्रदेश में खाद की कमी नहीं है, न ही आने वाले समय में कमी रहेगी। वे नियमित रूप से केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया से सम्पर्क में हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश को सदैव आवश्यकता के अनुसार खाद उपलब्ध करवाने का कार्य किया है।
बैठक में कृषि मंत्री कमल पटेल, राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव किसान कल्याण तथा कृषि विकास अशोक वर्णवाल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी और जनसम्पर्क विभाग के प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार सिंह उपस्थित थे।
हरदा की व्यवस्थाओं की हुई चर्चा
बैठक में हरदा जिला में प्रशासन द्वारा खाद वितरण की बेहतर व्यवस्था पर चर्चा हुई। हरदा कलेक्टर ने बताया कि जिले में एक्स्ट्रा काउंटर व्यवस्था, विभिन्न एजेंसियों के मध्य समन्वय, वितरण केंद्रों में आवश्यक सुविधाओं को सुनिश्चित करने के साथ ही डिफाल्टर किसान सहित सभी के लिए खाद के प्रबंध आवश्यतानुसार किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने अन्य जिलों में ऐसे ही व्यवस्थित उपाय कर किसानों की शिकायत शून्य करने के निर्देश दिए।
इन जिलों से हुई चर्चा
मुख्यमंत्री ने सतना, दमोह, सागर, छतरपुर, नीमच नर्मदापुरम, देवास और इंदौर जिलों के कलेक्टर्स से खाद की उपलब्धता, वितरण केंद्र संख्या, वितरण व्यवस्था और इस माह की संभावित मांग के अनुरूप आपूर्ति के प्रबंध के संबंध में बातचीत कर निर्देश दिए। मुख्यमंत्री 11 नवम्बर को पुन: समीक्षा करेंगे।
मुख्यमंत्री के कलेक्टर्स को प्रमुख निर्देश
– किसी भी जिले में किसानों को लाइन न लगानी पड़े।
– जिलों में खाद वितरण सुचारू रहे, जहाँ आवश्यक हो विकेंद्रीकरण किया जाए।
– किसानों को अधिक दूरी से खाद लेने न आना पड़े।
– आवश्यक हो तो अतिरिक्त अमला इस कार्य में लगाएँ।
– वितरण केंद्रों पर पीने के पानी का प्रबंध भी रहे।
– आवश्यक हो तो वितरण के लिए अतिरिक्त केंद्र शुरू करें। (एजेंसी, हि.स.)